लखनऊ। कैबिनेट मंत्री मो. आजम खां द्वारा पर्दाफाश डॉट कॉम के संचालक-संपादक मुनेन्द्र शर्मा के खिलाफ दर्ज करवाए गए आपराधिक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करते हुए पर्दाफाश को राहत देते हुए दोनों पक्षों के सामने आने तक सम्बंधित मामले में याचिका कर्ता के खिलाफ किसी भी प्रकार की पुलिसिया कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने यूपी सरकार और आजम खां समेत चार लोगों को नोटिस भी भेजा है।
बुधवार को न्यायमूर्ति वीके शुक्ला और न्यायमूर्ति शशि कांत की खंडपीठ ने मुनेन्द्र शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपी सरकार और कैबिनेट मंत्री आजम खां समेत चार लोगों को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर अपना पक्ष अदालत के सामने रखने का आदेश दिया है। इसके साथ ही अदालत ने यूपी पुलिस को निर्देश दिया है कि जब तक अदालत दोनों पक्षों की नहीं सुनवाई नहीं कर लेती तब तक याचिका कर्ता मुनेन्द्र शर्मा के खिलाफ रामपुर के गंज थाने में 14 अगस्त 2014 को दर्ज हुए आपराधिक मामले में कोई कार्रवाई नही की जाए।
आपको बता दें कि 12 अगस्त 2014 को पर्दाफाश द्वारा आजम खां की एक वीडियो क्लिप के आधार पर एक खबर प्रसारित की गई थी। इस क्लिप में आजम खां को समाजवादी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के लिए हिजड़ा और नामर्द जैसे शब्द प्रयोग करते हुए दिखाया गया है। इस क्लिप को झूठा बताते हुए आजम खां द्वारा पर्दाफाश डॉट कॉम के संचालक, संपादक और मुनेन्द्र शर्मा के खिलाफ गत् 14 अगस्त को रामपुर जिले के गंज पुलिस थाने में इंफार्मेशन टैक्नॉलजी एक्ट-2000 की धारा 66(ए) और आईपीसी की धारा 500, 501 और 502 के तहत आपराधिक मामला दर्ज करवाया गया था।