Nitin Tripathi-
पाकिस्तान तो ख़ैर खाला का घर हो गया है. कनाडा, इंग्लैंड तक में “अज्ञात” सक्रिय है. पर इस कड़ी में एक छोटी सी चूक हो गई .
भारतीय सिक्योरिटी एजेंसीज़ के एक बड़े अधिकारी ने 2023 आरंभ में एक ड्रग स्मगलर निखिल गुप्ता को संपर्क किया. उन्हें यह वादा किया गया कि उनके सारे केस माफ़ कर दिये जाएँगे. उन्हें बस एक काम करना है – अमेरिका में पन्नू का सफ़ाया करना है.
निखिल गुप्ता ने डील को हाँ किया. फिर निखिल गुप्ता ने अमेरिका में एक ड्रग स्मगलर से डील किया. उसने एक अमेरिकन कॉंट्रैक्ट किलर से परिचय कराया. एक लाख डालर में डील सेट हो गई. निखिल गुप्ता के भारत में सारे केस माफ़ हो गये. कॉंट्रैक्ट किलर को डालर कैश पहुँचा भी दिए गये. निखिल गुप्ता पर केस माफ़ हुवे तो वह चेक घूमने गए, पर शायद डेटाबेस अपडेट नहीं हुआ था तो चेक ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया कि शक है कि वह ड्रग स्मगलर हैं. ऐसा उन्हें बताया गया.
अब आती है सबसे शॉकिंग बात. यह पूरा प्रकरण अमेरिका को पहले दिन से पता था. दुनिया में कहीं भी कुछ भी कम्यूनिकेट होता है तो वह अंततः अमेरिकन सर्वर से ही होकर जाता है तो उन्हें सब पता था.
उन्होंने अपने एजेंट प्लांट कर दिये. निखिल गुप्ता की जिस ड्रग स्मगलर से डील सेट हुई वह अमेरिकन सिक्योरिटी एजेंट था. जिस अमेरिकन किलर ने ठेका लिया और पैसे लिये वह भी अमेरिकन सरकार का अंडर कवर एजेंट था. उन्होंने यह पूरा प्रकरण मय सबूत एकत्रित कर लिया. निखिल गुप्ता को गिरफ़्तार भी अमेरिका के इशारे पर ही किया गया. जब यह सब हो गया तो अब अमेरिकन अदालत में मुक़दमा लगा दिया गया.
अब अमेरिकन सरकार भारत पर प्रेशर डाल रही है कि उन सरकारी अधिकारियों पर भी मुक़दमा चलाया जाए. भारत ने इनक्वायरी का गठन किया है. इन दिनों भारत अमेरिका संबंध आल टाइम लो पर है.
वैसे भारत के ऐंगल से हम भारत वासियों पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता, उल्टे यह चेस्ट थंपिंग का मौक़ा है कि “अज्ञात” का पता चल गया. भारतीय सिक्योरिटी एजेनसीज़ इस तरह से दुनिया भर में अज्ञात का इंतज़ाम कर रही थीं.
हाँ यह ज़रूर है कि भविष्य में अमेरिकन धरती पर कांड करने के लिए थोड़ी अतिरिक्त सावधानी की आवश्यकता है. और जो भी अधिकारी इस पूरे प्रकरण के पीछे थे, कितना भी दबाव हो उन्हें पूर्ण संरक्षण मिलना ही चाहिए.
शेष यह गर्व का विषय है कि भारत अब पूरी दुनिया में घर में घुस कर अपने दुश्मनों का सफ़ाया करने लगा है.
कुछ प्रतिक्रियाएं-
Anil Kr Singh
अमेरिकी सरकार में जिस बंदे ने ये निखिल गुप्ता वाली थर्ड ग्रेड की सस्ती सी जासूसी वाली कहानी लिखी है, इसमें इतने झोल हैं कि ये चार्जशीट मजाक बन गई है… सुरक्षा एजेंसियों के काम करने का ऐसा तरीका नहीं होता… लेफ्टिनेंट जनरल राजीव नारायण ने इस विषय पर शानदार वीडियो बनाए हैं… आप अमरीका को इतना ओवररेट करते हैं हर फील्ड में कि इस मामले में भी पोस्ट कर दिए, जबकि ये विषय आपके डोमेन का नहीं है.. आपकी ये पोस्ट बहुत बचकानी लग रही है क्योंकि आपने अमेरिकी वर्सन को लिटरली ब्रह्म सत्य मान लिया है जो कि चंडूखाने की लफ्फाजी से ज्यादा कुछ नहीं है…
Nitin Tripathi
क्या भारत सरकार ने ऐसा कुछ बयान दिया है कि पन्नू को मारने की उनकी कोई साज़िश नहीं रही है या इतना भी कहा हो कि भारत सरकार का कोई भी अधिकारी जाने अनजाने में इसमें शामिल नहीं है? मेरा वर्जन वही है जो पब्लिक डोमेन में है जो भारत सरकार का स्टैंड है और जो अमेरिकन अदालत में मुक़दमा है और जिस आधार पर निखिल गुप्ता को चेक से प्रवर्तन की बात की जाती है. बिहाइंड द सीन कांस्पीरेसी थ्योरी लिखना मेरा डोमेन कभी नहीं रहा यह सच है.
