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जी न्यूज मेरी इज्जत के साथ खेल रहा है : जिंदल

जी न्यूज चैनल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सांसद व जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड के चेयरमैन नवीन जिंदल ने बृहस्पतिवार को पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी से मुलाकात की। करीब 20 मिनट की मुलाकात में जिंदल ने बस्सी को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की प्रति भी सौंपी, जिसमें दिल्ली पुलिस को जांच आगे बढ़ाने को कहा गया है। जिंदल का आरोप है कि कोल ब्लाक आवंटन घोटाला मामले में जी न्यूज ने जानबूझकर लगातार उनके खिलाफ गलत खबरे प्रसारित कर उनकी छवि खराब की।

<p>जी न्यूज चैनल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सांसद व जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड के चेयरमैन नवीन जिंदल ने बृहस्पतिवार को पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी से मुलाकात की। करीब 20 मिनट की मुलाकात में जिंदल ने बस्सी को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की प्रति भी सौंपी, जिसमें दिल्ली पुलिस को जांच आगे बढ़ाने को कहा गया है। जिंदल का आरोप है कि कोल ब्लाक आवंटन घोटाला मामले में जी न्यूज ने जानबूझकर लगातार उनके खिलाफ गलत खबरे प्रसारित कर उनकी छवि खराब की।</p>

जी न्यूज चैनल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सांसद व जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड के चेयरमैन नवीन जिंदल ने बृहस्पतिवार को पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी से मुलाकात की। करीब 20 मिनट की मुलाकात में जिंदल ने बस्सी को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की प्रति भी सौंपी, जिसमें दिल्ली पुलिस को जांच आगे बढ़ाने को कहा गया है। जिंदल का आरोप है कि कोल ब्लाक आवंटन घोटाला मामले में जी न्यूज ने जानबूझकर लगातार उनके खिलाफ गलत खबरे प्रसारित कर उनकी छवि खराब की।

कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल दोपहर करीब 12 बजे पुलिस मुख्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने भीमसेन बस्सी से और क्राइम ब्रांच के विशेष आयुक्त ताज हसन से मुलाकात की। पत्रकारों से बातचीत में नवीन जिंदल ने कहा कि जी न्यू उनकी इज्जत के साथ खिलवाड़ कर रहा है। पुलिस आयुक्त से मिलकर कार्रवाई में तेजी लाने का अनुरोध किया है। मामले में पुलिस पूरक आरोप पत्र दाखिल करेगी। बस्सी ने पत्रकारों को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को वह पहले पढ़ेंगे, उसके बाद आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। पूरक आरोप पत्र के बारे में उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। गौरतलब है कि इससे पूर्व 8 अप्रैल को नवीन जिंदल ने पुलिस आयुक्त से मुलाकात कर मामले में कार्रवाई की मांग की थी। उस दौरान जी न्यूज व जी बिजनेस के संपादकों के खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल नहीं किया था।

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कोल आवंटन घोटाला मामले में जी न्यूज में अपने खिलाफ कई दिनों तक खबरें दिखाए जाने पर पिछले साल नवीन जिंदल ने पुलिस आयुक्त से मिलकर चैनल के दो संपादकों सुधीर चौधरी व समीर अहलुवालिया के खिलाफ सरकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने संबंधी शिकायत की थी। क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज कर दोनों संपादकों को गिरफ्तार भी किया था, लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गई। जिंदल ने अपने दावे के पक्ष में एक स्टिंग भी सौंपा था। इसमें दिखाया गया कि दोनों संपादक कैसे उनसे खबरें न प्रसारित करने की एवज में 10 करोड़ रुपये की मांग कर रहे हैं। जी न्यूज के खिलाफ दर्ज मामले में क्राइम ब्रांच ने जो आरोप पत्र दायर किया था, उस पर मुख्य महानगर दंडाधिकारी अदालत (सीएमएम कोर्ट) ने 4-5 तथ्यों पर सवाल उठाते हुए जवाब देने का आदेश दिया था। इस पर दिल्ली पुलिस सेशन कोर्ट चली गई। सेशन कोर्ट ने मुख्य महानगर दंडाधिकारी कोर्ट को अपने दायरे में रहकर पहले मामले में संज्ञान लेने का आदेश दिया। इसी दौरान आरोपी संपादकों ने दिल्ली उच्च न्यायालय में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ याचिका दायर की। उच्च न्यायालय ने सेशन कोर्ट के फैसले को सही ठहराया। इसके बाद आरोपी सुप्रीम कोर्ट चले गए। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि पहले दिल्ली पुलिस मामले में निष्पक्ष जांच करे फिर पूरक आरोप पत्र दायर कर कार्रवाई करे। बता दें कि इस मामले में जी न्यूज समूह के मालिक तथा उनके बेटे से भी पूछताछ की गई थी।

नवीन जिंदल ने लिखा पुलिस आयुक्त को पत्र

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जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के चेयरमैन नवीन जिंदल ने जी न्यूज उगाही मामले में सुप्रीम कोर्ट के 10 नवम्बर के आदेश का हवाला देते हुए जल्द पूरक आरोपपत्र दाखिल करने का अनुरोध करते हुए पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है। जिंदल ने पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वह दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा में दर्ज मामलों की जांच आगे बढ़ाते हुए पूरक आरोप पत्र दाखिल करवाएं। पत्र में नवीन जिंदल ने कहा कि 2012 में दर्ज प्राथमिकी के तहत जी न्यूज के मालिक सुभाष चंद्रा, संपादक सुधीर चौधरी व समीर अहलूवालिया के खिलाफ पटियाला हाऊस स्थित मुख्य महानगरीय मैजिस्ट्रेट की अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है।  अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने 6 जनवरी 2014 को आपराधिक पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए इस आरोपपत्र की वैधता व प्रामाणिकता पर अपनी मुहर लगाई एवं मुख्य महानगरीय मैजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा की गई प्रतिकूल टिप्पणियां रद्द कर दीं।

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0 Comments

  1. Barun sinha.reporter

    November 16, 2014 at 5:01 pm

    Yashwant ji 10 crore nahi 100 crore ke ugahi ka मामला है। और जिंदल जी भूतपूर्व सांसद है। लेखनी में सुधार करे।

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