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सुख-दुख

मोदी को लेटर भेजने का असर : एमिटी के मालिक अशोक चौहान ने ग्रेच्युटी की रकम तो दी ही, माफी भी मांगी

Kavita Surbhi : नरेंद्र मोदी जी के प्रति नमन, जिन्होंने जनवाद के मार्ग को सबसे श्रेष्ठ माना। मैं एमिटी यूनिवर्सिटी से अपनी ग्रेच्युटी प्राप्त करने के लिए निरंतर संघर्ष कर रही थी। परिस्थितियां कुछ ऐसी थीं कि आर्थिक सहयोग की आवश्यकता थी और ग्रेच्युटी मेरा अधिकार भी था। विश्वविद्यालय को काफी मेल कीं। एमिटी के एकाउंट्स विभाग से लेकर फाउंडर श्री अशोक चौहान तक को। एकाउंट्स को फ़ोन करती, तो दादा कहा जाने वाला व्यक्ति कहता, मैडम, यहाँ साल-दो साल तक लोगों को अपनी रकम नहीं मिलती, अभी तो आपको सात महीने ही हुए हैं और चालीस हजार के लिए आप इतनी परेशान हैं?

Kavita Surbhi : नरेंद्र मोदी जी के प्रति नमन, जिन्होंने जनवाद के मार्ग को सबसे श्रेष्ठ माना। मैं एमिटी यूनिवर्सिटी से अपनी ग्रेच्युटी प्राप्त करने के लिए निरंतर संघर्ष कर रही थी। परिस्थितियां कुछ ऐसी थीं कि आर्थिक सहयोग की आवश्यकता थी और ग्रेच्युटी मेरा अधिकार भी था। विश्वविद्यालय को काफी मेल कीं। एमिटी के एकाउंट्स विभाग से लेकर फाउंडर श्री अशोक चौहान तक को। एकाउंट्स को फ़ोन करती, तो दादा कहा जाने वाला व्यक्ति कहता, मैडम, यहाँ साल-दो साल तक लोगों को अपनी रकम नहीं मिलती, अभी तो आपको सात महीने ही हुए हैं और चालीस हजार के लिए आप इतनी परेशान हैं?

मेरे लिए यह एक धक्का था। सात महीने की ग्रेच्युटी सिर्फ चालीस हज़ार। वहीं कुछ लोगों ने सलाह भी दे डाली, निरंतर फाउंडर साहब को पत्र लिखते रहिये। उन्हें बताएं कि वे कितने महान हैं, उनकी अतिशयोक्ति पूर्ण प्रशंसा कीजिये। साल-दो साल में रकम मिल ही जाएगी। ऐसा करने पर ही अधिकार का एक चौथाई भाग मिल पायेगा। मेरे भीतर का क्रांतिकारी और स्वाभिमान जागा।

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मैंने नरेंद्र मोदी जी को पत्र लिखा। मेरे आश्चर्य और ख़ुशी का ठिकाना नहीं था, जब प्राइमिनिस्टर ऑफिस से मेल का उत्तर मिला। उन्होंने न सिर्फ मुझे सांत्वना दी, वरन अपना अधिकार पाने के लिए मेरा उचित रास्ता क्या होना चाहिए, कैसे बिना मानसिक-शारीरिक संघर्ष के मुझे युद्ध में सफलता और अपना अधिकार मिल सकता है, यह रास्ता उन्होंने सुझाया। साथ ही मुझे की गई मेल की कॉपी उन्होंने फाउंडर साहब को भी सी०सी० कर दी |

मुझे सम्मानजनक ढंग से मेरी ग्रेच्युटी की रकम प्राप्त हुई। न्याय के अनुसार मिली। उस रकम की चौगनी, जो पहले एमिटी ने निर्धारित की थी। फाउंडर ने व्यक्तिगत मुलाकात की। अपने अधिकारियों के सामने कहा- “जिन कारणों से भी तुम्हें कष्ट मिला, उन सबके लिए क्षमा-याचना करता हूँ।”

