भदोही (उत्तर प्रदेश) में नौ दिन पहले हुए कथित गैंगरेप के मामले में शनिवार को पीड़िता द्वारा काफी हंगामा मचाने के बाद जिला न्यायालय में 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज किया गया। हंगामें के दौरान न्यायालय के बाहर पीड़िता चीख-चीखकर दुहाई दे रही थी कि उस पर बयान दर्ज कराने के लिए दवाब बनाया जा रहा है। हालांकि पीड़िता के मेडिकल परीक्षण के बाद पुलिस ने दुष्कर्म की पुष्टि तो कर दी है, लेकिन संख्या में बारे में कुछ कहने से इन्कार कर दिया है।
पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडेय के लड़के का नाम आने पर मामला हाई प्रोफाइल हो जाने से पुलिस काफी सतर्कता बरत रही है। पुलिस अधीक्षक सुभाष दुबे ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि जांच प्रक्रिया पूरी होने व दोष साबित हो जाने के बाद ही गिरफ्तारी होगी। अब तक के जांच रिपोर्ट में पुलिस इस तथ्य तक पहुंची है कि पीड़िता व आरोपी पिन्टू सिंह के बीच काफी महीने पहले से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। पीड़िता के परिवारजनों के विरोध के बाद भी दोनों के एक-दुसरे से अच्छे संबंध होने की बात कही जा रही है। पीड़िता व उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान कर दी गई है। हो सकता है बाहुबलि विधायक इसी का फायदा उठाकर काफी दिनों से पूर्व सांसद से चल रही अदावत की कसर निकालने के लिए इसे अच्छा मौका समझे हों। पीड़िता को बाहुबलि विधायक की पत्नी रामलली मिश्र द्वारा जिला अस्पताल में भर्ती कराया जाना व पुलिस पर दवाब बनाने को लोगबाग इस षडयंत्र का एक हिस्सा भी बता रहे है।
भदोही के कोइरौना इलाके के शिवदासपुर-डगडगपुर के प्राथमिक विद्यालय में 25 जुलाई को घटित कथित गैंगरेप की घटना के मामले में पहली अगस्त को शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडेय के पुत्र आनंद पाण्डेय और उनके तीन साथी पिंटू सिंह, विकास मिश्रा, रिंकू सिंह पर धारा 376डी, 328, 506 के तहत रपट दर्ज की। इसके बाद पुलिस ने मेडिकल परीक्षण में दुष्कर्म की पुष्टि होने के बाद पीड़िता का 164 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए जिला न्यायालय पहुंची। पीड़िता न्यायालय परिसर में पहुंचते ही चीख-चिल्लाने लगी कि उसे जबरदस्ती बयान दिलवाया जा रहा है। उसके हंगामें के चलते पुलिस उस लेकर लौट गयी। काफी समझा-बुझाकर दूसरी शिफ्ट में पुनः न्यायालय लाई जहां महिला का गोपनीय कलमबंद बयान दर्ज किया गया। बयान के बाद कहा जा रहा है कि मामला हाईप्रोफाइल होने के नाते आरोपियों की सीमेंस परीक्षण व डीएनए टेस्ट भी कराया जाए।
पीड़िता दवाब में है या घटनाक्रम सही बता रही है यह तो जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही खुलासा हो पायेगा। लेकिन आज भी लोगबाग में सवालों की झड़ी के बाद घटनाक्रम गले के नीचे नहीं उतर रहा था। आरोप है कि 26 तारीख को एक बजे पूर्व सांसद के पुत्र का साथी पिंटू सिंह पीड़िता के पिता से मिला और धमकी दी कि लड़की हमारे पास है, उसे स्कूल से ले आओ लेकिन किसी को बताया तो पूरे परिवार को जान से मार देंगे। पीड़िता के पिता वहां जाकर उसे घर ले आएं। तबियत ज्यादा बिगड़ने पर उसे गांव के ही एक निजी झोलाछाप चिकित्सक के यहां ले गए। जहां यह कहकर इलाज कराया गया कि लड़की ने गलती से कोई विषाक्त पदार्थ खा लिया है। सवालों की झड़ी यहीं शुरु हो जाती है, लोगबाग का कहना है कि अगर तबीयत ज्यादा खराब थी तो उसे कायदे से अच्छे अस्पताल में इलाज कराना चाहिए था। अगर झोलाछाप चिकित्सक ने इलाज किया तो उसने इस गंभीर प्रकरण पर पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी। अगर परिवारजन आरोपियों से इतने भयभीत थे तो एक सप्ताह बाद कौन सी एनर्जी मिल गयी जो सीधे पूर्व सांसद के बेटे आदि का नाम लेने लग गयी। जबकि पीड़िता जिस गांव की है वहां काफी प्रभवशाली लोग है।
