मुंबई समेत कई शहरों से प्रकाशित अखबार हमारा महानगर के बंद कर देने की असली कहानी अब धीरे धीरे सामने आ रही है. इस अखबार के मालिक आरएन सिंह बीजेपी के विधायक भी हैं. ये सिक्योरिटी एजेंसी चलाते चलाते अखबार मालिक बने और फिर विधायक. उत्तर भारतीयों के नेता कहे और माने जाते हैं.
इन महोदय ने हमारा महानगर अखबार को बंद कर यहां काम करने वाले मीडियाकर्मियों को डबल सजा दे दी. जिन लोगों ने मजीठिया वेज बोर्ड के लिए केस फाइल किया हुआ था, उन लोगों को लंबे समय से आर्थिक मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. कोर्ट में अखबार प्रबंधन अपना पक्ष रखेगा, फैसला आएगा, उसके पहले ही अखबार बंद कर कहानी खत्म कर दिया गया है. बहाना घाटे का बना दिया गया.
इससे यहां काम करने वाले कर्मचारी दोहरी मुसीबत में आ गए हैं. वेतन का संकट पहले से ही था, लाकडाउन के चलते सारा कुछ बंद होने से अब इनके घरों में चूल्हे न जलने की नौबत आ गई है. हमारा महानगर के कर्मियों ने एक पत्र भेजा है भड़ास को जिसमें अपनी पीड़ा और पूरी कहानी का उल्लेख किया है.
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