नई दिल्ली। सिरसा विधानसभा के बाद हिसार विधानसभा का चुनाव भी दिलचस्प होने की संभावना है। हिसार से अग्रवाल समुदाय के दो दिग्गजों के आमने-सामने होने के आसार बढ़ गए हैं। उद्योगपति स्वर्गीय ओम प्रकाश जिंदल की पत्नी सावित्री जिंदल हिसार की मौजूदा विधायिका हैं। सावित्री कांग्रेस टिकट पर चुनी गई थीं और इस बार पार्टी उन्हें ही उम्मीदवार घोषित करेगी। इधर ज़ी टीवी चैनल समूह के प्रमुख सुभाष चन्द्र गोयनका भी इसी सीट से भाजपा टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने जा रहे हैं। वैसे भी भाजपा को सुभाष चन्द्र गोयनका से ज्यादा दमदार उम्मीदवार नज़र नहीं आ रहा। सूत्रों की मानें तो गोयनका की पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से पहले ही बात हो चुकी है।
गोयनका के बारे में एक बात मशहूर है कि वे हर काम को पूरी शिद्दत और सिस्टम से करते हैं। इस दिशा में उन्होंने इस रविवार को हिसार में चुनिंदा लोगों की एक बैठक आयोजित की है जिसमें वे उनका मन टटोलेंगें। सावित्री जिंदल और सुभाष चन्द्र दोनों ही हिसार के रहने वाले हैं। सुभाष गोयनका ने ज़ी टीवी के रूप में मीडिया समूह स्थापित कर एक नए क्षेत्र में क्रांति लाने का करिश्मा किया है। उन्होंने इस क्षेत्र में विश्व के धुरंधर चैनलों से आगे निकलने का साहस भी दिखाया है। केवल उनके समूह के चैनल ही दुनिया के किसी भी कोने में देखे जा सकते हैं। कहना न होगा कि प्रचार के मामले में उनके पास चैनलों की एक भरी पुरी दुनिया है वहीं सावित्री जिंदल के पास अपना चैनल फोकस टीवी है।
अग्रवाल समुदाय के दो महारथियों के आमने-सामने होने की संभावना को लेकर इस समुदाय के लोग असमंजस में हैं कि वे किसका समर्थन करें। यहां गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से इन दोनों परिवारों के बीच छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है। ज़ी टीवी ने नवीन जिंदल के कोयला घोटाले की ख़बरें प्रसारित की तो नवीन जिंदल ने ज़ी टीवी के संपादकों पर ब्लैकमेल करने आरोप लगा दिया। दोनों के एक दूसरे पर मामले अदालत में हैं। सुभाष चन्द्र गोयनका के चुनाव लड़ने से एक वर्ग इन्हें भी मौका देने के पक्ष में हैं उन्हें लगता है कि रोहतक की तर्ज पर हिसार चमकाने में गोयनका अहम भूमिका अदा कर सकते हैं।
उधर सिरसा सीट पर गोपाल कांडा चुनाव लड़ रहे हैं। इनेलो ने उनके मुकाबले गुड़गांव के कॉलोनाइज़र मक्खन लाल को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस, भाजपा और जनहित कांग्रेस ने अभी अपने उम्मीदवार तय नहीं किए हैं। फिलहाल कांडा और मक्खन लाल के बीच अख़बारों के माध्यम से धुआंधार प्रचार हो रहा है। मक्खन लाल को टिकट देने से इनेलो कार्यकर्ताओं में रोष है। बताते हैं कि अभय चौटाला ने यह कह कर उन्हें टिकट दिया है कि कांडा के पैसे का मुकाबला वे ही कर सकते हैं।
मक्खन लाल और कांडा का प्रापर्टी का काम पिछले दस वर्षों में भूपेन्द्र हुड्डा के आशीर्वाद से काफी फला-फूला हैं। पूर्व मंत्री लछमन दास अरोड़ा की बेटी सुनीता कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई और उसे पार्टी टिकट मिलने की उम्मीद है। कांडा और मक्खन लाल खुले दिल से पैसा लगा रहे हैं। इतफाक की बात है कि सुभाष चन्द्र गोयनका, और जिंदल की तरह गोपाल कांडा का भी एक टीवी चैनल है।
पवन कुमार बंसल
Rakesh chakraborty
September 3, 2014 at 8:32 am
This is Great news in media industry..Dr.Chandra won this election…