Damanjeet Singh Ahluwalia-
पिछले कुछ सालों से जितने लाइव मौत के वीडियो सामने आए उनमें ज्यादातर में एक चीज कॉमन है। लाउड डीजे और लाउड म्यूजिक। इन दोनों का होना कॉमन फैक्टर था। जो डीजे दरवाजे खिड़कियों के शीशे तोड़ सकता है, वह नाजुक हार्ट को आसानी से तोड़ सकता है। डीजे के स्थान पर पारंपरिक ढोल नगाड़ों का प्रयोग हो सुनने में भी आनन्द आता है और आवाज भी एक लिमिट में होती है।
Pawan Singh-
यदि जिंदा रहना चाहते हैं तो डीजे से दूरी बनायें… डीजे की तेज आवाज और उस पर नाचते-गाते युवा अचानक हार्ट अटैक से मर रहे हैं। डीजे की भारी आवाज और धमक से हार्ट के ऊपरी दो चैंबरों में खून सही तरीके से नहीं पहुंच पाता, जिससे लोअर चैंबर्स का ब्लड फ्लो भी गड़बड़ा जाता है……इससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है। गुजरात में डांडिया में बजता डीजे अब तक 10 लोगों की जान ले चुका है…
एक अध्ययन के अनुसार हमारे कान सन्नाटे तक की आवाज सुन सकते हैं, जो 0 से 5 डेसिबल तक होती है…..70 डेसिबल तक आवाज परेशान नहीं करती है लेकिन इसमें 5 डेसिबल की बढ़त से Heart Attack और स्ट्रोक का खतरा 34% तक बढ़ जाता है। इससे दरअसल दिल की धड़कनें अनियमित हो जाती हैं, जो अचानक हार्ट अटैक का कारण बन सकती हैं…..
इसलिए डीजे की तेज आवाज से आप का धर्म जागता है या नहीं लेकिन आप मौत के आस पास टहल रहे होते हैं…. धार्मिक पागलपन के माहौल में इस तरह की पोस्ट का हालांकि कोई मतलब नहीं है, फिर भी!
GK Pandey-
24 घंटे में गुजरात में गरबा प्रोग्राम में 10 लोगों की मौत हार्ट अटैक से हुई है। पिछले कुछ सालों से जितने लाइव मौत के वीडियो सामने आए उनमें ज्यादातर लाउड डीजे और म्यूजिक कॉमन फैक्टर था। जो डीजे दरवाजे खिड़कियों के शीशे तोड़ सकता है वह नाजुक हार्ट को आसानी से तोड़ सकता है। सभी धार्मिक कार्यक्रमों से डीजे पर पूर्णतः प्रतिबंध लगना चाहिए, डीजे के स्थान पर पारंपरिक ढोल नगाड़ों का प्रयोग हो।
Amit Chaturvedi-
सबसे कम उम्र का युवा 17 वर्ष का था, और ये आँकड़ा सिर्फ़ मरने वालों का है, गरबा स्थलों से 500 से ज़्यादा बार एम्बुलेंस को कॉल करके अस्पतालों में ऐडमिट करवाया गया है अहमदाबाद में।
कल गुजराती फ़िल्मों की एक अभिनेत्री उर्वशी सोलंकी कह रही थी कि जो भी युवा यहाँ गरबा करने आये हैं और सिंगल हैं वो सिंगल आए हैं लेकिन उन्हें सिंगल जाना नहीं है, उन्हें अपना पार्टनर ढूँढकर अपने पार्टनर के साथ ही जाना है।
आज से 23 साल पहले इंडिया टुडे पत्रिका ने दिसंबर 2000 में एक विशेषांक निकाला था, गरबा की कवर स्टोरी करके। मुद्दा ये था कि इन नौ दिनों में गुजरात के अहमदाबाद, सूरत आदि शहरों में ऐतिहासिक रूप से सबसे ज़्यादा कंडोम्स और दूसरे कॉनट्रासेप्टिव साधनों की सेल होती है और दिसंबर के महीनों में ही इन्हीं शहरों में सबसे ज़्यादा अवैध गर्भपात कराए जाते हैं।
वर्तमान में स्मार्ट फ़ोन, इंटरनेट को इन चीजों के लिए दोष दिया जाता है लेकिन गुजरात इनके बिना भी पच्चीस साल पहले कीर्तिमान रच रहा था और आज भी वो उतना ही नुक़सानदायक बना हुआ है..
Rajesh Rai-
पानीपत जेल के DSP जोगेन्द्र देशवाल की जिम करते समय आज अचानक आए हार्ट अटैक से मृत्यु हो गयी । खबर यह भी है कि गुजरात में 24 घंटे के दौरान गरबा नृत्य करते हुए 10 लोगों की मृत्यु हो गयी। मरने वालों में 13 साल के किशोर समेत 40 साल तक के युवा और प्रौढ शामिल है। करोना के बाद स्वस्थ युवाओं के इस तरह अचानक चले जाने की खबरें प्रायः सुनने को मिल रही हैं।आप सभी लोग अपना चेकअप कराते रहें, जरूरी दवाएं समय पर लें।