अमिताभ अग्निहोत्री के आने के बावजूद R9TV टीआरपी में फिसड्डी
अपने शुरुआती दिनों से ही विवादों में रहा चैनल R9 दम तोड़ रहा है। कई बड़े नामों को चैनल संग जोड़ने की कवायद मैनेजमेंट ने की। बाद में अमिताभ अग्निहोत्री को लाखों की सेलरी पर चैनल से जोड़ा गया। 3 महीने बाद यूपी-उत्तराखंड में टीआरपी के शिखर पर होंगे, यह दावा किया गया।
चैनल के नये एडिटर इन चीफ अमिताभ अग्निहोत्री खुद तो आए ही, अपने साथ टीम भी ले आए। आने के साथ ही शुरु हुआ नई और पुरानी टीमों का द्वंद। सबसे पहले एसाइनमेंट हेड संजय पाठक को चलता कर दिया गया। धीरे-धीरे न्यूजरूम में नवरत्नों ने पैर जमाने शुरू किए। पुरानी टीम असहज महसूस करने लगी।
समय बीतता गया और फिर अवतार हुआ महानायक का। खुद को संपादक कहने के बजाय उन्हें खबरों का महानायक कहा जाना ज्यादा पसंद है। महानायक के शान में गढ़े कसीदों के नये नये प्रोमो बनवाए गए। गाजियाबाद से गौतमबुद्धनगर वाया नोएडा तक महानायक के विशालकाय होर्डिंग्स लग गए। न्यूजरूम का माहौल ऐसा बना दिया गया कि बस महानायक की एंट्री होते ही R9 TV की टीआरपी एवरेस्ट के लबों को चूम लेगी।
समय बीता और वो दिन भी आया।
खबरों के महानायक शाम 6 बजे चैनल पर अवतरित होने लगे। एक दिन आंकड़ों की बाजीगरी पेश की गई। बताया गया कि यूपी में एक दिन में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला शो खबरों के महानायक का है।
न्यूजरूम में ‘तुम जो आए जिंदगी में बात बन गई’ टाइप का माहौल बन गया। खुशखबरी में काजू के बर्फी लुटा दिए गए। लेकिन टीआरपी 7वें नंबर पर लगातार बनी रही।
महानायक बेचैन!
टीवी पर दिखने वाले महानयक न्यूजरूम में मोगैम्बो की भूमिका में नजर आने लगे। बात-बात पर बाहर निकालने की धमकी मिलने लगी। अचानक न्यूजरूम का माहौल फिल्म अंधा कानून के स्क्रिप्ट में बदल गया। महानायक छोटी-छोटी बातों पर नौकरी से निकालने की धमकी देने लगे। महानायक आत्ममुग्धता के शिकार हैं। मैं और मेरा ज्ञान। दुनिया में उनके जैसा कोई भी ज्ञानी नहीं है। उनका और उनके चरणचाटुकारिता करने वालों का ऐसा ही मानना है।
तमाम तामझाम और झमाझम वाले प्रोमो, पोस्टर के बावजूद गिरती टीआरपी से आहत महानायक ने अब पुरानी टीम को बाहर निकालने का मन बना लिया है। करीब 18-20 लोगों की लिस्ट महानायक को सौंप दी गई है। 3-4 लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। 4-5 लोग खुद छोड़ कर चले गए। लॉकडाउन के दौरान ऑफिस नहीं आने वालों का पूरा वेतन काट लिया गया। 10 घंटे का शिफ्ट जारी है। सभी डरे सहमे अपने अंधकारमय भविष्य की चिंता में डूबे हैं। महानायक मोटी तनख्वाह की मलाई काट रहे हैं और चैनल के मालिक फंड की तलाश में बिहार-झारखंड के दौरे पर हैं।
फिलहाल तो करीब 20 लोग महानयक के कोपभाजन का शिकार बनने वाले हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि 20 लोगों की बलि के बाद चैनल टीआरपी के शिखर पर होगा। इसके बावजूद भी अगर टीआरपी यूं ही हिचकोले खाती रही तो फिर क्या… ये बड़ा सवाल है?
R9TV के एक पूर्व पत्रकार की व्यथा.