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भास्कर होशंगाबाद के पाँच कर्मचारियों को वापस काम पर रखने के सख्त आदेश

दैनिक भास्कर होशंगाबाद के कर्मचारियों द्वारा गुजरात हाई कोर्ट में मजीठिया का केस लगाने के बाद भास्कर प्रबंधन ने 25 में से 5 कर्मचारियों का अलग-अलग राज्यो में ट्रांसफर कर दिया था। साथ ही वहां ज्वॉइन कराने को लेकर प्रबंधन लगातार दबाव बना रहा था । कर्मचारियों ने ट्रांसफर को चुनौती दे दी। श्रम आयुक्त ने सुनवाई करते हुए भास्कर प्रबंधन को आदेश दिया कि आप कर्मचारियों को परेशान न करें। जब तक कोर्ट से केस का फ़ैसला नहीं आ जाता, ट्रान्सफर किये गए सभी 5 कर्मचारियों से पहले की तरह होशंगाबाद में काम लें और उनका रुका हुआ वेतन दें। 

दैनिक भास्कर होशंगाबाद के कर्मचारियों द्वारा गुजरात हाई कोर्ट में मजीठिया का केस लगाने के बाद भास्कर प्रबंधन ने 25 में से 5 कर्मचारियों का अलग-अलग राज्यो में ट्रांसफर कर दिया था। साथ ही वहां ज्वॉइन कराने को लेकर प्रबंधन लगातार दबाव बना रहा था । कर्मचारियों ने ट्रांसफर को चुनौती दे दी। श्रम आयुक्त ने सुनवाई करते हुए भास्कर प्रबंधन को आदेश दिया कि आप कर्मचारियों को परेशान न करें। जब तक कोर्ट से केस का फ़ैसला नहीं आ जाता, ट्रान्सफर किये गए सभी 5 कर्मचारियों से पहले की तरह होशंगाबाद में काम लें और उनका रुका हुआ वेतन दें। 

श्रम विभाग का भास्कर प्रबंधन को प्रेषित आदेश पत्र की छाया प्रति

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पूरे मामले में अभी तक अहमदाबाद हाई कोर्ट चार बार सुनवाई कर चुका है। अगली तारीख 23 जून तय की है। इधर, प्रबंधन की प्रताड़ना से तंग 25 कर्मचरियों ने ट्रान्सफर को  संभागीय श्रम आयुक्त होशंगाबाद में चुनैती दे रखी है। इस मामले में इसी माह 3 जून को तीसरी पेशी हुई थी। उसमें यूनिट हेड सुरेन्द्र राय, एच आर हेड अविनाश कोठारी और संपादक अतुल गुप्ता प्रबंधन की ओर से पहुंचे। आयुक्त श्रीमती नीलम सिंह ने उनको जमकर लताड़ा और कहा की भास्कर आम लोगों के मामले को उठाता है और उन्हें इंसाफ दिलाता है लेकिन यहाँ भास्कर के कर्मचारी प्रबधंन से इतने परेशान हैं, उन्हें उनका अधिकार नहीं दिया जा रहा है। नौकरी या अपना हक मांगने पर प्रताड़ित करना ठीक नहीं है। श्रम आयुक्त श्रीमती सिंह ने 9 जून की शाम को एक आदेश जारी किया, जिसमें भास्कर प्रबंधन को  साफ साफ निर्देशित किया गया है –

”मैं सहायक संभागीय श्रम आयुक्त की हैसियत से आपको कहती हूँ कि ट्रान्सफर किये गए अजय गोस्वामी, केशव आंनद दुबे, हरिओम शिवहरे, अजय लोखंडे, प्रकाश मालवीय परेशान हैं। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, पांचों के ट्रान्सफर पर पुनर्विचार करें, उन्हें पहले की तरह काम करने दें ताकि उनकी आर्थिक, मानसिक स्थिति ठीक हो सके। ”

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इस आदेश की कॉपी मिलते ही प्रबधंन के होश उड़ गए हैं। पहले तो प्रबंधन ने आदेश की कॉफी लेने से मना कर दिया। फिर बाद में जब श्रम विभाग के कर्मचारी ने समझाया, तब कहीं जाकर  लिया। श्रम आयुक्त के यहाँ से ऐसा कोई आदेश न निकले, इसके लिए भास्कर ने अपने संपादक और यूनिट हेड को बार-बार श्रम विभाग के दफ्तर के चक्कर लगवाए। श्रम आयुक्त को मनाने के हर संभव प्रयास किये लेकिन सभी प्रयास फेल हो गए। 

वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश का नोटिस भी होशंगाबाद भास्कर प्रबंधन को मिल गया है। उसमें प्रबंधन से पूछा गया है कि सभी कर्मचारियों को मजीठिया वेतन बोर्ड का लाभ दिया है या नहीं, कितने कर्मचारी हैं, एरियर की राशि कब से दी है, और अगर नहीं दिया है तो क्यों नहीं दिया। यह जवाब श्रम विभाग ने तीन दिन के अंदर देने को कहा है। इससे भास्कर प्रबधंन में खलबली मची हुई है।

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0 Comments

  1. manmohan shrivastav

    June 17, 2015 at 6:53 am

    ये तो होना ही है। आगे आगे देखिए होता है क्या।भास्कर ने बंदरों के हाथ में उस्तरा जो पकडा रखा है।

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