यशवंत सिंह-
मैं और उमेश जी हरिद्वार जाने के लिए ब्ला ब्ला के माध्यम से एक गाड़ी मालिक को ढूंढे जो पांच पांच सौ रुपये में सीटें मुहैया करा रहा था. बातचीत हुई और हम चल पड़े. ये महोदय गाड़ी मालिक गोलू मोलू टाइप सरल सहज सज्जन दिखे. परिचय हुआ तो पता चला कि ये डोमिनोज में क्वालिटी मैनेजर हैं. यानि काफी बड़े पद पर हैं और काफी बड़े एरिया का दायित्व इन पर है, चंडीगढ़ दिल्ली एनसीआर समेत तमाम शहरों का.
गाड़ी मालिक आशू जी मुजफ्फरनगर तक चुप ही रहे. गाना सुनते, गुनगुनाते. थोड़ी बहुत परिचयात्मक बातचीत होती या फिर शांति ही छाई रहती. मुजफ्फरनगर के बाद जाने कैसे राजनीतिक बातचीत शुरू हो गई. शायद हम लोगों के पत्रकार होने के कारण उनके भीतर का राष्ट्रवादी जग गया था और वे पत्रकारिता का असली परिभाषा सिखाने के लिए तत्पर हो चले. शुरुआत में उनकी कई बातों का मैंने प्रतिवाद किया. पर उनका लगातार बोलना, उनकी बातचीत की पिच और तर्क का स्तर मुझे ये समझाने में कामयाब रहा कि इस बंदे से बहस करना बेकार है. ये पक्का वाला भक्त है. अगर करना है तो ये करो कि इसकी बातें रिकार्ड कर लो. आनंद आएगा.
सो, एक सच्चे भक्त का स्टिंग कर लिया मैंने. ऐसा भक्त जो काफी पढ़ा लिखा है, प्रेम विवाह किया है, अंतरराष्ट्रीय फूड प्रोडक्ट डोमिनोज का क्वालिटी मैनेजर है. देखने में सुंदर सुशील विनम्र और गोलू मोलू मकालू लगता है. वो कैसे सोचता है, ये स्टिंग बताता है. ये सिर्फ एक पढ़े लिखे समझदार आदमी की बात नहीं है. ऐसों की भीड़ है भारत देश में. इस भक्त की बतकही सुनने के बाद मुझे हरिद्वार जाने के अपने निर्णय पर गर्व हुआ. गंगा नहाइए और फैलकर सोइए. इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता. अपना देश कई सौ साल में एक बार करवट लेता है फिर उसी करवट कई सौ सा लेटा रहता है. सो, हम भी लेट जाते हैं चुप्पे….. हा हा हा… सुनिए सच्चे भक्त का स्टिंग और आनंद लीजिए….
पहला आडियो ये है- Bhakt ka sting part one
दूसरा और असली आडियो ये है- Bhakt ka sting part two
Comments on “एक सच्चे ‘भक्त’ का स्टिंग! सुनें आडियो”
यशवंत भाई
जितना लोगों के बीच जाएंगे उतना ऐसे ही लोगों को पाएंगे
भक्त भक्त कहिए
Aap bhi c hain yashwant jee…