दूसरी सरकारें भी दिल्ली सरकार से प्रेरणा लें… दिल्ली सरकार के एक लोक-कल्याणकारी काम पर उप-राज्यपाल ने मोहर लगा दी, यह अच्छा किया। वे यदि इसमें अड़ंगा लगाए रखते तो उनकी बदनामी तो होती ही, केंद्र की भाजपा सरकार भी बुरी बनती। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह इतनी अच्छी योजना शुरु की हैं कि वे अन्य नेताओं की तरह कोरे भाषणबाज नहीं, बल्कि सच्चे जनसेवक सिद्ध हो रहे हैं।
उन्होंने दिल्ली राज्य में ऐसी व्यवस्था लागू कर दी है कि दिल्ली के नागरिकों को 40 प्रकार की जनसेवाओं के लिए अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, अफसरों की खुशामद नहीं करनी पड़ेगी और रिश्वत भी नहीं देनी पड़ेगी। इन जन-सेवाओं को सरकारी कर्मचारी लोगों के घर पहुंचकर देंगे जैसे सुबह हॉकर घरों पर खुद जाकर अखबार फेंक आता है या दूधवाला आकर थैलियां पकड़ा जाता है।
ये सेवाएं कई प्रकार की हैं। जैसे अनुसूचितों के प्रमाण-पत्र, मोटर कारों के पंजीकरण प्रमाण पत्र, कार-चालन लाइसेंस, विकलांगों और वृद्धों की पेंशन, मकानों के मिल्कियत दस्तावेज आदि। सरकार अपने कर्मचारियों के अलावा ये काम ठेके पर भी उठाएगी ताकि लोगों को जल्दी से जल्दी राहत मिले। दिल्ली सरकार का यह अदभुत प्रयोग है। यदि देश के हर गांव की पंचायत और हर शहर की नगरपालिका और नगर निगम इस पद्धति का अनुकरण करने लगे तो देश के करोड़ों नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी। वे अभी नेताओं को कोसते हैं, फिर वे उन्हें दिल से दुआ देंगे।
दिल्ली की ‘आप’ सरकार ने कुछ दिन पहले दुर्घटनाग्रस्त नागरिकों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था भी की थी। उसने दिल्ली के मोहल्ले-मोहल्ले में स्वास्थ्य केंद्र भी खोले हैं। ऐसी पार्टी को चुनावों में हराना आसान नहीं है। इस बात को उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने अच्छी तरह समझ लिया और उन्होंने केजरीवाल सरकार के साथ सहयोग किया। उनके इस सुझाव पर भी केजरीवाल ने अमल करने का वादा किया है कि तरह-तरह की सरकारी सेवाएं वे डिजिटल माध्यम से उपलब्ध करवाएंगे।
उप-राज्यपाल का यह सुझाव भी मुख्यमंत्री ने मान लिया है कि वे जगह-जगह ‘इंटरनेट कक्ष’ भी खुलवाएंगे ताकि आम लोगों को सरकारी सेवाओं का फायदा उठाने में ज्यादा सहूलियत हो जाए। यदि केजरीवाल सरकार और दिल्ली के उप-राज्यपाल इसी रचनात्मक शैली में काम करते रहे तो दिल्ली सरकार देश की प्रादेशिक सरकारों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन जाएगी।
लेखक डॉ. वेदप्रताप वैदिक देश के वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार हैं.