आरटीआई से मिली एक जानकारी के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार ने सबसे ज्यादा हिंदी अखबारों को विज्ञापन दिया और उसमें भी सबसे ज्यादा पैसा दैनिक जागरण को मिला. वर्ष 2014 से 2019 के पांच साल के दौरान मोदी सरकार ने हिंदी अखबारों को 890 करोड़ दिए और अंग्रेजी अखबारों को 719 करोड़. इसमें दैनिक जागरण को सबसे ज्यादा कुल 100 करोड़ रुपये का सरकारी विज्ञापन मिला.
नंबर दो पर दैनिक भास्कर है जिसे 56 करोड़ 66 लाख का सरकारी विज्ञापन मिला. हिन्दुस्तान अखबार को 50 करोड़ 66 लाख का विज्ञापन मिला. पंजाब केसरी को 50 करोड़ 66 लाख, अमर उजाला को 47.4 करोड़, राजस्थान पत्रिका को 27 करोड़ 78 लाख, नभाटा दिल्ली को तीन करोड़ 76 लाख रुपये विज्ञापन के नाम पर मिले. अंग्रेजी अखबारों में सबसे ज्यादा पैसा टाइम्स ऑफ इंडिया को मिला. मोदी सरकार ने अपने पहले टेन्योर में 5726 करोड़ रुपये पब्लिसिटी पर फूंक दिए. इंटरनेट पर सरकारी विज्ञापन पांच सालों में 6.64 करोड़ से 26.95 करोड़ पहुंच गया है.
किस अखबार को मिला कितने करोड़ का सरकारी विज्ञापन
हिंदी अखबार (5 साल में विज्ञापन की राशि )
दैनिक जागरण 100 करोड़
दैनिक भास्कर 56 करोड़ 66 लाख
हिन्दुस्तान 50 करोड़ 66 लाख
पंजाब केसरी 50 करोड़ 66 लाख
अमर उजाला 47.4 करोड़
नवभारत टाइम्स तीन करोड़ 76 लाख
राजस्थान पत्रिका 27 करोड़ 78 लाख
अंग्रेजी अखबार
द टाइम्स ऑफ इंडिया 217 करोड़
हिन्दुस्तान टाइम्स 157 करोड़
डेक्कन क्रोनिकल 40 करोड़
द हिंदू और द हिंदू बिजनेस लाइन 33.6 करोड़
द टेलिग्राफ 20.8 करोड़
द ट्रिब्यून 13 करोड़
डेक्कन हेराल्ड 10.2 करोड़,
द इकोनॉमिक्स टाइम्स 8.6 करोड़,
द इंडियन एक्सप्रेस 26 लाख
द फाइनेंशियल एक्सप्रेस 27 लाख
Alok Sanwal
September 12, 2019 at 8:09 am
खबर/ पड़ताल यह होनी चाहिये थी कि The Times of India और The Hindustan Times, जो देश के सबसे ज़्यादा पढ़े जाने वाले 9 अख़बारों में भी नहीं हैं उन्हें हिन्दी या क्षेत्रीय भाषा के अख़बारों से ज़्यादा विज्ञापन का पैसा क्यों दिया जाता है।
हिन्दी
September 17, 2019 at 12:30 pm
हिन्दी की औकात की बात है ये। अंग्रेजी अखबार/चैनल का विज्ञापन हमेशा महंगा ही होता है क्योंकि अंग्रेज़ी के पाठक/दर्शक की क्रय शक्ति अधिक होती है। मसलन मर्सडीज और जैगुआर के विज्ञापन हिन्दी में नहीं दिखेंगे पर अंग्रेजी में हर हफ्ते दिखेंगे।