मैं और मेरे पति, आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर शनिवार को मऊ के आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार सिंह से वाराणसी के बीएचयू अस्पताल में मिले. राजकुमार को मऊ अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में गोली मार दी गयी थी.
उनसे बातचीत में कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आये। जिसमें, राजकुमार पर ग्राम प्रधान के खिलाफ आरटीआई गतिविधियों के कारण दो बार हमला किए जाने, 2011 में प्रधान के खिलाफ घोटाले की एफआईआर दर्ज होने के बाद भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं होने, एक पुलिस इन्स्पेक्टर वीरेंद्र तिवारी द्वारा सुलह करने का दवाब बनाने और आज भी मुलज़िम अमित सिंह का जेल में रहते हुए मोबाइल से गवाहों को धमकी देने, के मामले प्रमुख हैं.
हमने राजकुमार से कहा है कि हम सम्बंधित अधिकारियों से बात कर उन्हें दो असलहा लाइसेंस दिलवाने, मुलजिम अमित सिंह को दूरस्थ जेल में ट्रांसफर कराने, अभियुक्तों की मदद करने वाले पुलिस अफसरों पर कार्यवाही कराने और राजकुमार का फर्जी मेडिकल करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही कराना सुनिश्चित करेंगे.
हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि 2011 के एफआईआर में त्वरित विवेचना हो. साथ ही हम एक सच्चे और निर्भीक आरटीआई कार्यकर्ता पर हमले की तीव्र निंदा करते हैं और यूपी सरकार से भारत सरकार द्वारा आरटीआई कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के सम्बन्ध में दिए निर्देशों का पूर्ण पालन करने की मांग करते हैं. पीड़ित आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार सिंह से #90056-00537 पर संपर्क किया जा सकता है।
नूतन ठाकुर की रिपोर्ट.
इसे भी पढ़ें….