ज़ी समूह के मालिक सुभाष चंद्रा के हाव-भाव ठीक नहीं दिख रहे हैं. ऐसा थोड़ी देर पहले आए उनके एक ट्वीट को देख कर जान पड़ रहा है.
कल 5 मई, रविवार को चंद्रा ने लिखा कि, ‘Saw the play ‘Mere Ram’ a powerful line by dying Ravan “मेरे पतन का कारण मुझे अपने ज्ञान का अहंकार था और राम को अहंकार का ज्ञान था” हमें इसे समझ कर अपने व्यवहार में बदलाव करने में ही लाभ है. जय भारत.’
चंद्रा के इस मैसेज में एक संदेश है. लेकिन वे संदेश देना किसे चाहते हैं?
ज़ी चेयरमैन डॉ सुभाष चंद्रा ने इससे पहले यानी कल 4 मई को भी एक ट्वीट किया था. इस ट्वीट में एक 5 मिनट से ज्यादा अवधि का वीडियो शेयर किया गया था. वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम को लेकर. चंद्रा ने कहा, “भारत 180 देशों में 159वें नंबर पर है, फ्री स्पीच के मामले में. वे प्राइवेट चैनल के पहले फाउंडर के तौर पर जाने जाते हैं. आज लगभग 500 से अधिक चैनल हैं, यह एक बड़ा व्यवसाय बन चुका है. इससे 8 लाख से ज्यादा लोग सीधे तौर पर और 17-20 लाख लोग इनडायरेक्टली लाभार्थी हैं.”
इसके बाद चंद्रा अपना एक किस्सा बताते हैं. कहते हैं, “जब 1991 के आसपास मैं चैनल शुरू करने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय गया था, तब सूचना मंत्री के विशेष महेश प्रसाद (लेट) के दफ्तर गया. चैनल शुरू करने के लिए अनुमति मांगी तो वे बिगड़ गए. प्राइवेट (स्वतंत्र) चैनल चलाने के लिए मुझे जेल भेज देने की बात कही. लेकिन मैं ठानकर आया था कि चैनल चलाना ही है चाहें जो हो जाए. उन्होंने कहा, साथियों आज करीब 33 साल बाद फिर से उसी वक्त का अनुभव कर रहा हूं.”
चंद्रा ने कहा कि, “बात असल में कुछ और है पर फिर कभी बताउंगा. लेकिन आप ये जान लीजिए की ज़ी को देश-विदेश की 10 भाषाओं और 150-155 करोड़ लोग रोज देख रहे हैं. इसका अर्थ क्या है, ये फिर किसी दिन बताउंगा. आज तो बस ये कहूंगा देश के सभी पत्रकारों के साथ मैं खड़ा हूं.”
आपको बता दें कि ज़ी समूह में इन दिनों चल रही उठा-पटक के बीच एक फरमान भी जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि, जी नेटवर्क के सभी चैनलों पर मोदी, शाह और योगी की सभाओं व रोड शो को Live प्रसारित नहीं किया जाएगा. इसी बात को लेकर आज चैनल के सीईओ और चंद्रा के बीत जमकर कहासुनी भी होने जैसी बात सामने आई है. इसका नतीजा यह रहा कि सीईओ को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है.
बहरहाल, लोग चंद्रा के इन ट्वीट्स पर अलग ही टोन में ट्वीट भेज रहे हैं. बात कुछ भी हो लेकिन इतना तो माना जा सकता है कि चंद्रा और मौजूदा सत्ता के बीच सबकुछ या कुछ भी ठीक नहीं है. और इसी का तय-तोड़ यह भी देखा जा रहा है कि चंद्रा की राहें अब पूरी तरह से बीजेपी से अलग हो गई हैं. तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या चंद्रा मौजूदा सत्ता से दो-दो हाथ करने के लिए आस्तीनें समेट चुके हैं?
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सूचित किया जाता है कि, अभय ओझा अब ज़ी न्यूज़ में नहीं रहे!