मास्को : मानवीय सरोकारों के पैरोकार हिन्दी के जाने-माने कवि और अनुवादक दिनकर कुमार को रूस का अन्तरराष्ट्रीय पूश्किन सम्मान-2012 दिए जाने की घोषणा की गई है। रूस के ‘भारत मित्र समाज’ की ओर से प्रतिवर्ष हिन्दी के एक प्रसिद्ध कवि-लेखक को मास्को में हिन्दी-साहित्य का यह महत्वपूर्ण अन्तरराष्ट्रीय सम्मान दिया जाता है। इस क्रम में समकालीन भारतीय लेखकों में अपना विशिष्ट स्थान रखने वाले और कविता के प्रति विशेष रूप से समर्पित दिनकर कुमार को जल्द ही यह सम्मान मास्को में आयोजित होने वाले गरिमापूर्ण कार्यक्रम में दिया जाएगा।
मूल रूप से मानवीय संवेदना के पक्ष में खड़े नज़र आने वाली कवि दिनकर कुमार का जन्म 5 अक्तूबर 1967 को बिहार के दरभंगा जिले के एक छोटे से गाँव ब्रहमपुरा में हुआ था और अब तक उनके चार कविता-संग्रह, दो उपन्यास, दो जीवनियाँ एवं असमिया भाषा से पचास से अधिक पुस्तकों का अनुवाद प्रकाशित हो चुका है। इस भरी-पूरी साहित्यिक सम्पदा वाले कवि-लेखक दिनकर कुमार की राष्ट्रीय ख्याति का अन्दाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी अनेक कविताओं का मराठी, बंगाली, मलयालम, पंजाबी, कन्नड़, उर्दू, गुजराती, तमिल, असमिया आदि भारतीय भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।
हिन्दी साहित्य के सोमदत्त सम्मान, जस्टिस शारदाचरण मित्र स्मृति भाषा सेतु सम्मान, जयप्रकाश भारती पत्रकारिता सम्मान एवं शब्द भारती का अनुवादश्री सम्मान जैसे अनेक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित दिनकर कुमार गुवाहाटी (असम) में प्रकाशित होने वाले हिन्दी दैनिक सेण्टिनल के सम्पादक हैं।
‘भारत मित्र’ समाज के महासचिव अनिल जनविजय ने मास्को से जारी विज्ञप्ति में यह सूचना दी है कि प्रसिद्ध रूसी कवि अलेक्सान्दर सेंकेविच की अध्यक्षता में हिन्दी साहित्य के रूसी अध्येताओं व विद्वानों की पाँच सदस्यीय निर्णायक-समिति ने कवि दिनकर कुमार को वर्ष 2012 के अन्तरराष्ट्रीय पूश्किन सम्मान के लिए चुना है। इस निर्णायक-समिति में हिन्दी साहित्य की प्रसिद्ध रूसी विद्वान ल्युदमीला ख़ख़लोवा, रूसी कवि अनातोली परपरा, कवयित्री और हिन्दी साहित्य की विद्वान अनस्तसीया गूरिया, कवि सेर्गेय स्त्रोकन और लेखक व पत्रकार स्वेतलाना कुज़्मिना शामिल थे। सम्मान के अन्तर्गत दिनकर कुमार को पन्द्रह दिन की रूस-यात्रा पर बुलाया जाएगा। उन्हें रूस के कुछ नगरों की साहित्यिक-यात्रा कराई जाएगी तथा रूसी लेखकों से उनकी मुलाक़ातें आयोजित की जाएँगी।
कवि दिनकर कुमार से पहले यह सम्मान हिन्दी के कवि विश्वनाथप्रसाद तिवारी, उदयप्रकाश, लीलाधर मण्डलोई, स्वप्निल श्रीवास्तव, आलोक श्रीवास्तव, बुद्धिनाथ मिश्र, भारत यायावर, पवन करण, कहानीकार महेश दर्पण, हरि भटनागर आदि को दिया जा चुका है। दिनकर कुमार से dinkar.mail@gmail.com पर सम्पर्क किया जा सकता है।