पर्यावरण और विकास से जुड़े मुद्दों को समर्पित पत्रिका ‘डाउन टू अर्थ’ अपने 25 साल पूरे होने पर हिंदी संस्करण की शुरुआत कर रहा है। यह नई पत्रिका विकास, पर्यावरण और स्वास्थ्य की राजनीति से संबंधित ऐसी जमीनी रिपोर्ट और तथ्यपूर्ण लेख पाठकों तक पहुंचाएगी जो आमजन के लिए सबसे ज्यादा मायने रखते हैं। ‘डाउन टू अर्थ’ के अंग्रेजी संस्करण की तरह ही हिंदी पत्रिका भी केंद्र और राज्य सरकारों के नीति निर्धारकों को व्यापक जन हित में फैसले लेने के लिए बाध्य करेगी। पत्रिका में मौलिक रिपोर्टों के अलावा पर्यावरण से जुड़े साहित्य, लोक संस्कृति और इतिहास से संबंधित सामग्री को भी जगह दी जाएगी।
पत्रिका के प्रबंध सम्पादक रिचर्ड महापात्रा ने बताया कि ‘डाउन टू अर्थ’ हमारे जुनून का नतीजा है। हमारा लक्ष्य पाठकों तक उन मुद्दों को पूरे तथ्यों के साथ पहुंचाना है, जो हमारे वर्तमान और भविष्य पर असर डालते हैं। इस मुहिम में हमें आपके सहयोग की जरूरत है। आपसे अनुरोध है कि आप ‘डाउन टू अर्थ’ के हिंदी संस्करण को हर महीने खरीदकर कर हिंदी में पर्यावरण और विकास को समर्पित स्वतंत्र पत्रकारिता को अपना सहयोग प्रदान करें। पत्रिका के प्रवेशांक की आवरण कथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्पूर्ण स्वच्छता के संकल्प और उनके नियत तिथि तक पूरा होने की चुनौती का आकलन करती है। नीचे दिए लिंक पर जाकर आवरण कथा के प्रमुख बिंदुओं को जाना जा सकता है।