न्यूजर्सी/नई दिल्ली: भारतीय अमेरिकी समुदाय के उद्योगपति और कारोबारी सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित अमेरिका दौरे के कार्यक्रम की तैयारी में जोर-शोर से जुटे हुए हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशंस से जुड़े अनेक संगठनों ने श्री मोदी की यात्रा पर विचार के लिए बैठकों का आयोजन किया है। शलभ कुमार और अनिल मोंगा जैसे कुछ प्रभावशाली उद्यमियों ने पिछले दिनों इस संबंध में न्यूयॉर्क में भारत के कोंसुलाधीश ज्ञानेश्वर मुले से भेंट की है।
एडीसन (न्यूजर्सी) में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में भी भारतीय अमेरिकी समुदाय में पैठ रखने वाले व्यवसायियों और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों की बैठक हुई जिसमें श्री मुले भी मौजूद थे। इस अवसर पर यह मुद्दा प्रमुखता के साथ उठा कि श्री मोदी के दौरे के समय भारतीय अमेरिकी समुदाय को एकजुटता तथा सामूहिकता का प्रदर्शन करना चाहिए। किसी भी संगठन को इस दौरे का प्रयोग निजी प्रचार या महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए नहीं करना चाहिए। श्री मुले ने कहा कि अपनी सरकार और नागरिकों को श्री मोदी का संदेश यही है कि नेताओं तथा समुदायों को प्रमुखता की होड में नहीं पड़ना चाहिए। इसकी अपेक्षा सबको एकजुटता के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री के दौरे के समय आयोजित होने वाले समारोहों में सभी समुदायों, धर्मों और भारत के अलग-अलग राज्यों से ताल्लुक रखने वाले लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
कोंसुलाधीश के साथ अपनी बैठक के दौरान एवीजी समूह के चेयरमैन शलभ कुमार भी मौजूद थे, जो अमेरिकी संसद की रिपब्लिकन कांफ्रेंस की भारतीय अमेरिकी सलाहकार परिषद के आधिकारिक अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय अमेरिकी समुदाय के प्रमुख लोगों को श्री मोदी की यात्रा को शानदार सफलता में बदलने के लिए काम करना चाहिए। समुदाय की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में प्रमुखता की होड़ से बचने और सामुदायिक विविधता का ख्याल रखा जाना चाहिए। मार्च 2013 में अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल की गुजरात यात्रा को सम्पन्न करवाने में श्री कुमार की अहम भूमिका रही है।
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