भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) के एक प्रोफेसर ने शुक्रवार को यह आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया कि दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या और जेएनयू व एफटीआईआई मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने उन पर कार्रवाई की और उनका तबादला ओड़ीशा में कर दिया। अंग्रेजी पत्रकारिता विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर अमित सेनगुप्ता ने ओड़ीशा के ढेंकानाल जिले में अग्रणी मीडिया स्कूल के कैंपस में तबादले के जारी आदेश के बाद इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने इसे राजनीतिक फैसला बताते हुए इसका विरोध किया। सेनगुप्ता ने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा, ‘मुझे निशाना बनाया गया क्योंकि मैंने आईआईएमसी के छात्रों के कैंपस में स्वतंत्र रूप से आयोजित किए गए रोहित वेमुला के लिए एकजुटता प्रदर्शन में हिस्सा लिया, इसमें संकाय के अन्य सदस्य भी शामिल हुए थे। मुझे इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि मैंने जेएनयू और एफटीआईआई छात्रों का समर्थन किया’।
आरोपों को खारिज करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए कैंपस के राजनीतिकरण सहित सेनगुप्ता की अनुशानहीनता की कुछ हरकतों का पता चला था। हालांकि अधिकारी ने कहा कि ढेंकानाल कैंपस में संकाय की कमी के कारण सेनगुप्ता को अस्थाई रूप से भेजा गया। मंत्रालय के इस आरोप पर सेनगुप्ता ने कहा कि सोशल मीडिया पर रखा गया उनका नजरिया उनके निजी दायरे में है और यह उनका संवैधानिक अधिकार है। अमित सेनगुप्ता ने ओडिशा के ढेंकानाल जिले में IIMC कैंपस में ट्रांसफर का आदेश मिलने के बाद इस्तीफा दे दिया। उन्होंने ट्रांसफर को ‘राजनीतिक फैसला’ बताया।