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बिना वकील किए दैनिक जागरण के खिलाफ दो वर्ष कानूनी संघर्ष के बाद पत्रकार को मिली पहली जीत

Harendra Singh-

बिना वकील किए दो वर्ष संघर्ष के बाद मिली पहली जीत… दो वर्ष एक माह से मैं एक दिग्गज कंपनी दैनिक जागरण से कानूनी जंग लड़ रहा हूं। जागरण ने मुझे कर्मचारी मानने से ही इंकार कर दिया था।

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दो वर्ष संघर्ष के बाद आज ईपीएफओ कोर्ट के कमिश्नर/माननीय जज साहब ने न सिर्फ मुझे कानूनन दैनिक जागरण का कर्मी माना बल्कि कंपनी को मेरा पीएफ देने का भी आदेश दिया।

मेरे संघर्ष से जागरण की जेकेआर कंपनी में नियुक्त और जागरण में कार्यरत सभी कर्मियों का डाटा भी तलब किया है पीएफ कोर्ट ने। इससे कानपुर ऑफिस से जुड़े ढेरों जेकेआर वाले कर्मियों का भी जल्द भला हो सकता है।

मैं धन्यवाद देना चाहता हूं उन लोगों का जिनकी वजह से मैं कानून की चौखट पर जाने के लिए मजबूर हुआ। इस जीत से मेरे शेष तीन केस, उत्पीड़न, मजीठिया और बिना नोटिस नौकरी से निकालने के केस पूरी तरह मजबूत हो चुके हैं। इससे हमें सीख मिलती है कि कानून पर भरोसा रखो। आप सही हो तो जीत जरूर मिलेगी।

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पुन: केस करने को मजबूर करने वाले आरोपियों को धन्यवाद।

हरेंद्र दैनिक जागरण कानपुर में कार्यरत रहे हैं.

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