-अश्विनी कुमार श्रीवास्तव-
रिश्ते में बॉलीवुड के बाप लगते हैं… नाम है ठाकरे !!!
कल संसद में रवि किशन ने बॉलीवुड में ड्रग्स रैकेट के खिलाफ सरकार से एक्शन लेने की अपील की, आज सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की पत्नी संसद में गरजने लगीं कि जिस थाली में खा रहे हैं लोग, उसी में छेद करके बॉलीवुड को बदनाम कर रहे हैं. जाहिर है, देश में हर किसी को पता है कि यह भाषा शैली और वाक्य, जो जया बच्चन बोल रही हैं, वह बिल्कुल वही है, जो संजय राउत और शिव सेना द्वारा पिछले काफी दिनों से बॉलीवुड में ड्रग्स को लेकर हाय तौबा मचा रहीं कंगना रनौत के लिए बोली जा रही है.
अब ठाकरे से थर थर कांप रहे बॉलीवुड में भला कौन शिव सेना के विचारों को अपनी आवाज नहीं देगा? फिर वह चाहे महानायक अमिताभ बच्चन हों या अक्षय कुमार…या कोई एक्स वाई जेड अभिनेता- अभिनेत्री हों. संजय राउत सामना में अभी कल ही लिख भी चुके हैं कि पानी में रहकर मगर से बैर करने की गलती कोई न करे.
सुशांत की जांच पर लीपा पोती करने पर मुंबई पुलिस पर उंगली उठाने की गलती हो या बॉलीवुड में ड्रग्स या माफिया के इन्वोलमेंट/ पैसे पर सवाल उठाने की हिमाकत हो या फिर मुंबई में रहकर ठाकरे के ऊपर बने कार्टून को फॉरवर्ड करने का अक्षम्य अपराध हो…. इन सभी पर सजा देने के लिए इन दिनों ठाकरे परिवार और शिव सेना ने अपने लठैत खुले छोड़ रखे हैं.
अब बच्चन परिवार को इन लठैत से मुंबई में रहकर डर न लगे, ऐसी बहादुरी अमिताभ बच्चन केवल फिल्मों में ही दिखा सकते हैं. उन्हें भी पता है कि असल जिंदगी में तो angry young man या angry old man बनने के बाद मुंबई में उनके घर के बाहर कोई और ही फिल्म शिव सेना दिखाने लगेगी.
बच्चन परिवार सुशांत मामले में शुरू से मौन साध कर बैठा है लेकिन बॉलीवुड में ड्रग्स पर हायतौबा मचने के बाद बच्चन परिवार में से जया बच्चन ने संसद में जो हल्ला गुल्ला मचाया है, उससे साफ है कि सुशांत मामले पर चुप्पी भी किसके डर से साधी गई है. और तो और अमिताभ बच्चन की बिटिया श्वेता नंदा ने तो हाल ही में रिया चक्रवर्ती का भी खुल कर समर्थन किया था.
विजय शंकर श्रीवास्तवा
September 16, 2020 at 5:04 pm
अब शिव सेना में वो दम नही,शिव सेना ताकत वर इसलिए थी कि बालासाहब सच का साथ कभी नही छोड़ते थे। गलत का साथ कभी नही देते थे हाँ कभी कभी गलती करने वाले को वो खुद छमा कर देते थे ,कहना उचित नही पर सच यही है कि उनका फैसला किसी सुप्रीम कोर्ट से नातो कम था नाही उनके फैसले के खिलाफ कभी कोई जाता था। लोग उनको प्यार नही उनकी पूजा किया करते थे।कोई एक गलती ही थी कि राजठाकरे चीफ नही बन पाए,उनका ही फैसला था कि संजय दत्त हमेशा के लिए बाहर आये।एक मजबूरी है कि शिवसैनिक उद्धव को झेल रहे है,मां साहब की अनुपस्थिति, राज़ का ज़िद और इसी मजबूरी ने साहब को पुत्र मोह में डाल दिया,साहब अकेले हो गए थे ,अस्वस्थ हो गए थे वरना उद्धव के अंदर न कोई गुण था न है ना होगा।शिवसैनिक विकल्प विहीन है।उद्धव कि सरकार संजय राउत जैसे मूर्ख ,घमंडी, चाटु कारों के सहयोग से चलती है ,इस सरकार की उम्र बहोत कम है।पुत्र मोह ही उद्धव और शिव सेना दोनों को ही ले डूबेगा।