यूपी में किसान की मौत और आदिवासी नेता पर पुलिसिया फायरिंग से मुलायम-अखिलेश का असली चेहरा उजागर

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लखनऊ 14 अप्रैल 2015। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के लोकसभा क्षेत्र आजमगढ़ के गांव सरायसादी में हुई किसान की मौत को रिहाई मंच ने सपा सरकार की किसान विरोधी नीति का एक और उदाहरण बताते हुए कहा कि इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सूबे में किसान और उसके प्रति सरकार का रवैया क्या है। मंच ने सोनभद्र में कन्हार बांध के नाम पर गैरकानूनी ढ़ंग से किए जा रहे अधिग्रहण के खिलाफ अंबेडकर जयंती पर ‘संविधान बचाओ’ प्रदर्शन पर पुलिस फायरिंग की कड़ी भर्त्सना करते हुए दोषी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

रिहाई मंच के राज्य कार्यकारिणी सदस्य अनिल यादव ने कहा कि मुलायम सिंह यादव द्वारा गोद लिए गांव तमौली की सीमा से लगे सरायसादी गांव के किसान रामजन्म राजभर की फसलों की बर्बादी के बाद हुई सदमें से मौत यह बताती है कि मुलायम सिंह यादव किसानों के प्रति कितने असंवेदनशील हैं। उन्होंने कहा कि मुलायम हों या मोदी इन सबने चुनावों के वक्त किसानों को विकास के बड़े-बड़े सब्जबाग दिखाए, पर आज जब प्रति दिन दर्जनों किसान आत्महत्या कर रहें है तो मोदी को विदेश दौरे से फुर्सत नहीं है तो वहीं मुलायम को उनके प्रतिनिधियों की वसूली के हिसाब से।

रिहाई मंच नेता लक्ष्मण प्रसाद ने कहा कि एक तरफ सत्ताधारी राजनीतिक दल बाबा साहब भीमराव अंबेडकर से अपनी विरासत जोड़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अंबेडकर जयंती पर सोनभद्र में ‘संविधान बचाओ’ प्रदर्शनकारी जिनके हाथों में बाबा साहब की तस्वीरें थी, पर पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें एक आदिवासी नेता को गोली लगी व कई प्रदर्शनकारी जख्मी हुए। यह घटना सरकार के वंचित समाज विरोधी चेहरे को उजागर करती है।

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