जयपुर। दैनिक भास्कर ने अपने राजस्थान संस्करण में 28 दिसम्बर के अंक में एक स्टिंग ऑपरेशन प्रकाशित किया जो कि झोलाछाप डॉक्टर्स के खिलाफ था। इसमें राजस्थान के विभिन्न इलाकों विशेषकर पश्चिमी राजस्थान में दो महिला वालंटियर्स की मदद से गर्भपात करने का दावा कर रहे झोलाछाप डाक्टरों को बेनकाब किया गया।
अगले दिन हर कहीं स्टिंग की चर्चा रही। काम भी अच्छा था। इसी स्टिंग में सूचना दी गई कि स्टिंग का अगला भाग अगले दिन, यानी रविवार 29 दिसम्बर को प्रकाशित किया जाएगा, जिसमे झोलाछाप की दी हुई दवाओं पर एक्सपर्ट डॉक्टर्स की रायशुमारी आदि आनी थी।
मगर अगले दिन भास्कर में ऐसा कुछ नहीं था। अपने स्टिंग का अगला भाग छापने की बजाय भास्कर ने इम्पैक्ट जैसा कुछ छाप दिया कि स्टिंग के बाद प्रशासन ने प्रदेशभर में छापे मारे, लोगों को पकड़ा आदि आदि।
मगर मुद्दे की बात गौण हो गई कि आखिर इतने बड़े अखबार के स्टिंग के अगले पार्ट को क्यों नहीं छापा गया. इसको लेकर तरह तरह की चर्चाएं हैं. पर भास्कर के इस स्टिंग की पहले दिन की रिपोर्टिंग को हर तरफ सराहना मिली.