Raj Khanna-
वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण सिंह की स्मृति को संजोने की संजीदा कोशिशें शुरू हो गई हैं। भाजपा विधायक देव मणि द्विवेदी ने आश्वस्त किया है कि शेषजी की स्मृति में तहसील मुख्यालय लम्भुआ में सभागार और उससे जुड़े पुस्तकालय का निर्माण कराया जाएगा। विधायक श्री द्विवेदी के प्रयासों से हाल ही में लम्भुआ को नगर पंचायत का दर्जा मिला है। प्रस्तावित सभागार-पुस्तकालय के रखरखाव और सुचारु संचालन को सुनिश्चित करने के लिए उसे नगर पंचायत से सम्बद्ध किया जाएगा।
शोभीपुर (लम्भुआ) निवासी शेषजी का पिछले महीने सात मई को दुःखद निधन हो गया था। पत्रकारिता की दुनिया में शेषजी का विशिष्ट स्थान था। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित पक्ष-विपक्ष के दिग्गज नेताओं ने शेषजी के निधन को पत्रकारिता की बड़ी क्षति बताते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की थी। बेहद खुशमिजाज और जिंदादिल इंसान शेषजी के दोस्तों-प्रशंसकों और चाहने वालों का दायरा बहुत बहुत बड़ा और दूर तक फैला हुआ था। उनके आकस्मिक निधन ने उन तमाम लोगों को स्तब्ध कर दिया।
लम्बे समय तक दिल्ली में रहते हुए पत्रकारिता करने के बाद भी शेषजी का अपने घर-गांव से बेपनाह लगाव था। वे अपनी जड़ों से लगातार जुड़े रहे और जहां-कहीं बैठे वहां सुल्तानपुर की चर्चा होते ही भावुक और उत्साहित हो जाते थे। उनके असमय चिरप्रस्थान से दुःखी क्षेत्र के युवाओं ने उनकी स्मृति को स्थायित्व प्रदान करने के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम शुरू की है।
पहल बुधापुर (लम्भुआ) निवासी शिवेंद्र विक्रम सिंह ने की। शेषजी के बचपन के साथी श्री जवाहर लाल के पुत्र पत्रकार विवेक बरनवाल ने इस अभियान को गति प्रदान की है। राजेन्द्र प्रताप सिंह और ‘अंकुरण’ से जुड़े समाजसेवी अभिषेक सिंह आदि ने भी इसमें सहभागिता की है।
छात्र जीवन से ही शेषजी मेरे जिगरी दोस्त थे। आज सुबह फोन पर मैंने लम्भुआ के लोकप्रिय विधायक देवमणि जी को क्षेत्र के युवाओं के आग्रह की याद दिलाई थी। देवमणि जी और उनकी विदुषी पत्नी रेखाजी भी शेषजी से काफी आत्मीयता से जुड़े थे। ये रिश्ते देवमणि जी के राजनीति में आने के बहुत पहले के थे। देवमणि जी ने मुझे आश्वस्त किया था कि वह आज ही मेरे निवास पर इस सिलसिले में बैठेंगे। अपने वायदे के मुताबिक वे और रेखा जी आये। युवा पत्रकार विवेक बरनवाल पहले ही आ गए थे। सभी के पास शेषजी से जुड़ी यादों को साझा करने के लिए बहुत कुछ था और उस चर्चा में सब भावुक हुए।
शेषजी की स्मृति में सभागार-पुस्तकालय के निर्माण को लेकर विधायक देवमणि जी काफी संजीदा दिखे। उन्होंने निर्माण के साथ ही भविष्य में उसके रखरखाव और संचालन की सुव्यवस्था के लिए भी पर्याप्त होमवर्क कर रखा है। जल्दी ही वे इस सिलसिले में मुख्यमंत्री जी से भेंट करेंगे। उन्होंने आश्वस्त किया है सभागार-पुस्तकालय जरूर बनेगा। कहा, ‘ पत्रकारिता जगत में शेषजी ने सुल्तानपुर को राष्ट्रीय पहचान दी। उनका नाम और उनकी सक्रियता हम सबके लिए गर्व-गौरव का विषय रही है। उन्हें भुलाया नही जा सकता। प्रस्तावित सभागार-पुस्तकालय हमेशा उनकी याद दिलाता रहेगा।’
शेषजी के तमाम साथी और प्रशंसक देवमणि जी के इस वायदे पर पूरा यकीन कर रहे हैं। अपनी शुभकामनाओं के साथ वे इसके पूरा होने की प्रतीक्षा करेंगे।