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महाराष्ट्र के 143 अखबार मालिकों को हो सकती है जेल!

मुम्बई और औरंगाबाद के 30 अखबार मालिकों ने नहीं लागू किया मजीठिया वेज बोर्ड, आरटीआई से हुआ खुलासा

मुंबई : महाराष्ट्र के श्रम आयुक्त कार्यालय द्वारा कराये गए सभी समाचार पत्रो के सर्वे रिपोर्ट के आकड़ों को देखें तो इतना तय है कि महाराष्ट्र के 143 अखबार मालिक सुप्रीम कोर्ट के लाख समझाने के बावजूद अपने कर्मचारियों को मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन, भत्ते और सुविधायें नहीं दे रहे हैं। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अगर इस मामले को गंभीरता से लिया तो इन 143 अखबार मालिकों का जेल जाना तय है। जेल जाने वालों में कई दिग्गज अखबार मालिक भी होंगे।

<p><span style="font-size: 18pt;">मुम्बई और औरंगाबाद के 30 अखबार मालिकों ने नहीं लागू किया मजीठिया वेज बोर्ड, आरटीआई से हुआ खुलासा</span></p> <p>मुंबई : महाराष्ट्र के श्रम आयुक्त कार्यालय द्वारा कराये गए सभी समाचार पत्रो के सर्वे रिपोर्ट के आकड़ों को देखें तो इतना तय है कि महाराष्ट्र के 143 अखबार मालिक सुप्रीम कोर्ट के लाख समझाने के बावजूद अपने कर्मचारियों को मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन, भत्ते और सुविधायें नहीं दे रहे हैं। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अगर इस मामले को गंभीरता से लिया तो इन 143 अखबार मालिकों का जेल जाना तय है। जेल जाने वालों में कई दिग्गज अखबार मालिक भी होंगे।</p>

मुम्बई और औरंगाबाद के 30 अखबार मालिकों ने नहीं लागू किया मजीठिया वेज बोर्ड, आरटीआई से हुआ खुलासा

मुंबई : महाराष्ट्र के श्रम आयुक्त कार्यालय द्वारा कराये गए सभी समाचार पत्रो के सर्वे रिपोर्ट के आकड़ों को देखें तो इतना तय है कि महाराष्ट्र के 143 अखबार मालिक सुप्रीम कोर्ट के लाख समझाने के बावजूद अपने कर्मचारियों को मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन, भत्ते और सुविधायें नहीं दे रहे हैं। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अगर इस मामले को गंभीरता से लिया तो इन 143 अखबार मालिकों का जेल जाना तय है। जेल जाने वालों में कई दिग्गज अखबार मालिक भी होंगे।

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मुम्बई के निर्भीक पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्त्ता शशिकांत सिंह ने श्रम आयुक्त कार्यालय द्वारा समाचार पत्रों में मजीठिया वेज बोर्ड के लागू होने के बारे में कुछ जानकारी मांगी थी। इस आरटीआई से ये खुलासा हुआ कि महाराष्ट्र के 143 अखबार मालिकों ने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश अपने यहाँ नहीं लागू की है। इन 143 अखबार मॉलिको में 30 न्यूज़ पेपर मुम्बई के हैं। मुम्बई कोंकण से कुल 47 न्यूज़ पेपर निकलते हैं। इसमे सिर्फ 6 समाचार पत्रों ने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू की है जबकि 11 ने आंशिक और 30 ने तो पूरी तरह मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू नहीं की है।

इसी तरह पुणे से कुल 38 न्यूज़ पेपर प्रकाशित होते हैं जिसमें सिर्फ 9 समाचार पत्रों में ये सिफारिश लागू है। एक न्यूज़ पेपर ने आंशिक रूप से ये सिफारिश लागू की है जबकि 28 न्यूज़ पेपरों में मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश नहीं लागू है। नागपुर से सबसे ज्यादा 48 न्यूज़ पेपर निकलते हैं जिसमे से 17 न्यूज़ पेपरों ने अपने कर्मचारियों के लिए मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू की है। यहाँ 2 न्यूज़ पेपरों ने आंशिक रूप से ये सिफारिश अमल में लाया है जबकि 29 अखबार मालिकों ने माननीय सुप्रिमकोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखाया है। इसी तरह नासिक से 40 न्यूज़ पेपर निकलते हैं यहाँ 9 समाचार पत्रों में मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू है जबकि 5 ने आंशिक रूप से ये सिफारिश लागू की है और 26 समाचार पत्रों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को धता बता दिया है।

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औरंगाबाद से कुल 34 न्यूज़ पेपर निकलते हैं जहाँ सिर्फ 2 अखबारों में मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू है जबकि 2 ने आंशिक रूप से ये सिफारिश लागू की है जबकि 30 समाचार पत्र प्रबंधन ने  मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश को माना ही नहीं। आकड़ों को देखे तो इस स्टेटस रिपोर्ट में बताया गया है कि महाराष्ट्र से कुल 207 समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं जिसमे सिर्फ 43 समाचार पत्रों ने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू की है जबकि 21 ने आंशिक रूप से इस सिफारिश को लागू किया है। महाराष्ट्र में 143 अखबार मालिकों ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखा दिया है। अब देखना है माननीय सुप्रीम कोर्ट इन अखबार मालिकों के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है।

शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट
मुंबई
9322411335

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