लखनऊ : श्रीनगर, आलमबाग, लखनऊ निवासी सुशील अवस्थी का कहना है कि यूपी की टाइम इन्फार्मेशन सर्विसेज प्राइवेट लि. कंपनी अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए आम जनता को ठग रही है। इस कंपनी का पता है – बख़्शूपुर, जमनिया रोड, ग़ाज़ीपुर (यूपी)। इस कंपनी का CIN नंबर है- U74120UP2011PTC045400. यह कंपनी भारत सरकार की स्वावलम्बन पेंशन योजना का अपने व्यावसायिक लाभ के लिए बेज़ा इस्तेमाल कर रही है। सुशील अवस्थी बताते हैं कि वह तमाम उच्चाधिकारियों, कंपनी से संबंधित विभाग और सरकार से अपनी फरियाद सुनाने के साथ पुलिस में कंपनी की करतूतों के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज करा चुके हैं लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जानबूझकर मीडिया भी इसके कारनामों पर रहस्यमय ढंग से खामोशी साध बैठा है।
नीचे प्रस्तुत हैं कंपनी की ठगी के कुछ प्रामाणिक दस्तावेज –
वह बताते हैं कि ‘स्वावलम्बन योजना’ के तहत पीऍफ़आरडीए (पेंशन फंड रेगुलेटरी अथॉरिटी) द्वारा आम आदमी को 60 वर्ष की उम्र के बाद आजीवन पेंशन देने की केंद्र सरकार की योजना है। इस योजना में प्रान कार्ड बनता है। टाइम इन्फार्मेशन सर्विसेज प्राइवेट लि. कंपनी मल्टी लेबल मार्केटिंग पद्धति से यह कार्ड बना रही है, जबकि वह ऐसा करने के लिए भारत सरकार की विनियामक संस्था पीएफआरडीए से अधिकृत नहीं है। पहले तो यह कंपनी अपने प्रशिक्षित एजेंटों के जरिये आम नागरिकों को मोटी कमाई का झांसा देकर उनसे अपना कार्ड बनवाने के नाम पर सात-सात सौ रुपये वसूलती है। फिर ये कहकर कि ‘कार्ड बनकर आने में तीन महीने का समय लगता है’, जुड़े लोगों को कमीशन का लालच देकर दूसरे लोगों को जोड़ने के लिए प्रेरित करती है। तीन महीने बाद जब लोग कंपनी और उसके प्रशिक्षित एजेंटों से संपर्क साधते हैं तो पता चलता है कि एजेंट उस शहर से चम्पत होकर अन्यत्र किसी शहर या कसबे में भोले-भाले लोगों को ठगने के लिए भाग चुके हैं। इस तरह कंपनी अपना धंधा बदस्तूर और बेख़ौफ़ जारी रखे हुए है।
उनका कहना है कि कंपनी की वेबसाइट www.timeinfo.in और उसके कस्टमर केयर नंबर 0548-2230033, मोबाइल नंबर – 8115563563 पर भुक्त भोगियों द्वारा संपर्क किये जाने पर कंपनी द्वारा एकदम नयी कहानी गढ़कर सुना दी जाती है कि कंपनी तो प्रान कार्ड बिलकुल ही नहीं बनाती है। वह तो सिर्फ बायो एनर्जी कार्ड बेचती है। जो भी लोग कंपनी से बायो एनर्जी कार्ड खरीदते हैं, कंपनी उनका प्रान कार्ड निःशुल्क बनाकर देती है ।
सुशील अवस्थी का शासन, प्रशासन और सरकार से पूछना है कि क्या इस तरह प्रान कार्ड बनवाने के इच्छुक लोगों को बायो एनर्जी कार्ड खरीदने के लिए बाध्य करना उचित है? क्या इस तरह भारत सरकार की किसी योजना को अपने व्यावसायिक हित के लिए अनुचित उपयोग कर कंपनी के इस आचरण को उचित साबित किया जा सकता है? नहीं, बिलकुल भी नहीं। पीऍफ़आरडीए द्वारा संचालित टोल फ्री नंबर – 1800110708 पर बात करने पर पता चलता है कि कंपनी का यह आचरण भी गैर क़ानूनी है।
वह बड़े अफ़सोस के साथ बताते हैं कि वह भी कंपनी की ठगी का शिकार हो चुके हैं। करीब पांच-छह महीने पहले उनकी भी मुलाकात कंपनी के प्रशिक्षित ठग एजेंट (राज नारायण पासी, निवासी २४ क, भुआल चक, ग़ाज़ीपुर यूपी) से हुई थी। उन्होंने बगैर कुछ ज्यादा सोचे-विचारे उस ठग की मीठी-मीठी बातों पर भरोसा कर खुद तो फ़ंसे ही, अपने सैकड़ों इष्ट-मित्रों को भी कंपनी के इस ठगी के मकड़जाल में फँसा दिए। अभी तक न तो उनके किसी मित्र का प्रान कार्ड आया है, न ही गया हुआ धन मिला है। कंपनी के स्वयंभू एम.डी. रामा यादव से जब भी उसके मोबाइल नंबर 8858405055 पर उन्होंने संपर्क किया, भांति-भांति के बहाने, पूर्वांचल के अनेक बाहुबलियों का नाम लेकर धमकियों के सिवा कुछ भी नहीं प्राप्त हुआ है।
सुशील अवस्थी के मुताबिक कंपनी द्वारा इस तरह ठगे गए लोगों की संख्या सैकड़ों में नहीं, बल्कि हज़ारों में है। उनकी जानकारी के अनुसार कंपनी का मकड़जाल एक-दो प्रदेशों नहीं बल्कि पूरे भारत में फैला हुआ है। कंपनी से ठगे जाने के बाद उनके पास दो विकल्प थे। पहला यह कि हज़ारों पीड़ितों की तरह वह भी कथित एमडी की धमकियों में आकर शांत हो जाएं या फिर दूसरा ये कि ठगों को कानूनी सजा दिलाने के लिए संघर्ष का रास्ता अख्तियार करें। उन्होंने शासन, प्रशासन और सरकार से महाठगी का धंधा कर रही कंपनी के आरोपियों को दबोच कर उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग है ताकि उसके कारनामों से अपरिचित-अनजान कोई और व्यक्ति उसके झांसे का शिकार होने से बच जाए। यदि कार्रवाई नहीं होती है तो माना जाएगा कि उस ठगी में जिम्मेदार अधिकारियों, सत्तासीन राजनेताओं और पुलिस की भी मिलीभगत है।
सुशील अवस्थी संपर्क : 9454699011