अमित चतुर्वेदी-
यूपी के फ़तेहपुर ज़िले की ज़िलाधिकारी मैडम की श्रीमती गाय देवी बीमार हैं, उनकी सेवा चिकित्सा के लिए 7 डॉक्टर्स की टीम को लगाया गया है और उनके अलावा 1 डॉक्टर को स्टैंड बाई रखा गया है।
अब आप सोचिए कि जब ज़िलाधिकारी मैडम की गाय के ये जलवे हैं तो ख़ुद ज़िलाधिकारी मैडम के कितने जलवे होंगे…
अच्छे दिन जो भैया लोगों के आने थे वो जिलाधिकारी दीदी और गैया लोगों के आ गए…
ये है डीएम की तरफ़ से जारी किया गया खंडन-
अभिनव सिंह-
एक के शासन में पुलिस अधिकारी भैंस पकड़ती थी और अब गाय ….. क्या बदला है उत्तर प्रदेश मे… बस कुछ अंतर आया है तो इस सरकार में नेता से ज़्यादा सशक्त बड़के साहब लोग हो गए है … DM फतेहपुर ने अपनी गाय को देखने के लिए डाक्टरों की लगाई ड्यूटी । बाक़ी मुझको क्या न तो मेरे पास गाय है और न ही भैंस …. और न मैं अधिकारी हूँ , न ही नेता…
अरविंद सिंह-
सूचना- जनहित में जारी है..
कलेक्टर बहादुर की गाय की तबियत नासाज़ है!!
यह कोई मामूली गाय थोड़े न है, यह विशेष नश्ल और विशेष प्रकार की गाय है.यह कलेक्टर बहादुर की गाय है. जिसकी तबियत इन दिनों नासाज़ चल रही है. जिसके प्रोटोकॉल को देखते हुए जनपद फतेहपुर के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने विशेष आदेश जारी किया है. इस विशेष दर्जा प्राप्त गाय के इलाज के लिए..एक नहीं, दो नहीं, तीन नहीं…बल्कि सात-सात पशुचिकित्सकों की ड्यूटी सुबह -शाम लगायी गई हैं.
इसके अतिरिक्त दो अन्य पशुचिकित्सा अधिकारियों की ड्यूटी भी बस इसलिए लगायी गई है कि-गाय माता की डेली हेल्थ बुलेटिन को मुख्य चिकित्सा अधिकारी महोदय तक पहुँचाया जाए. जिससे कलेक्टर बहादुर मोहतरमा-अपूर्वा दुबे तक उनके गाय की हेल्थ बुलेटिन रोजाना पहुंचती रहे. इससे भी यदि गाय माता को आराम नहीं पहुंचा तो, पूरा पशु महकमा लगाया जा सकता है.
इस राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रम में शिथिलता अक्षम्य है !!
विशेष तथ्य- अपूर्वा दूबे कानपुर कलेक्टर विशाख जी की पत्नी हैं !! सूचना समाप्त..!!
सौमित्र रॉय-
कितनी खुशनसीब होगी वह गाय, जिसकी जांच के लिए 7 डॉक्टर और एक स्टैंडबाय हैं। डीएम अपूर्वा दुबे की गाय पर जनपक्षधरता का दावा करने वाले मीडिया को खास खबर करनी चाहिए। गाय का बाकायदा इंटरव्यू लेना चाहिए। ग्राउंड रिपोर्ट हो।
रोज़ एक सिंगल कॉलम गाय के हेल्थ अपडेट का भी हो। मुमकिन हो तो योगीजी, मोदीजी गाय से मिलने आएं। मन की बात करें।
यह सब इसलिए, क्योंकि हमारे टैक्स का पैसा बाबू लोग उड़ा रहे हैं। पता तो चले कि गाय का दूध पीकर डीएम साहिब कितना फूलीं? अपूर्वा दुबे कानपुर के डीएम की पत्नी हैं। धन्य है यूपी और योगी राज।
समीरात्मज मिश्रा-
काश, देश का हर नागरिक इसी समर्पण के साथ गोसेवा कर पाता! डीएम की गो भक्ति की जितनी प्रशंसा की जाए कम है।
मैं तो योगी जी को एक सुझाव देना चाहूँगा कि वो हर छोटे-बड़े अधिकारी को आदेश दें कि अपनी रैंक के हिसाब से गायों को गोद लें और उनकी सेवा करें। यक़ीन मानिए, बुंदेलखंड से लेकर पूरे यूपी में छुट्टा पशुओं की समस्या लगभग ख़त्म हो जाएगी।
दुर्केश बहादुर सिंह
June 12, 2022 at 9:26 pm
जो हुआ अच्छा हुआ। जो हो रहा है, वह भी अच्छा हो रहा है। और जो होगा, वह भी अच्छा होगा। प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण ही देश की सेवा है। पवित्र भावनाओं को सम्मान देना ही ज्ञान है। खबर पर विचार व्यक्त करने वालों की भावनाओं का नमन है। गरीब व्यक्ति गाय, भैंस,कुत्ता, नीम के वृक्ष, पीपल के वृक्ष और अपने खेत और उसमें डाले गए बीज को भी अपना परिवार मानते है। अपनी गाय से आत्मिक संबंध कायम करना ज्ञान है।