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ड्राइवर, कारपेंटर और इलेक्ट्रीशियनों ने दिखार्ई डीबी कार्प को औकात, दफ्तर पर सरकारी रिकवरी नोटिस चपकाई गयी

जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में पहली बार किसी अखबार के कार्यालय के बाहर बिल्कुुल उसी तरीसे से रिकवरी नोटिस चपकायी गयी जैसे लोन लेने वाले लोन की राशि का भुगतान ना करें और उनकी प्रापर्टी सीज होने वाली होती है। जिद करो दुनिया बदलों का नारा देने वाले दैनिक भाष्कर की प्रबंधन कंपनी डी बी कार्प के भोपाल कार्यालय में आज एक ड्राईवर की शिकायत पर रिकवरी नोटिस चपका दी गयी। 

<p>जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में पहली बार किसी अखबार के कार्यालय के बाहर बिल्कुुल उसी तरीसे से रिकवरी नोटिस चपकायी गयी जैसे लोन लेने वाले लोन की राशि का भुगतान ना करें और उनकी प्रापर्टी सीज होने वाली होती है। जिद करो दुनिया बदलों का नारा देने वाले दैनिक भाष्कर की प्रबंधन कंपनी डी बी कार्प के भोपाल कार्यालय में आज एक ड्राईवर की शिकायत पर रिकवरी नोटिस चपका दी गयी। </p>

जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में पहली बार किसी अखबार के कार्यालय के बाहर बिल्कुुल उसी तरीसे से रिकवरी नोटिस चपकायी गयी जैसे लोन लेने वाले लोन की राशि का भुगतान ना करें और उनकी प्रापर्टी सीज होने वाली होती है। जिद करो दुनिया बदलों का नारा देने वाले दैनिक भाष्कर की प्रबंधन कंपनी डी बी कार्प के भोपाल कार्यालय में आज एक ड्राईवर की शिकायत पर रिकवरी नोटिस चपका दी गयी। 

यह रिकवरी नोटिस चपकाई सरकारी महकमे के कर्मचारियों ने जिसके बाद हड़कंप मच गया। जीवन सिंह नरवरिया नामक इस डी बी कार्प के ड्राईवर ने इस कंपनी को औकात दिखाने के लिये अपने १२ से ज्यादा ड्राईवर साथियों और कारपेंटर तथा इलेक्ट्रीशियन के साथ मिलकर भोपाल मेंश्रम आयुक्त कार्यालय में जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार बकाया और वेतन पाने केलिये १७(१) का रिकवरी क्लेम लगाया था।

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इस क्लेम की सुनवाई के दौरान श्रम आयुक्त कार्यालय के अपरश्रम आयुक्त एस. एस. दिक्षीत ने पुरे मामले में दोनो पक्ष को समझा। इस दौरान डी बी कार्प प्रबंधन की तरफ से आये एडवोकेट ने इन कर्मचारियों के क्लेम पर आपत्ती जताया और पहले कहा कि ये कर्मचारी हमारे कर्मचारी नहीं है जिसके बाद इन कर्मचारियों ने अपने कर्मचारी होने का सबूत दिया। उसके बाद डी बी कार्प प्रबंधन के वकील ने कहा कि कर्मचारियों द्वारा मांगी जारही राशि पूुरी तरह गलत है। दोनो पक्ष को सुनने में कई तारिख लगे और अंत में डी बी कार्प के ड्राईवर जीवन सिंह नरवरिया के पक्ष में आदेश जारी किया गया। जीवन सिंह नरवरिया को जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार उनका बकाया सात लाख ७९ हजार ५६ रुपये देने का डीबी कार्प प्रबंधन को आदेश दिया।

डी बी कार्प प्रबंधन ने ये पैसा नहीं दिया तो उसके बाद रिकवरी सार्टिफिकेट जारी करते हुये कलेक्टर को रिकवरी करने का आदेश दिया गया। कलेक्टर ने इस आदेश को तहसीलदार को सौंप दिया और निर्देश दिया कि डी बी कार्प प्रबंधन से उक्त धनराशि वसूलकर जीवन सिंह नरवरिया को दिलाया जाये। बताते हैं कि तहसीलदार कार्यालय की तरफ से जब रिकवरी की नोटिस डी बी कार्प प्रबंधन को दी गयी तो प्रबंंधन ने लेने से इंकार कर दिया। और इधर उधर की बातें करने लगे कि कंपनी के  एम डी नहीं है। जिसके बाद आखिर तंग आकर तहसीलदार कार्यालय के कर्मचारियों ने ये रिकवरी नोटिस डी बी कार्प के भोपाल स्थित एम पी नगर, जोन वन द्वारका सदन कार्यालय के गेट पर  गुरुवार को चपका दिया।

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इस नोटिस के चपकाते ही डी बी कार्प प्रबंधन में हड़कंप मच गया।  चर्चा है कि कई जगह प्रबंधन ने आकस्मिक बैठक भी बुलायी। फिलहाल आपको बतादें कि देश भर में सबसे ज्यादा जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की शिकायत दैनिक भाष्कर और डी बी कार्प के खिलाफ की गयी है। आज चपकाये गये नोटिस से मीडियाकर्मियों में खुशी का माहौल है। फिलहाल इतना तो तय है कि एक ड्राईवर ने डी बी कार्प प्रबंधन को उनकी औकात दिखादी। 

 शशिकांत सिंह

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पत्रकार और आर टी आई एक्टीविस्ट 

९३२२४११३३५

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