ग्रामीणों से चर्चा करने पर बताया गया कि पीड़िता का पिन्टू सिंह से काफी दिनों से अफेयर चल रहा है। दोनों कई बार बाहर भी चले जाते थे। देर से लौटने पर पीड़िता की मां उसे कई बार डांटा-फटकारा भी है। इतना ही नहीं इस मामले में पीड़िता की मां ने गांव के कई संभ्रातों से शिकायत भी की, लेकिन दोनों पर कोई असर नहीं रहा। समझा जा रहा हे कि इसकी खबर कानों कान बाहुबलि विधायक तक पहुंची हो और कोई षडयंत्र रचकर मामले को इस रुप में प्रकट किया जा रहा है। इस बात में वनज देने के लिए यह काफी है कि एक सप्ताह बाद पीड़िता को बाहुबलि विधायक की पत्नी द्वारा अस्पताल पहुंचाया जाना व पुलिस पर दवाब बनाया जाना। सबसे बड़ा सवाल लोगों को खटक रहा है कि पिन्टू सिंह से प्रेम प्रपंच था तो उसका भाई रिकूं सिंह वहां कैसे पहुंच गया, जैसा कि लोग बाग बता रहे है कि उसने प्रेम लीला की कहानी सुनने पर भाई को डांटा-फटकारा भी था। दरअसल मामला यह है कि रिकूं सिंह की पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडेय के पुत्र आनंद पांडेय से दोस्ती थी। यही दोस्ती विरोधियों के लिए औजार बन गयी।
बाहुबलि विधायक विजय मिश्रा से पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडेय की राजनीतिक दुश्मनी तो चुनाव के दौरान से ही थी। लेकिन गहराई उस वक्त जब वर्ष 2002 के चुनाव में पुर्नमतदान के दौरान बाहुबलि विधायक सहित अन्य ने श्री पांडेय के भाई की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हालांकि डे-लाइट में हुए इस मर्डर से अपनी तीन-तिकड़म से विधायक बरी हो गए थे, लेकिन दुश्मनी बरकरार रही। श्री पांडेय इस मामले में अभी सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट का चक्कर लगा रहे है। उसी कड़ी में सत्ता में जलवा बनने के बाद बाहुबलि विधायक ने कुछ माह पहले इसी तरह की बलात्कार की एक झूठी रपट दर्ज कराने की भरपूर कोशिश की, लेकिन जांच में तथ्य सही न आ पाने पर मामला खत्म हो गया। खासकर श्री पांडेय के बसपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हो जाने से बाहुबलि विधायक की धड़कने तेज हो गयी है। हो सकता है कि एक साजिश के तहत षडयंत्र रचा गया हो कि श्री पांडेय कि इस प्रकरण में न सिर्फ छवि खराब होगी बल्कि उलझन भी बढ़ जायेगी और गेम आगे चलता रहेगा।
वैसे भी भदोही में फर्जी मुकदमा दर्ज करना व कराना कोई नया बात नहीं है। पूरा जनपद जानता है कि किस बाहुबलि विधायक के ईशारे पर फर्जी मुकदमें दर्ज होते है और किस तरह लोगों को प्रताड़ित कराया जाता है। पूर्व नेता दिनेश सिंह सहित दो सौ से अधिक लोगों पर संत रविदासनगर भदोही में फर्जी मुकदमें दर्ज हो चुके है। पांच सौ से अधिक लोगों की जमीनों पर कब्जे हो चुके है। यहां तक कि वर्तमान सांसद पर भी फर्जी मुकदमा दर्ज कराने की पूरी कोशिश की गयी, लेकिन सफलता नहीं मिली। चुनाव में जनता द्वारा सबक सिखाए जाने से खिसियाएं बाहुबलि विधायक के निशाने पर अभी कई लोग फंसाए जा सकते है।
पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडेय का कहना है कि झूठी रपट दर्ज कराने का पहले भी बाहुबलि विधायक विजय मिश्रा प्रयास कर चुके है। इस मामले में मेरे बेटे का दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है। राजनीतिक साजिश के तहत उसे फंसाकर मुझे बदनाम करने का षड़यंत्र सपा विधायक द्वारा किया जा रहा है। इसके पहले भी मेरे बेटे को फंसाने की साजिश रची जा चुकी है।
पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडेय के पुत्र आंनद पांडेय पर दुष्कर्म के आरोप में दर्ज मुकदमा को भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष पांडेय ने बेबुनियाद एवं फर्जी बताया है। कहा कि राजनीति से प्रेरित होकर सत्ता के दबाव में आए दिन भाजपा कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। चेताया कि अब भाजपा कार्यकर्ताओं का सब्र टूट गया है। सत्याग्रह आंदोलन के माध्यम से अत्याचार के खिलाफ जंग जारी रहेगी। सपा सरकार में भ्रष्टाचार, बलात्कार,लूट, हत्या आम बात हो चुकी है। हाइप्रोफाइल हो चले दुष्कर्म के मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होकर रहेगा। यह उम्मीद लोगों को हो चली है। जिले के दोनों आला अधिकारी डीएम और एसपी के खुद मामले को हाथ में लिए जाने को इसका वजह माना जा रहा है।
सुरेश गांधी