रायपुर में एक पत्रकार को भाजपा नेता द्वारा पीटे जाने के खिलाफ आंदोलित पत्रकारों ने विरोध का नया तरीका निकाल लिया है. भाजपा नेताओं से बाइट लेने की जब भी नौबत आती है, वे झट से हेलमेट लगा लेते हैं. यह तरीका सिर्फ यह दिखाने के लिए है कि उन्हें भाजपा नेताओं पर भरोसा नहीं है क्योंकि वे पत्रकारों पर हमला कर देते हैं. पत्रकार सुमन पांडेय से मारपीट व दुर्व्यवहार करने के आरोपी रायपुर जिला भाजपा अध्यक्ष राजीव अग्रवाल को पार्टी से बाहर करने की मांग को लेकर रायपुर के अलावा बिलासपुर में भी पत्रकार आंदोलित हैं.
बिलासपुर में मंगलवार एक बाइक रैली निकालकर प्रदर्शन किया गया और भाजपा कार्यालय के सामने जमकर नारेबाजी की. पत्रकारों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की तो पूरे संभाग के पत्रकार बिलासपुर पहुंचकर आंदोलित होंगे. आज नेहरू चौक पर धरना दिया गया.
पत्रकारों की एकजुटता के लिए बिलासपुर प्रेस क्लब ने भी बैठक रखी जिसमें बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित थे. सभी ने एक स्वर से भाजपा के कृत्य की निंदा की और कहा कि सबसे बड़े राजनीतिक दल होने का दावा करने वाले तथा प्रदेश में 15 साल तक सत्ता में रहने वाले भाजपा के नेता लगातार मीडिया के साथ अपमानजनक बर्ताव रहे हैं. इसके पहले छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रभारी अनिल जैन भी पत्रकारों को कांग्रेसी कह कर सम्बोधित कर चुके हैं. वक्ताओं ने कहा कि हमें जो दिखता है, उसे ही बताते हैं जबकि भाजपा नेता चाहते हैं कि उनकी तारीफ ही की जाये, सच को छिपा दें. यह दुर्भाग्य की बात है कि संगठन की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया इस घटना को लेकर नहीं है. यहां तक कि आरोपी राजीव अग्रवाल के विरुद्ध अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
प्रेस क्लब अध्यक्ष तिलकराज सलूजा ने सभी पत्रकारों से आंदोलन की रूपरेखा के लिए सुझाव मांगे. इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार ज्ञान अवस्थी, पत्रकार राजेश अग्रवाल, भास्कर मिश्रा, वीरेन्द्र गहवई, यशवंत गोहिल, रमन दुबे, आशीष साहू, अतुल खरे, निर्मल माणिक, सतीश साहू, मनोज राज, उमेश सिंह राजपूत, विशाल झा सहित अनेक पत्रकारों ने आंदोलन की रूपरेखा पर सुझाव रखा.
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