Rangnath Singh-
आरफा एक स्त्री होकर जन्मभूमि के माता या मातृ या मदर या माँ के रूप में दैवीकरण से चिढ़ती हैं। भारत को गर्व होना चाहिए कि वर्तमान विश्व की एकमात्र सभ्यता हमारी है जिसने मिथकीय ईश लोक में स्त्री को सिंहासन पर बैठाया। वैसे ये मिथक कैसा है, मर्द गॉड का सन मर्द, मदर वर्जिन!
Hemant Kumar
रंगनाथ सिंह जी, आप तो दिलीप मंडल जी से जुगलबंदी करते दिख रहे हैं! भारत माता की जय वाला नारा अगर आपको बहुत पसंद है तो भारत माता की वह मूर्ति/तस्वीर भी पसंद होगी ही जिसमें स्वर्णजड़ित वस्त्र और मुकुटशोभित ललाट वाली एक देवीस्वरूपा स्त्री भारत के नक्शे के बीच में खड़ी दिखती है! क्या यह असली भारत की तस्वीर है? यह भारत माता संघियों और हिंदुत्ववादियों की है। जिनकी संकल्पना में इस देश के आदिवासियों मजदूरों, किसानों,कामगारों, मेहनतकश लोगों और अल्पसंख्यक समुदायों का कोई स्थान नहीं है! जय श्रीराम का नारा राम की मनमोहक कृपालु छवि को उग्र और युद्धोन्मत बनाती है ,उसी तरह भारत माता जिंदाबाद का नारा भारत की समावेशी और विविधतापूर्ण चरित्र का मखौल उड़ाती है। आर एस एस ने बड़ी चालाकी से यह नारा गढ़ा था! और आप इसकी अच्छी तरफदारी कर रहे हैं! आपकी पोस्ट पढ़कर सनातनियों ने आरफा को गालियां देनी शुरू कर दी है। आपकी मेहनत सफल है!
Rangnath Singh
सुनकर दुख हुआ हेमंत कुमार जी। मुझे लग रहा था कि मैं दिलीप जी से आगे निकल गया हूँ। खैर, कोई नहीं, वो सीनियर हैं तो उनके साथ जुगलबंदी करके भी मैं संतुष्ट रहूँगा।
Ajit Kumar Pandey
October 26, 2023 at 10:22 am
कुछ घटिया और बिके हुए लोगों को भारत माता की जय कहने में शर्म आती है। कुछ की रोजी रोटी है हिंदुत्व का विरोध, आरएसएस का विरोध आदि आदि। यह ऐसे गद्दार लोग हैं जो पैसे के लिए देश को बेच देंगे समझे कुछ मतलब कुछ भी कर सकते हैं। इनकी औकात नहीं है कि तथ्यात्मक बहस करें। ये सब वामपंथी कामपंथी लामपंथी हैं। भारत माता की जय… वंदे मातरम। हिंदुओं को बांटों और देश में नेरेटिव फैलाओ चीन से पैसा पेलो, इस्लाम चरमपंथ फैलाओ हमास के संग खड़े रहो… हा हा हा….