Abhishek Srivastava : 26 जून की सुबह जब मैं सिंगरौली से निकला, ठीक उसी वक्त एनडीटीवी की रिपोर्टर निहा मसीह आइबी की रिपोर्ट के आईने में महान कोल के खिलाफ ग्रीनपीस के संघर्ष को कवर करने वहां पहुंचीं। 28 जून को दिखाई गई कुल 3 मिनट 11 सेकंड की स्टोरी में महान संघर्ष की ”जटिलताओं” को ”ग्राउंड रिपोर्ट” के माध्यम से समझाने का दावा करने वाले इस चैनल को वहां के लोग इस उम्मीद में लगातार देखते रहे कि नीचे की पट्टी पर लिख कर आ रहे Coming Up के मुताबिक उनकी कहानी विस्तार से आएगी, लेकिन अगला कार्यक्रम ”गुस्ताखी माफ” निकला। कल रात मुझे फोन कर के एक स्थानीय शख्स ने कहा, ”लगता है एनडीटीवी वालों ने स्टोरी पर डील कर ली।”
सिंगरौली के ग्रामीणों को अब भी पूरे एक दिन की कवरेज के हिसाब से विस्तृत स्टोरी का इंतज़ार है जबकि एनडीटीवी ने सिर्फ चार बाइटों (ग्रीनपीस कार्यकर्ता, डीएम, कंपनी के सीईओ और महान बचाओ समिति के कार्यकर्ता) में अपनी ”ज़मीनी पत्रकारिता” की इतिश्री कर ली है। याद रहे कि एनडीटीवी इकलौता राष्ट्रीय चैनल था जो ओडिशा के नियमगिरि में ग्रामसभा को कवर करने पहुंचा था, लेकिन कवरेज के अगले दिन ही उसने वेदांता कंपनी के साथ दिल्ली में बेटी बचाओ अभियान का लोकार्पण कर डाला था। इंतज़ार है कि एनडीटीवी वाले इस रिपोर्ट को पूरा दिखाते हैं या फिर कंपनियों के 2 परसेंट सीएसआर का लाभार्थी बनकर पर्यावरण को बचाते हैं। फिलहाल, कल दिखाई गई संक्षिप्त रिपोर्ट नीचे देखें।
पत्रकार और एक्टिविस्ट अभिषेक श्रीवास्तव के फेसबुक वॉल से.