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सुख-दुख

DPMI में पत्रकारिता के नाम पर छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़

दिल्ली में एक ऐसा मीडिया इंस्टीट्यूट है जो गरीब तबके के बच्चों से महंगी फीस लेकर पत्रकारिता की पढ़ाई करवाता है लेकिन फेसिलिटी के नाम पर कुछ नहीं देता है. DPMI यानि Delhi Paramedical & Management Institute दिल्ली के न्यू अशोक नगर में स्थित है. इसमें मेडिकल, होटल मैनेजमेंट और एविएशन की पढ़ाई होती है. इसी के साथ यहां पत्रकारिता की भी पढ़ाई कराई जाती है. दाखिला लेते समय बच्चों से बड़ी-बड़ी बाते की जाती हैं। लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किया जाता। अच्छे शिक्षकों को यह कह कर निकाल दिया जाता है कि बच्चे उनसे पढ़ना नहीं चाहते। 

<p>दिल्ली में एक ऐसा मीडिया इंस्टीट्यूट है जो गरीब तबके के बच्चों से महंगी फीस लेकर पत्रकारिता की पढ़ाई करवाता है लेकिन फेसिलिटी के नाम पर कुछ नहीं देता है. DPMI यानि Delhi Paramedical & Management Institute दिल्ली के न्यू अशोक नगर में स्थित है. इसमें मेडिकल, होटल मैनेजमेंट और एविएशन की पढ़ाई होती है. इसी के साथ यहां पत्रकारिता की भी पढ़ाई कराई जाती है. दाखिला लेते समय बच्चों से बड़ी-बड़ी बाते की जाती हैं। लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किया जाता। अच्छे शिक्षकों को यह कह कर निकाल दिया जाता है कि बच्चे उनसे पढ़ना नहीं चाहते। </p>

दिल्ली में एक ऐसा मीडिया इंस्टीट्यूट है जो गरीब तबके के बच्चों से महंगी फीस लेकर पत्रकारिता की पढ़ाई करवाता है लेकिन फेसिलिटी के नाम पर कुछ नहीं देता है. DPMI यानि Delhi Paramedical & Management Institute दिल्ली के न्यू अशोक नगर में स्थित है. इसमें मेडिकल, होटल मैनेजमेंट और एविएशन की पढ़ाई होती है. इसी के साथ यहां पत्रकारिता की भी पढ़ाई कराई जाती है. दाखिला लेते समय बच्चों से बड़ी-बड़ी बाते की जाती हैं। लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किया जाता। अच्छे शिक्षकों को यह कह कर निकाल दिया जाता है कि बच्चे उनसे पढ़ना नहीं चाहते। 

यहां आजकल पत्रकारिता के छात्रों को दाखिलों से पहले यह दिखाया जाता है कि उनके पास हिमालय न्यूज़ चैनल नाम एक वेब चैनल है जो कि DPMI का चैनल है। उनसे कहा जाता है कि स्टूडियो आपके लिये है। लेकिन छात्रों का आज तक स्टूडियो में नहीं ले जाया गया। छात्रों से कहा जाता है कि वे स्टूडियो में जाने के लायक नहीं हैं। जो अब पढ़ाते हैं वो कहते हैं कि तुम सब भाड़ में जाओ, तुम लोग कहीं नहीं जा सकते। दखिले के समय 100 प्रतिशत बड़े चैनलों में प्लेसमेंट का दावा करते हैं। लेकिन प्लेसमेंट मिलती किसी को नहीं हैं। ये इंस्टीट्यूट उनमें से है जो पत्रकारिता की थोड़ी बहुत शिक्षा तो देता है लेकिन इनके छात्रों को रोजगार कहीं नहीं मिल पाता। इस इंस्टीट्यूट के संस्थापक डॉ. विनोद बछेदी हैं।

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DPMI के कुछ छात्रों की तरफ से भड़ास को भेजे गए पत्र पर आधारित.

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