हिंदुस्तान, बरेली में वेतन को लेकर फर्जीवाड़ा, खुलासे से कर्मचारियों में हड़कंप

बरेली से बड़ी खबर आ रही है, हिंदुस्तान बरेली में मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों से बचने के लिए कंपनी की चेयरपर्सन शोभना भरतिया को डुबोने पर आमादा अफसरों की चौकड़ी ने कर्मचारियों के वेतन को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा किया है। इसका खुलासा जनसूचना अधिकार के तहत डीएलसी बरेली ने मजीठिया क्रांतिकारी निर्मल कान्त शुक्ला को दी गई सूचनाओं में किया है। जनसूचना के तहत मिली जानकारी के अनुसार हिंदुस्तान बरेली ने खुद को अमर उजाला से भी एक पायदान नीचे जाकर छठी कैटेगिरी में होना बताया है। कहा कि वह तो कर्मचारियों को मजीठिया से कही अधिक वेतन हर माह दे रहे हैं।

हिन्दुस्तान बरेली ने आईटी मैनेजर समेत दस कर्मियों को बाहर निकाला, जी बिजनेस में भी छंटनी

बरेली से बड़ी खबर आ रही है. मजीठिया वेज बोर्ड के अनुरूप वेतन और भत्ते ना देने के मामले में अवमानना के केस में सुप्रीम कोर्ट के संभावित कड़े फैसले के आने से पहले ही हिन्दुस्तान प्रबंधन बुरी तरह बौखला गया है। बौखलाहट में हिन्दुस्तान प्रबंधन ने स्टाफ को और भी कम करना शुरू कर दिया है ताकि मजीठिया मांगने और प्रबंधन की मुखालफत करने शेष बचे कर्मचारी हिम्मत ना जुटा सकें। इस समय हिंदुस्तान बरेली में स्टाफ बहुत कम है। जो लोग कार्यरत हैं, वे अभी भी पांच-पांच आदमियों के काम का बोझ उठाकर उफ़्फ भी नहीं कर रहें हैं। ये लोग मजीठिया वेतनमान व एरियर मिलने की झूठी उम्मीद पाले हुए नौकरी कर रहे हैं।

‘हिन्दुस्तान’ अखबार को मजीठिया क्रांतिकारियों ने हराया, जीएम व संपादक की आरसी कटी

बरेली से बड़ी खबर आ रही है कि उपश्रमायुक्त ने हिन्दुस्तान के महाप्रबंधक और स्थानीय संपादक के खिलाफ मजीठिया बेज बोर्ड के अनुसार तीन कर्मचारियों के वेतन व एरियर की बकाया वसूली के लिए आरसी जारी कर जिलाधिकारी को भेज दी है। हिन्दुस्तान प्रबंधन को सोमवार को श्रम न्यायालय में करारी हार का सामना करना पड़ा। इस खबर से हिन्दुस्तान के उच्च प्रबंधन में हड़कंप मच गया है। हालांकि हिन्दुस्तान प्रबंधन सोमवार को आरसी का आदेश रिसीव होने तक उसे रुकवाने के लिए आला अफसरों के जरिये दबाव बनाने में लगा रहा।

बरेली डीएलसी को हिंदुस्तान के चार शिकायतकर्ताओं की तलाश

शिकायतें मिली नहीं या फिर श्रमायुक्त कार्यालय कानपुर से आने के बाद बरेली में उपश्रमायुक्त कार्यालय में दबा ली गईं, कुछ तो जरूर हुआ है। डीएलसी बरेली 23 व 24 मार्च को कानपुर में श्रमायुक्त की मीटिंग में जब पहुंचे तो उनसे बरेली में हिंदुस्तान के विरुद्ध मजीठिया के क्लेम को लेकर श्रमायुक्त कार्यालय से भेजी गई नौ शिकायतों के निस्तारण की प्रगति पूछी गई। तब उन्होंने हैरानी जताते हुये सिर्फ पांच हिंदुस्तानियों की शिकायतें ही मिलने की बात कही।

हिंदुस्तान बरेली से तीन लोगों ने उप श्रमायुक्त के कोर्ट में किया मजीठिया का क्लेम

बरेली से खबर आ रही है कि हिंदुस्तान अखबार के सीनियर कॉपी एडिटर मनोज शर्मा ने 33,35,623 रुपये, सीनियर सब एडिटर निर्मल कान्त शुक्ला ने 32,51,135 रुपये और चीफ रिपोर्टर डॉ. पंकज मिश्रा ने 25,64,976 रुपये का मजीठिया वेज बोर्ड के वेतनमान के अनुसार एरियर का क्लेम उप श्रमायुक्त बरेली के यहाँ ठोंक दिया है। तीनों ने उपश्रमायुक्त बरेली से शिकायत की है कि हिंदुस्तान प्रबंधन मजीठिया के अनुसार वेतन और बकाया देय मांगने पर उनको प्रताड़ित कर रहा है। साथ ही आये दिन धमका रहा है।