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सियासत

सारदा मीडिया की सबसे बड़ी लाभार्थी ममता बनर्जी हैं : कुणाल घोष

तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष ने अदालत में अपनी गवाही के दौरान आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सारदा मीडिया की सबसे बड़ी लाभार्थी हैं। सारदा मीडिया करोड़ों रुपये के चिट फंड घोटाले में फंसे सारदा समूह की एक शाखा है। घोष को सोमवार को जब यहां बैंकशाल अदालत में पेश किया गया तो उन्होंने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरविंद मिश्र से कहा, ‘‘यदि किसी ने सारदा मीडिया से सबसे अधिक लाभ प्राप्त किया है तो वह मुख्यमंत्री हैं।’’

<p>तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष ने अदालत में अपनी गवाही के दौरान आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सारदा मीडिया की सबसे बड़ी लाभार्थी हैं। सारदा मीडिया करोड़ों रुपये के चिट फंड घोटाले में फंसे सारदा समूह की एक शाखा है। घोष को सोमवार को जब यहां बैंकशाल अदालत में पेश किया गया तो उन्होंने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरविंद मिश्र से कहा, ‘‘यदि किसी ने सारदा मीडिया से सबसे अधिक लाभ प्राप्त किया है तो वह मुख्यमंत्री हैं।’’</p>

तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष ने अदालत में अपनी गवाही के दौरान आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सारदा मीडिया की सबसे बड़ी लाभार्थी हैं। सारदा मीडिया करोड़ों रुपये के चिट फंड घोटाले में फंसे सारदा समूह की एक शाखा है। घोष को सोमवार को जब यहां बैंकशाल अदालत में पेश किया गया तो उन्होंने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरविंद मिश्र से कहा, ‘‘यदि किसी ने सारदा मीडिया से सबसे अधिक लाभ प्राप्त किया है तो वह मुख्यमंत्री हैं।’’

घोटाला सामने आने के बाद सारदा मीडिया अप्रैल 2013 में बंद होने से पहले कई समाचारपत्र और समाचार चैनल चलाता था। कुणाल घोष सारदा मीडिया के सीईओ थे। घोष ने अपना आरोप दोहराते हुए कहा, ‘‘ममता बनर्जी और (पार्टी महासचिव) मुकुल राय भी संलिप्त हैं।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘मेरे पास विशिष्ट जानकारी है, यदि सीबीआई मुझसे पूछताछ करे तो मैं यह मुहैया करा सकता हूं।’’

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उन्होंने कहा कि जिस आधार पर सीबीआई ने कई बार उनकी जमानत का विरोध किया उनमें यह भी शामिल था कि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। घोष ने कहा कि राजनीतिक शक्ति और पैसे वालों के लिये अलग नियम हैं और उनके लिए नियम अलग हैं। घोष ने गिरफ्तार किये गए राज्य के परिवहन मंत्री मदन मित्रा का नाम लिये बिना उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद उन्हें राजकीय एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराये जाने का उल्लेख किया और कहा, ‘‘मैं जेल में हूं जबकि कोई और होटल में है।’’

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