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मेरा सारा संघर्ष एक आम आदमी का था। इतनी समर्थ नहीं थी कि अदालत के द्वार खटखटा सकती। जो बॉडी यूनिवर्सिटी को गवर्न करती हैं, उन्होंने भी नहीं सुना क्योंकि उन्हें एमिटी से मिलने वाला लाभ दिखाई दे रहा था। देश के शासक का द्वार खटखटाया। मेरा संघर्ष न्याय पाने के लिए था। सफलता मिली। आदर्श शासन तो वही है, जो प्रजा के कष्ट को देखे-सुने। हार्दिक आभार नरेंद्र मोदी जी। आपकी सद्भावना और मानवीयता को नमन।

एमिटी यूनिवर्सिटी में कार्यरत कविता सुरभि के फेसबुक वॉल से.

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4 Comments

4 Comments

  1. JITENDER KUMAR MISHR

    October 24, 2014 at 5:12 am

    Mere pita UP gov. M job karte the jo ki 28feb-14ko retayer ho gaye.
    Abhi tak painsion pane hetu 75000gus k de chuke hai ,jiska mere pass koi sabut nahi.
    But abhi tak pf se mayar 3.5lacs rupees mila. Papa ka manna hai ki bina guss k koi kam nahi hota. Abhi unko kisi ne bataya ki 5000 kharch karenge to aapko 3.5lacs milega . Baki ka hoga to papa kahte hai ki gov jab degi tabhi to milega.
    Sarm aati hai ki m kuch bhi nahi kar pa reha hu apne papa ka help..
    Kuch help milegi kya?

