जी न्यूज के संपादक का दर्द- चैनल को वैसा क्यों समझा जाता है, जैसा वो दिखता है!

Gurdeep Singh Sappal : ज़ी न्यूज़ के सम्पादक बहुत तकलीफ़ में हैं। एक चिट्ठी लिखी है। उन्हें दर्द है कि ज़ी टीवी को वैसा क्यों समझा जाता है, जैसा वो दिखता है! वो कहना चाहते हैं कि उनका DNA है तो वही, जो सब समझ रहे हैं, लेकिन सब ग़लत समझ रहे हैं।

मौसम विज्ञानी ‘जी ग्रुप’ भी पलटी मारने को तैयार, राहुल गांधी को गई चिट्ठी पढ़ें

पीएम मोदीजी की खराब होती हवा और राहुल का चढ़ता सियासी पारा देख कई मौसम विज्ञानी पलटी मारने को तैयार होते दिख रहे हैं. इसी क्रम में ‘जी न्यूज’ ने भी सक्रियता दिखाई है. भाजपा और मोदी की भरपूर भक्ति दिखाने और कांग्रेस समेत सारे गैर-भाजपा पार्टियों को जमकर गरियाने वाले जी न्यूज को अब …

सुभाष चंद्रा (जी मीडिया ग्रुप) और नवीन जिंदल (जिंदल ग्रुप) में समझौता हुआ, सुधीर चौधरी मुस्काए

बड़े लोगों यानि व्यापारियों के बीच झगड़ा लंबा नहीं चलता. वे थोड़े समय तक लड़ने के बाद धंधे का नुकसान देख फिर से हाथ मिला लेते हैं. जिस प्रकरण में सुधीर चौधरी तिहाड़ गए, सुभाष चंद्रा जेल जाते जाते बड़ी मुश्किल से बचे, उस मामले में अब समझौता हो गया है.

जी मीडिया का कारनामा : स्टिंग किया कोबरा पोस्ट ने, लीगल नोटिस भेजा भड़ास को

Yashwant Singh : ये जी ग्रुप वाले पूरे मूर्ख हैं क्या? स्टिंग किया कोबरा पोस्ट ने और लीगल नोटिस भेज रहे हैं भड़ास को. लगता है इनका कपार पूरा का पूरा फिर गया है. अरे भाई हम तो साभार छापे हैं भड़ास पर. मूल कंटेंट तो कोबरा पोस्ट का है. फिर काहें चले आए धमकाने…

रंगदार संपादक और राष्ट्रवादी शोर : टीवी जर्नलिज्म आजकल….

मोदी के राज में कानून का डंडा बहुत सेलेक्टिव होकर चलाया जा रहा है…

Nitin Thakur : एनडीटीवी प्रमोटर पर छापे के दौरान ‘ज़ी’ अजीब सी खुशी के साथ खबर चला रहा था. शायद उन्हें इस बात की शिकायत है कि जब उनकी इज्ज़त का जनाज़ा निकल रहा था तब उनका साथ किसी ने नहीं दिया. ज़ी का दर्द एक हद तक सही भी है. तब सभी ने चौधरी और अहलूवालिया का स्टिंग बिना ऐसे कुछ लिखे चलाया था कि “ये पत्रकारिता पर हमला है”. अब ज़ी हर बार जश्न मनाता है. जब एक दिन के एनडीटीवी बैन की खबर आई तो भी.. जब छापेमारी की खबर आई तो भी. उसे लगता होगा कि कुदरत ने आज उसे हंसने का मौका दिया है तो वो क्यों ना हंसे. बावजूद इसके सच बदल नहीं सकता कि उनका मामला खबर ना दिखाने के लिए संपादकों द्वारा रंगदारी की रकम तय करने का था और ये सब एक बिज़नेसमैन की वित्तीय अनियमितता का केस है जिसमें बैंक का कर्ज़ ना लौटाना प्रमुख है.

