कई अखबारों में वरिष्ठ पद पर काम कर चुके दिल्ली के पत्रकार अनूप भटनागर की किडनी पिछले दिनों सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट कर दी गई. एम्स में भर्ती अनूप भटनागर हाल फिलहाल पीटीआई से जुड़े रहे. उनके इलाज में लगभग दस बारह लाख रुपये खर्च आए. पीटीआई भाषा के साथियों ने चंदा करके तीन चार लाख रुपये अनूप को दिए. प्रेस क्लब आफ इंडिया की तरफ से भी पच्चीस तीस हजार रुपये दिए गए. अनूप भटनागर अब भी एम्स में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है.
असल में नई किडनी को बाडी एसेप्ट करे, इसके लिए ढेर सारी दवाएं दी जाती हैं जिसके कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. किडनी तो एडजस्ट हो जाती है लेकिन बाद में इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण छोटे मोटे रोगों से निपटना पड़ता है. इन दिनों इसी तरह के कई समस्याओं से अनूप भटनागर जूझ रहे हैं. अनूप भटनागर जीवट पत्रकार हैं जो पिछले कई सालों से डायलिसिस के जरिए जी रहे थे और पत्रकारिता भी कर रहे थे. डायलिसिस के कारण उन्हें हर हफ्ते या पंद्रह दिन में पूरा खून निकलवाना और नया खून चढ़वाना होता था. यह प्रक्रिया बहुत पीड़ादायी और खर्चीली थी. अंतत: उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट का फैसला लिया. इसके पहले उन्होंने केंद्र सरकार से लेकर दिल्ली सरकार और यूपी सरकार तक से इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार लगा चुके हैं लेकिन कहीं उनकी सुनवाई नहीं हुई.
अगर आप अपने स्तर से मदद करना चाहते हैं या किसी प्रदेश या केंद्र सरकार से आर्थिक मदद दिला सकते हैं तो अनूप भटनागर से संपर्क उनके मोबाइल नंबर 9810871279 के माध्यम से कर सकते हैं.