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दैनिक जागरण के संपादकीय प्रभारी एवं चीफ रिपोर्टर के बीच सड़क पर गाली-ग्‍लौज

दैनिक जागरण, इलाहाबाद से खबर है कि संपादक और चीफ रिपोर्टर शुक्रवार की रात सरे राह आपस में एक दूसरे की ऐसी की तैसी करते दिखे. एक दूसरे की मां-बहन करने के बाद देख लेने तक की धमकी दी गई. सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ दिन तो दोनों लोगों के बीच पद को लेकर तनाव और तनातनी चल रही थी, जो बीती रात कहासुनी और गाली-ग्‍लौज में बदल गई. हालांकि कुछ लोगों ने बीच बचाव कर मामले को सुलटा दिया.

<p>दैनिक जागरण, इलाहाबाद से खबर है कि संपादक और चीफ रिपोर्टर शुक्रवार की रात सरे राह आपस में एक दूसरे की ऐसी की तैसी करते दिखे. एक दूसरे की मां-बहन करने के बाद देख लेने तक की धमकी दी गई. सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ दिन तो दोनों लोगों के बीच पद को लेकर तनाव और तनातनी चल रही थी, जो बीती रात कहासुनी और गाली-ग्‍लौज में बदल गई. हालांकि कुछ लोगों ने बीच बचाव कर मामले को सुलटा दिया.</p>

दैनिक जागरण, इलाहाबाद से खबर है कि संपादक और चीफ रिपोर्टर शुक्रवार की रात सरे राह आपस में एक दूसरे की ऐसी की तैसी करते दिखे. एक दूसरे की मां-बहन करने के बाद देख लेने तक की धमकी दी गई. सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ दिन तो दोनों लोगों के बीच पद को लेकर तनाव और तनातनी चल रही थी, जो बीती रात कहासुनी और गाली-ग्‍लौज में बदल गई. हालांकि कुछ लोगों ने बीच बचाव कर मामले को सुलटा दिया.

बताया जा रहा है कि काम खत्‍म होने के बाद संपादकीय प्रभारी अवधेश गुप्‍ता तथा पूर्व सिटी इंचार्ज व चीफ रिपोर्टर एलएन त्रिपाठी सिविल लाइन की तरफ गए थे. किसी बात को लेकर इन दोनों लोगों में विवाद हुआ. कहासुनी होते मामला गाली-ग्‍लौज और एक दूसरे को देख लेने की धमकी तक पहुंच गई. हाथापाई की नौब‍त आती, इससे पहले ही कुछ लोगों ने बीच बचाव कर लिया. हालांकि इस वाकये को लेकर जो जानकारी सामने आई है, उसमें नाराजगी सिटी इंचार्जी से हटाए जाने को लेकर है.

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चीफ रिपोर्टर एलएन त्रिपाठी पिछले तीन सालों से सिटी इंचार्ज का दायित्‍व निभा रहे थे. कुछ दिनों पहले संपादकीय प्रभारी अवधेश गुप्‍ता ने एलएन त्रिपाठी को हटाकर आशुतोष तिवारी को इलाहाबाद का नाया सिटी इंचार्ज बना दिया. इसके बाद से ही इन दोनों लोगों के बीच तनातनी चल रही थी. जो शुक्रवार की रात सड़क पर भड़ास के रूप में निकली. बताया जा रहा है कि प्रबंधन ने समय रहते इसपर ध्‍यान नहीं दिया तो इलाहाबाद यूनिट में कुछ भी अप्रिय घट सकता है. बरेली में भी अवधेश गुप्‍ता के कार्यकाल के दौरान कई विवाद हो चुके हैं.

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