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दिव्य मराठी सहित कई समाचार पत्रों में पैसे बचाने के नाम पर प्रबंधन ले रहा कर्मियों की बलि

महाराष्ट्र में निकलने वाले दैनिक दिव्य मराठी सहित कई समाचार पत्रों में प्रबंधन कर्मचारियों की छंटनी करने में जुट गया है. ऐसा मजीठिया वेज बोर्ड के चलते ज्यादा पैसे देने के बदले किया जा रहा है ताकि खर्चा नियंत्रित रहे. सुप्रीम कोर्ट द्वारा मजीठिया वेज बोर्ड मामले में पत्रकारों और गैर पत्रकारों के पक्ष में दिए गए फैसले के बाद समाचार पत्र प्रबंधन में हड़कंप का माहौल है। अखबार प्रबंधन को अब समझ में आ गया है कि मजीठिया वेज बोर्ड से बच नहीं सकते इसलिये अब मीडिया मालिक मजीठिया वेज बोर्ड का पैसा बचाने में लगे हैं। डीबी कॉर्प के महाराष्ट्र में निकलने वाले दैनिक दिव्य मराठी और मुंबई के एक समाचार पत्र से खबर आ रही है कि प्रबंधन यहाँ मजीठिया वेज बोर्ड से बचने के लिए अपने कर्मचारियों को निकालने लगे हैं, ऐसा कास्ट कटिंग करने के तहत किया जा रहा है। कर्मचारियों को निकालने के लिए उन्हें परेशान कर उनसे जबरन रिजाइन लिखवा लिया जा रहा या फिर उनका हिसाब किताब देकर दूसरी कंपनी में ठेका पर लिया जा रहा है।

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महाराष्ट्र में निकलने वाले दैनिक दिव्य मराठी सहित कई समाचार पत्रों में प्रबंधन कर्मचारियों की छंटनी करने में जुट गया है. ऐसा मजीठिया वेज बोर्ड के चलते ज्यादा पैसे देने के बदले किया जा रहा है ताकि खर्चा नियंत्रित रहे. सुप्रीम कोर्ट द्वारा मजीठिया वेज बोर्ड मामले में पत्रकारों और गैर पत्रकारों के पक्ष में दिए गए फैसले के बाद समाचार पत्र प्रबंधन में हड़कंप का माहौल है। अखबार प्रबंधन को अब समझ में आ गया है कि मजीठिया वेज बोर्ड से बच नहीं सकते इसलिये अब मीडिया मालिक मजीठिया वेज बोर्ड का पैसा बचाने में लगे हैं। डीबी कॉर्प के महाराष्ट्र में निकलने वाले दैनिक दिव्य मराठी और मुंबई के एक समाचार पत्र से खबर आ रही है कि प्रबंधन यहाँ मजीठिया वेज बोर्ड से बचने के लिए अपने कर्मचारियों को निकालने लगे हैं, ऐसा कास्ट कटिंग करने के तहत किया जा रहा है। कर्मचारियों को निकालने के लिए उन्हें परेशान कर उनसे जबरन रिजाइन लिखवा लिया जा रहा या फिर उनका हिसाब किताब देकर दूसरी कंपनी में ठेका पर लिया जा रहा है।

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दैनिक भास्कर, दिव्य मराठी सहित जिन समाचार पत्रों में भी पत्रकारों के या गैर पत्रकारों के साथ इस तरह का व्यवहार प्रबंधन कर रहा है उन तमाम पत्रकारों और गैर पत्रकारो से निवेदन है कि कृपया  कंपनी प्रबंधन अगर किसी भी कागजात पर साइन कराए तो ना करें और इसकी सूचना स्थानीय श्रम आयुक्त कार्यालय को दें। साथ ही दैनिक भास्कर के पत्रकार और गैर पत्रकारों से भी निवेदन है कि इस मामले में भास्कर प्रबंधन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे औरंगाबाद दैनिक दिव्य मराठी के हेमंत चौधरी से संपर्क करें।

देश के किसी भी हिस्से में इस तरह प्रबंधन के लोग अगर किसी पत्रकार या गैर पत्रकार से कागजात साइन कराकर उन्हें नयी कंपनी में ज्वाइन करा रहे हैं तो इसका विरोध करें। मुम्बई के निर्भीक पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट शशिकांत सिंह ने भी लोगों से निवेदन किया है कि लोग डरें नहीं बल्कि डट कर मुकाबला करें। दैनिक भास्कर समूह के जिन लोगों को भी एक माह का वेतन या नोटिस देकर कंपनी प्रबंधन रिजाइन लिखवा रहा है वे इसकी सूचना श्रम आयुक्त कार्यालय को या हेमंत चौधरी या शशिकांत सिंह को दें।

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डीबी कोर्प के दैनिक भास्कर और दिव्य मराठी से खबर ये भी आरही है कि अकोला, अमरावती, बुलढाणा, नाशिक, जलगांव, धुलिया, नंदुरबार, बीड, जालना और ओरंगाबाद सहित जयपुर में भास्कर प्रबंधन मजीठिया वेज बोर्ड से बचने के लिए अपने पत्रकारों और गैर पत्रकारों से कागजात पर साइन करने की योजना अमल में लाने वाला है। साथ ही कई जगह ब्यूरो ऑफिस बंद करने या 50 प्रतिशत तक कर्मचारियो को निकाल कर कास्ट कटिंग करने की योजना बनाई जा रही है।

मुम्बई से भी खबर आ रही है कि एक समाचार पत्र समूह ने अपने ही एक मराठी दैनिक के लगभग 10 पत्रकारों से रिजाइन लिखवाया और उनका ग्रेच्युटी देकर उन्हें फिर से दूसरी कंपनी में ज्वाइन करवाकर ठेके पर रख लिया गया। इस तरह की हरकत करने वाले प्रबंधन के खिलाफ शिकायत आने पर उनके खिलाफ सूचना स्थानीय सरकार और सुप्रीमकोर्ट को भी भेजा जायेगा।

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औरंगाबाद के दैनिक दिव्य मराठी के पत्रकार हेमंत चौधरी से उनके मोबाइल नंबर 7875977778 पर संपर्क कर सकते हैं। मुंबई के पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट शशिकांत सिंह से संपर्क 9322411335 के जरिए किया जा सकता है।

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