गोवा फिल्म फेस्टिवल की घटिया रिपोर्टिंग करने वाली दूरदर्शन की महिला रिपोर्टर के बचाव में उतर गए हैं डीडी के मुंबई ऑफिस के हेड मुकेश शर्मा. रिपोर्टर का बचाव करते हुए मुकेश ने कहा है कि उसके साथ कुछ तकनीकी दिक्कतें थीं, उसका इयरफोन काम नहीं कर रहा था, जिस वजह से वह शो के प्रोड्यूसर से निर्देश नहीं ले पा रही थी. वहां इतनी भीड़ थी जिसे देखकर वह नर्वस हो गई थी. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि महिला रिपोर्टर की रिपोर्टिंग स्तरीय नहीं थी.
उधर, प्रसार भारती ने पूरे घटनाक्रम को ‘सिस्टम फेल्योर’ करार दिया और जांच के लिए एडीजी यानि एडिशनल डायरेक्टर जनरल को मुंबई भेजा है. प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सिरकार का कहना है कि वह जानना चाहते हैं एक अप्रशिक्षित व्यक्ति को ऐसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम को लाइव कवर करने के लिए क्यों भेजा गया? पिछले 7 महीनों में दूरदर्शन की यह चौथी गलती है. यह बहुत दुखद और अपमानजनक है. कैजुअल कर्मचारियों के लिए जब स्किल टेस्ट लागू किया जाता है तो इसका विरोध शुरू हो जाता है. लेकिन अब इसे लागू करना ही पड़ेगा.
अब बात खराब रिपोर्टिंग करने वाली महिला रिपोर्टर की. वीडियो वायरल होने के बाद महिला रिपोर्टर अवसाद में चली गई है. अखबार द टेलीग्राफ में छपी खबर के मुताबिक सोशल मीडिया पर अपना मजाक बनाए जाने की वजह से रिपोर्टर ने खाना-पीना भी छोड़ दिया है. उसके घरवाले बहुत परेशान हैं. रिपोर्टर की मां कहती हैं कि मेरी लड़की बहुत परेशान है और बार-बार यही कह रही है कि उसकी जिंदगी और करियर खत्म हो गया. वह 2 दिन से खाना नहीं खा रही है. अब मुंबई पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच में शुक्रवार को शिकायत दर्ज कराई गई है, ताकि वह वीडियो ब्लॉक किया जा सके. ज्ञात हो कि वह महिला रिपोर्टर डीडी की कैजुअल एंकर है. वह पेशेवर पत्रकार नहीं है. उसे नियमित एंकरों से कम तनख्वाह मिलती है.
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