सौ करोड़ की उगाही वाली सीडी में सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया की ही आवाज

सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में मान लिया है कि स्टिंग वाले वीडियो में सुधीर और समीर की ही आवाज है. इससे पूर्व सांसद नवीन जिंदल की कंपनी से 100 करोड़ रुपये की उगाही के आरोपी ज़ी न्यूज़ के संपादक सुधीर चौधरी और ज़ी बिज़नेस के संपादक सीईओ समीर अहलूवालिया की परेशानी बढ़ सकती है. फोरेंसिक जांच प्रयोगशाला सीएफएल ने स्टिंग ऑपरेशन की सीडी में चौधरी और अहलूवालिया की आवाज सही पाई है. उनके वकीलों, विजय अग्रवाल और अमन लेखी ने भी सीबीआई कोर्ट में स्वीकार किया कि इस मामले से जुड़े वीडियो में उनके मुवक्किलों की ही आवाज़ है.

सुधीर चौधरी ने कुमार विश्वास को ‘कामुक कविराज’ कहा तो कुमार ने सुधीर को ‘तिहाड़ी’ करार दिया!

ट्विटर पर जी न्यूज के संपादक सुधीर चौधरी और कवि व ‘आप’ के नेता कुमार विश्वास के बीच जबरदस्त आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. सुधीर चौधरी ने कुमार विश्वास को एक ट्वीट में ‘कामुक कविराज’ कहा तो कुमार विश्वास ने सुधीर चौधरी को ‘तिहाड़ी’ करार देते हुए पूछा कि उन्हें उनके घर के किस सदस्य ने कामुक जैसी गोपनीय जानकारी दी है. दोनों के आरोप-प्रत्यारोप संबंधी ट्वीट का स्क्रीनशाट यूं है…

ये पत्रकारिता है और “चौधरी” पत्रकार हैं!

Sheetal P Singh : क़रीब दो तीन बरस पहले जी न्यूज़ ने हफ़्तों कोयला घोटाले और उसमें जिन्दल ग्रुप की मिली भगत पर नान स्टाप कवरेज दी थी। आपको मालूम ही है कि बाद में एक स्टिंग सामने आया था जिससे पता चला था कि सुधीर चौधरी समेत जी न्यूज़ के आला अधिकारी और जी के मालिक सुभाष चन्द्रा नवीन जिन्दल से समाचार रोकने के लिये १०० करोड़ की राशि माँग रहे थे। उसमें मुक़दमा दर्ज हुआ। चौधरी लम्बे समय जेल में रहे, सुभाष चन्द्रा अग्रिम ज़मानत पर बचे और मुक़दमा जारी है।

नवीन जिंदल ने जो टीम फोकस में बनाई है वो सारी कि सारी ज़ी न्यूज से उठाई गई है

यशवंत भाई नमस्कार… मैं फोकस टीवी में काम करता हूं… पिछले कुछ समय से हमारे ऊपर सिर्फ ज़ी और सुभाष चंद्रा के खिलाफ खबरें दिखाने का भारी दबाव है…. हम जो खबर बाकी चैनलों पर चल रही हैं उसको दिखाने जाते हैं तो ज़ी के खिलाफ कुछ करने को कहा जाता है… इस चैनल में पत्रकारिता का मजाक बना दिया है। अपना दुख एक खबर के तौर पर लिखा है… उचित समझे तो छाप देना…

जी न्यूज मेरी इज्जत के साथ खेल रहा है : जिंदल

जी न्यूज चैनल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सांसद व जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड के चेयरमैन नवीन जिंदल ने बृहस्पतिवार को पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी से मुलाकात की। करीब 20 मिनट की मुलाकात में जिंदल ने बस्सी को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की प्रति भी सौंपी, जिसमें दिल्ली पुलिस को जांच आगे बढ़ाने को कहा गया है। जिंदल का आरोप है कि कोल ब्लाक आवंटन घोटाला मामले में जी न्यूज ने जानबूझकर लगातार उनके खिलाफ गलत खबरे प्रसारित कर उनकी छवि खराब की।

