CBI ने शनिवार को लोकपाल के निर्देश पर TMC सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ प्रारंभिक शिकायत दर्ज की है. भाजपा सांसद ने लोकपाल के सामने महुआ पर पैसे लेकर सवाल करने सम्बंधी शिकायत दर्ज कराई थी. दुबे ने महुआ पर आर्थिक लाभ के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का भी आरोप लगाया है. लेकिन मीडिया में खबरें आने के कुछ ही देर बाद महुआ के एक के बाद एक लगातार दो ट्वीट सामने आए हैं, जिसमें उन्होंने लोकपाल, मीडिया, सीबीआई जांच और अडानी कोल स्कैम को लेकर कटाक्ष किया है.
थोड़ी देर पहले के अपने ट्वीट में TMC सांसद लिखती हैं, ‘यह देखकर आश्चर्य हुआ कि बिना किसी पूर्णकालिक अध्यक्ष के नेतृत्वहीन लोकपाल ने मेरे मामले को सीबीआई को कैसे “रेफर” कर दिया। 3/11/23 की आरटीआई कहती है कि मई 2022 से लोकपाल का कोई अध्यक्ष नहीं है और 8 में से 3 सदस्य पद भी खाली हैं! हो सकता है कि पिटबुल एसोसिएशन की झारखंड शाखा भी भाजपा के अधीन लोकपाल समिति के रूप में काम कर रही हो।’ इसके साथ महुआ ने RTI के दो पेपर भी ट्वीट किये हैं.
बता दें कि लोकसभा की आचार समिति भी महुआ पर लगो आरोपों की जांच कर रही है. जिसपर CBI की प्रारंभिक जांच यह पता लगाने भर के लिए है कि क्या महुआ पर लगे आरोप जांच योग्य हैं? अगर इस प्रारंभिक जांच में पर्याप्त सबुत मिले तो ही CBI इस शिकायत को FIR में बदलेगी. सूत्र यह भी बताते हैं कि, मामला पहले से ही संसद की आचार समिति के पास है, ऐसे में समिति की जांच पूरी होने तक मोइत्रा के खिलाफ FIR दर्ज नहीं किया जाएगा.
हालांकि, मीडिया में जो खबरें चलीं वे सूत्रों के हवाले से ही आई हैं. जिसपर महुआ ने ट्वीट कर तंज कसते हुए लिखा, ‘न तो लोकपाल ने लोकपाल अधिनियम के अनुसार वेबसाइट पर कोई रेफरल आदेश अपलोड किया है और न ही सीबीआई ने कोई आधिकारिक जानकारी दी है। “स्रोत” पत्रकारों को सामान्य मीडिया सर्कस के अनुसार बता रहे हैं। आशा है कि ₹13,000 करोड़ का अडानी कोयला घोटाला मेरे जादू-टोने से पहले सीबीआई पीई का हकदार होगा।’
गौरतलब है कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी व पीएम मोदी को निशाना बनाने का आरोप लगाया था. आरोप था कि इसके बदले महुआ को हीरानंदानी से महंगे उपहार मिलते थे. हालांकि, उस दौरान भी महुआ ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा था, ‘उन्होंने कोई भी गलत काम नहीं किया है. महुआ ने कहा, चूंकि उन्होंने अडानी ग्रुप के सौदों पर सवाल उठाया जिस कारण उन्हें टार्गेट किया जा रहा है.’
बहरहाल, महुआ के खिलाफ CBI जांच शुरू करने के बीच पूरी TMC उनके साथ खड़ी दिख रही है. इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री डॉ. शशि पांजा कहते हैं, ‘BJP पॉलिटिकल तरीके से परेशान करके, नुकसान इत्यादि के द्वारा महज चुनाव जीतना चाहती है. इनका लक्ष्य TMC को परेशान रखना है. महुआ मामले में भी यही कारण है. उनके साथ एथिक्स कमेटी का व्यवहार उचित नहीं है.’