शीतल पी सिंह-
अडानी जी को सिर्फ़ RSS ने ही समर्थन नहीं दिया बल्कि वरिष्ठ पत्रकार और दलित-पिछड़ा चिंतक Dilip C Mandal भी खुलकर मैदान में आ गए हैं. दोनों ने वामपंथियों को अडानी के विरुद्ध साजिश का गुनहगार करार दिया है.
दोनों देशभक्ति के चोले में हैं क्योंकि जो कुछ हिडेनबर्ग ने पेश किया है वह विदेशी कोटे में आता है (मुझे ऐसा कहीं कोई संदर्भ नहीं मिला कि हिडेनबर्ग वामपंथी है, किसी के पास हो तो बताएं)!
मंडल का दावा है कि वे SC/ST/OBC की हितरक्षा में अडानी का /पूंजीवाद का समर्थन कर रहे हैं!
मज़कूर आलम-
जब से एनडीटीवी को अडाणी सेठ ने खरीदा है, गोदी मीडिया (धन्ना सेठों वाली मीडिया, जो अच्छा वेतन देते हैं) से किनारे लगा दिए गए दलितों-पिछड़ों के रूप में अपनी छवि बनाने वाले Dilip C Mandal अडाणी के समर्थन में जी-जान से उतर गए हैं।
बता दें कि अडाणी ग्रुप जब तक मीडिया में नहीं था, तब-तक मशहूर वरिष्ठ पत्रकार-संपादक दिलीप मंडल अडाणी का घणा विरोध किया करते थे। नीचे संलग्न एनडीटीवी खरीदने के बाद और खरीदने से पहले के स्क्रीनशॉट्स में आप यह देख सकते हैं।
देखें दिलीप मंडल की पोस्ट-

ये भी दिलीप मण्डल का है….
अडानी एंटरप्राइज़ 1999 में जब मार्केट में उतरी तो एक शेयर 6 रुपए का था। 72% शेयर अड़ानी ने अपने पास रखे। कांग्रेस के अच्छे दिनों में ये शेयर 700 रुपए तक गया और अब अपनी ऊँचाई से लुट पिटकर 1600 के आस पास है।

बाक़ी ज़्यादातर शेयर (15%) विदेशी संस्थानों के पास हैं। फिर देसी संस्थाएँ हैं। जनता के पास 6% भी नहीं है। जनता कौन, ये आप समझिए। 72% से ज़्यादा अब भी अड़ानी के पास है। इसलिए मैं इस बारे में अभी लिख नहीं रहा हूँ। मेरा फ़िलहाल अड़ानी में कोई इन्वेस्टमेंट नहीं है।
वैसे दिलीप मंडल जी कभी अदाणी के ख़िलाफ़ भरपूर ज़हर उगलते थे… देखें कुछ स्क्रीनशॉट्स..