मित्रों, मैं पिछले 4-5 दिनों से डा. सुभाष चन्द्रा जी से परेशान हूं

Vijay Yadav :  मित्रों, मैं पिछले 4-5 दिनों से डा. सुभाष चन्द्रा जी से परेशान हूं। सुभाष जी एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन हैं। दरअसल हमने अपने घर पर जो टीवी छतरी (डिश टीवी) लगाया है, वह इन्हीं की कंपनी का है, जिसका एकाउंट नंबर 01518442110 है। करीब दो साल से मैं डा. साहब की सुविधा हर महीने 220 रुपये चुका कर ले रहा हूं। हाल ही में उन्होंने 220 को 230 रुपये कर दिया। हमने मान लिया डा. चन्द्रा जी हाल ही में हरियाणा में नवीन जिंदल के खिलाफ लड़कर लौटे हैं, खर्चा बढ़ गया होगा। हमने उन्हें 10 रुपये अतिरिक्त बढाकर देना स्वीकार कर लिया।

मीडिया की भाषा और मीडिया की साख : ‘सुभाष चंद्रा गाली-गलौज कर रहा है’ बनाम ‘नवीन जिंदल अपराधी है’

अब सार्वजनिक जीवन में भाषा की मर्यादा का कोई मतलब ही नहीं रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव प्रचार अभियान में जिस भाषा-शैली का इस्तेमाल किया, वैसी भाषा-शैली का इस्तेमाल इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने नहीं किया. खासकर, राजनीति में अपने साथियों के चुनाव क्षेत्र में भले ही वे किसी भी पार्टी के राजनेता रहे हों, इस तरह की भाषा-शैली का इस्तेमाल पहले किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया.हमें यह मानना चाहिए कि केंद्र में नई सत्ता के आने के बाद नई भाषा और नई शब्दावली का भी अभ्यस्त हो जाना पड़ेगा.

सुभाष चंद्रा, समीर अहलूवालिया, सुधीर चौधरी, रुबिका लियाकत पर सावित्री जिंदल ने लगाए गंभीर आरोप

भारत की सबसे अमीर महिलाओं में से एक सावित्री जिंदल ने जी ग्रुप के मालिक सुभाष चंद्रा और जी न्यूज के सीईओ समीर अहलुवालिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने जी न्यूज पर आरोप लगाया है कि इस चैनल ने जानबूझकर ऐसी खबरें दिखाई जिनसे उनकी और उनके परिवार की छवि को खराब किया जा सके। 64 वर्षीय सावित्री जिंदल ने इलेक्‍शन क‌मीशन से शिकायत करते हुए कहा है कि जी न्यूज लगातार चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहा है। अपनी शिकायत में उन्होंने सुभाष चंद्रा, हिसार से बीजेपी उम्मीदवार कमल गुप्ता, सीईओ समीर अहलुवालिया और जी न्यूज के एडिटर सुधीर चौधरी के साथ टीवी एंकर रुबिका लियाकत का भी नाम लिखा है। अपनी शिकायत में जिंदल ने कहा है कि सुभाष चंद्रा ने अपने चैनल पर उनके और उनके परिवार के बारे में आधारहीन और अपमानजनक बातें कहीं हैं। सावित्री जिंदल का आरोप है कि यह सब उन्होंने भाजपा उम्मीदवार कमल गुप्ता के कहने पर किया।

राजदीप सरदेसाई के धतकरम के बहाने अपने दाग और जी न्यूज के पाप धोने में जुटे सुधीर चौधरी

सौ चूहे खा के बिल्ली चली हज को… जी न्यूज पर पत्रकारिता की रक्षा के बहाने हाथापाई प्रकरण को मुद्दा बनाकर राजदीप सरदेसाई को घंटे भर तक पाठ पढ़ाते सुधीर चौधरी को देख यही मुंह से निकल गया.. सोचा, फेसबुक पर लिखूंगा. लेकिन जब फेसबुक पर आया तो देखा धरती वीरों से खाली नहीं है. युवा मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार ने सुधीर चौधरी की असलियत बताते हुए दे दनादन पोस्टें लिख मारी हैं. विनीत की सारी पोस्ट्स इकट्ठी कर भड़ास पर प्रकाशित कर दिया. ये लिंक http://goo.gl/7i2JRy देखें. ट्विटर पर पहुंचा तो देखा राजदीप ने सुधीर चौधरी पर सिर्फ दो लाइनें लिख कर तगड़ा पलटवार किया हुआ है. राजदीप ने रिश्वत मांगने पर जेल की हवा खाने वाला संपादक और सुपारी पत्रकार जैसे तमगों से सुधीर चौधरी को नवाजा था..