Anil Kr Singh
जो अमेरिकी अदालत में मुकदमा है वो भारत सरकार का स्टैंड नहीं है और आपका वर्जन अमेरिकी पब्लिक डोमेन को सपोर्ट करता है, यही तो मेरा कहना है कि आपको इतनी झोल वाली कहानी पर पोस्ट नहीं करना चाहिए था
Nitin Tripathi
यह कहानी नहीं हार्ड फैक्ट्स हैं, जो भारत सरकार का स्टैंड है और ऑब्वियस्ली अमेरिकन अदालत का मुक़दमा है ही. इन दोनों वर्जन के अतिरिक्त हर तीसरा वर्जन कहानी है जो मेरा डोमेन नहीं है तह मुझसे एक्स्पेक्ट भी नहीं होना चाहिए.
Vidhu Bhushan
सब ठीक है किन्तु दुनिया में कहीं कुछ भी काम्युनिकेट हो अमेरिका को पता लग जाता है यह बात अतिश्योक्ति है
माना अमेरिका ताकतवर है
लेकिन रब नहीं है।
Nitin Tripathi
जाता सब उनके सर्वर से है. उनकी एजेंसी भी है सीक्रेट जिसके एजेंट एक आइलैंड में सौ प्रतिशत डेटा लेटेस्ट टेक से एनालाइज करते रहते हैं फ़िल्टर लगा कर. निःसंदेह यह भी सच है कि वर्ड बाई वर्ड सुन पाना असंभव है.
सागर नैन
पन्नू अमेरिका, सीआईए की शह पर ही पल रहा है।
Nitin Tripathi
सागर नैन यह उनकी पुरानी स्ट्रेटजी रही है. पर अब भारत भी खेल खेलना सीख गया है
Ankur Singh Gautam
बड़े भैया सब कुछ ठीक है पर ई बाइडन चिचा जैसा बड़ा मूर्ख और असहाय राष्ट्रपति नही देखा होगा अमेरिका ने। कनाडा भी ऐसे ही चिलम चिली मचाया था तो उससे क्या उखड़ गया।
Nitin Tripathi
बाईडेन तो चूतिया है. पर अंतर यह है इस बार कि अमेरिका के पास में सबूत हैं जो उन्होंने पब्लिक डोमेन में रख कर मुक़दमा चला दिया है. कनाडा के पास सबूत कोई न था उसे बताया अमेरिका ने था. इसी लिये भारत सरकार ने कनाडा को डपट लिया और अमेरिकन आरोपों पर इनक्वायरी बिठाई. तो अब यह है क्राइसिस – भारत सरकार निपट लेगी – कैसे – यह देखना है. यह स्टडी केस होगा भविष्य के लिए क्योंकि यदि ताक़त बनानी है तो ऐसे केस हैंडल करने पड़ेंगे
Basant Dadheech
सबसे पहले इस सर्वर को अमरीका के चुंगल से निकालना चाहिए मोदीजी को…
Nitin Tripathi
उसके लिए भारत से स्व उद्यमी निकलने होंगे जो नेक्स्ट गूगल माइक्रोसॉफ़्ट फ़ेस बुक बना सकें.
Nibha Saini
India needs to give a strong message to the US that we don’t give an eff about it.
Nitin Tripathi
yes – also probably some changes are required at policy level. India still not able to say openly that we will demolish our enemies anywhere in the world. For that A speedy court system is much required.
Amit Sharma
मज़ा तो अब आएगा जब अमेरिका इस पोस्ट को भी पढ़ रहा होगा अपनी लेटेस्ट टेक्नोलॉजीऔर सर्वर की सहायता से हम भारतीय सुबह का नास्ता खाकर अपने अपने काम पर लग जाएँगे और वो कुछ नहीं कर पाएगा.
Nitin Tripathi
इसी लिये पोस्ट को अकाट्य तथ्यों के साथ लिखा गया है बग़ैर फेर बदल किए… ताकि यह फ़ॉल्स न्यूज़ की पेनल्टी में न आए. तथ्य उनके हैं कंक्ल्यूशन हमारे हैं.
Mann Jee
बताओ निखिल गुप्ता जैसे बनिया लोग भी अब ड्रग व्यापार में उतर गये? ये बात हज़म नहीं होती।
Nitin Tripathi
बनियों ने कोई धंधा न छोड़ा अब करीम भाई क्या करेंगे…
Mann Jee
अरे नहीं भाईसाहब। दिल कहता है निखिल गुप्ता नाम वाला ऐसा काम नहीं कर सकता।
Nitin Tripathi
कोई नहीं अदालत में यही सिद्ध किया जाएगा निखिल गुप्ता ड्रग स्मगलर थे ही नहीं, ऐसा कुछ हुआ ही नहीं.