  2. LAVKUSH SINGH

    April 6, 2016 at 9:28 am

    नमस्ते हमारे सभी अभिभावकों एव सभी हमारे हिन्दुस्तानी भाई जी हमारा यह लेटर है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के लिये और सारे उच्च अधिकारी के लिये अगर हमारा यह संदेश पुरे भारत भर में प्रोसित हो जायेगा तो हम समझेगे की एक आम आदमी और बेसहारा लोगो के लिये
    जीने का अधिकार को आज भी सामान मिला रहा है सर हम यही कहना चाहते है की पहले तो हर जाति धर्म में आरक्षण होना ही नहीं चाहिये या तो आरक्षण हर कोई को मिलना चाहिये क्या सामान वर्ग के लोग गरीब नहीं होते बस छोटे कास्ट के लोग ही गरीब होते है नहीं यही तो हमारा सरकार नहीं समझ पाती सर हम है सामान जाति के हमारे पास ना तो कमाने का जरिया है ना तो उतना जमीन है की हम अपने परिवार को 2 वक्त की रोटी दे सके हमने 2005 में बोर्ड की परीक्षा पास किया तो हमने फॉर्म भरा सरकारी नौकरी के लिये मगर क्या मिला सिर्फ ठोकर इस लिये की क्र्प्सन हर जगह है तो हमें कैसे नौकरी मिलागा तो हमारा सरकार खुद ही आतंकबादी बना रहा है यह नहीं समझ पाते की हमने ही जले घर में आग लगाये है इस लिये हमारा भारत आज भी आजाद नहीं हो पाया है आज भी हमारा हिंदुस्तान अंग्रेज का गुलाम है अगर इस नहीं बदला गया तो देश में भूकप ही नहीं देश पुरे तरह से बरबाद हो जायेगा पहले उने सहायता मिलना चाहये जिसके घर में चूल्हा ना जलता हो वह किस कारण चाहे वह कोई भी वर्ग के हो हम लोगो के पास जीने का कोई सहारा नहीं है और वह जीना चाहता है तो हमारा सरकार को मदद करना पड़ेगा हम लोग नौकरी नहीं मांगते है मगर हमें कुछ तो जीने का राह देखाया जाये आज हम डीटीपी का क्रोस करके जीना चाहते थे अपना बिजनेश कर के मगर एक कहावत कहा गया है की अगर जड़ मजबूत रहेगा तो आगे वाला भी मजबूत रहेगा हमने एक प्रधानमंत्री जी का एक योजना के बारे में जाने जिसका नाम था मुद्रा योजना जिसमे 10 लाख तक का सहायता मिल रहा है जो भी बिजनेश करना चाहते है चाहे जिसका बिजनेश पहले से हो उसे आगे बढना चाहता हो उसे यह लोन मिला गा मगर बैंक में जाने के बाद मनेजर साहबे कहे की 50 हजार तक ही लोन मिलगा जो की हमरा बिजनेश करीब 5 लाख तक की खर्च आ रहा है तो हम 50 हजार लेकर क्या करेगे वह भी कहा जा रहा है की मकान मालिक को बैंक में लाना पड़ेगा उनको जमानत देना पड़ेगा क्या कोई भी मकान मालिक जमानत देगा हमारे माँ बाप से बड़ा कौन है क्या इन लोग का जमानत मानिये नहीं होगा मोदी जी ने कहा था की गरीब का इमान और मेहनत ही जमानत है तो किस बात के लिये हमसे जमानत माँगा जा रहा है क्या हमारा घर और जमीन 5 लाख के नहीं होगा चाहेतो बैंक हमारा हर घर जमीन का कागज ले कर रखे चाहे तो पूरा सर्वे करा ले या प्रधान से लिखित ले की वह इस ग्राम के निवासी है की नहीं मगर हमारे लिये कोई भी जमानत नहीं लेगा हम यही मोदी जी से कहना चाहेगे की कोई भी योजना निकालने से पहले अपना संस्थान बनाये तभी सभी को योजना का लाभ मिलेगा नहीं तो जैसे 5 साल के लिये प्रधानमंत्री बने है 5 साल बिताये और जाये आप से भी आसा खत्म हो गया है कोई भी गरीब के बारे में सोचता नहीं है बस भाषण देते है जब अपना सरकार बनाने के लिये आम आदमी सिर्फ चुतिया बनाते है आप लोग अगर देस सेवा करने का सौख है तो हम सभी को जीने का राह देखाये जय हिन्द जय भारत मेरा नाम लवकुश सिंह है मै बलिया जिला का रहने वाला हु मेरा मो न० 07052470148 emel [email protected]

  3. Kamla bai prajapat

    August 28, 2017 at 5:04 am

    Modi ji mere se 22/08/2017 Ko ek sikayt ki thane me jo tane valo ne karvayi nhi ki he aap se nivedan he ki mere kar vayi karvaye mera thana chotisadri me garib hu mere pati nhi he mere se khuch logo ne sajis se agriment par sayin kar valiye he me padi liki nhi hu ukta ki karvayi jaldi kare

  4. chetan singh

    November 5, 2018 at 7:48 am

    हेलो सर
    सर मैंने 12 दिन हरियाणा रोडवेज में कंडक्टर की जॉब की है, पहले तो मुझे पता था की इस जॉब मैं 10 साल वाले ही लिए जाये गे, पर मुझे हरियाणा रोडवेज पंचकूला दीपू से फ़ोन आया की आपको कंडक्टर के लिए, आपको ज्वाइन करना है, तो मैं सब काम छोड़ कर चला गया, पर जब हड़ताल खुली तो मुझे एक दम से निकाल दिया और बोला गया की अब आप का लाइंस 10 साल का नहीं हुआ है, तो हम आपको ज्वाइन नहीं करवा सकते है, अब मैं रोड पर आ गया हूँ, मरी आपसे विनती है की मुझे रोजगार दे, ये तो सरकार ने हमारा यूज किया है, 12 दिन रखा और फिर निकाल दिया, क्या मोदी जी हमारे लिए कुछ नहीं करे गे, मोदी जी आप ने इतना कुछ कहा था हैल्प करो मोदी जी

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