बरेली से खबर आ रही है कि हिंदुस्तान अखबार के सीनियर कॉपी एडिटर मनोज शर्मा ने 33,35,623 रुपये, सीनियर सब एडिटर निर्मल कान्त शुक्ला ने 32,51,135 रुपये और चीफ रिपोर्टर डॉ. पंकज मिश्रा ने 25,64,976 रुपये का मजीठिया वेज बोर्ड के वेतनमान के अनुसार एरियर का क्लेम उप श्रमायुक्त बरेली के यहाँ ठोंक दिया है। तीनों ने उपश्रमायुक्त बरेली से शिकायत की है कि हिंदुस्तान प्रबंधन मजीठिया के अनुसार वेतन और बकाया देय मांगने पर उनको प्रताड़ित कर रहा है। साथ ही आये दिन धमका रहा है।
बरेली हिंदुस्तान के सीनियर सब एडिटर निर्मल कान्त शुक्ला ने उप श्रमायुक्त से लिखित शिकायत की है कि तीन माह पहले श्रमायुक्त कानपुर को भेजी गई जिस शिकायत पर उनके (उपश्रमायुक्त) द्वारा सुनवाई की जा रही है, उस शिकायत को वापस लेने के लिए हिंदुस्तान प्रबंधन लगातार दबाव बनाता रहा। हिंदुस्तान बरेली के एच आर हेड और मेरठ से आकर रीजनल एचआर हेड ने धमकाया कि यदि शिकायत वापस नहीं लोगे तो तुमको संस्थान से बाहर कर दिया जायेगा, तुम्हारा ट्रांसफर इतनी दूर कर देंगे, जहाँ से साल-साल भर अपने घर नहीं आ सकोगे।
निर्मल कान्त शुक्ला ने डीएलसी से कहा कि वह इन धमकियों से भयभीत हैं। ये दोनों उनके साथ कोई भी अनहोनी कारित करा सकते हैं। इन दोनों पर सख्त कार्रवाई की जाय। डीएलसी ने प्रबंधन से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई की तिथि 3 मार्च नियत की है।
दरअसल यूपी के श्रमायुक्त से मजीठिया के अनुसार वेतन न मिलने की बरेली हिंदुस्तान से चीफ कॉपी एडिटर सुनील कुमार मिश्रा, सीनियर सब एडिटर रवि श्रीवास्तव, सीनियर सब एडिटर निर्मल कान्त शुक्ला, चीफ रिपोर्टर पंकज मिश्रा, पेजिनेटर अजय कौशिक ने शिकायत भेजी थी। श्रमायुक्त ने बरेली डीएलसी को प्रकरण निस्तारित करने का आदेश दिया, जिस पर डीएलसी बरेली सुनवाई कर रहे हैं। प्रबंधन के लोगों ने सुनील मिश्रा और रवि श्रीवास्तव को पहली ही सुनवाई पर डीएलसी के यहां ले जाकर ये लिख लिया और फाइल पर चस्पा करा दिया कि हमको मजीठिया के समस्त लाभ मिल रहे हैं, हमें संस्थान से कोई शिकायत नहीं है। हालांकि डीएलसी ने इस तरह स्टेनो की पास ले जाकर फाइल में कागज चस्पा कराने को मानने से इनकार कर दिया और रवि व सुनील को फिर नोटिस भेजकर बुलवाने और उन दोनों के खुद बयान लेने की बात कही है।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आर टी आई एक्सपर्ट
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