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यूपी में जंगलराज : एक और अन्नदाता ने की आत्महत्या, एक और किसान के सीने में घुसी पुलिस की गोली

यूपी में एक महीने में 67 किसानों ने की आत्‍महत्‍या कर ली। ये आंकड़ा झूठा है क्योंकि ये पिछले मार्च महीने में हुई किसान मौतों का जोड़ है। आज तो आधा अप्रैल भी गुजर रहा है। संख्या सैकड़ा पार कर चुकी है। बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और उसके साथ ही किसानों की सदमे से मौत और खुदकुशी का सिलसिला भी थम नहीं रहा है। मौसम लगातार फसलों पर कहर बन कर टूट रहा है। करोड़ों अन्नदाताओं के घरों में अंधेरा पसरता जा रहा है। उन्हें अपनी मुसीबतों का कोई पारावार नहीं सूझ रहा है। अखबारी सूचनाओं पर यकीन करें तो सबसे खराब हाल उत्तर प्रदेश के मध्यक्षेत्र और बुंदेलखंड का है। यहां रोजाना मौतों की गिनती बढ़ती जा रही है। 

यूपी में एक महीने में 67 किसानों ने की आत्‍महत्‍या कर ली। ये आंकड़ा झूठा है क्योंकि ये पिछले मार्च महीने में हुई किसान मौतों का जोड़ है। आज तो आधा अप्रैल भी गुजर रहा है। संख्या सैकड़ा पार कर चुकी है। बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और उसके साथ ही किसानों की सदमे से मौत और खुदकुशी का सिलसिला भी थम नहीं रहा है। मौसम लगातार फसलों पर कहर बन कर टूट रहा है। करोड़ों अन्नदाताओं के घरों में अंधेरा पसरता जा रहा है। उन्हें अपनी मुसीबतों का कोई पारावार नहीं सूझ रहा है। अखबारी सूचनाओं पर यकीन करें तो सबसे खराब हाल उत्तर प्रदेश के मध्यक्षेत्र और बुंदेलखंड का है। यहां रोजाना मौतों की गिनती बढ़ती जा रही है। 

पता चला है कि पिछले 24 घंटों के भीतर प्रदेश में फसल बर्बादी से 29 और किसानों की मौत हो चुकी है। आठ और ने आत्महत्या कर ली है। वे सभी फसल की बर्बादी और कर्ज को लेकर परेशान थे। मरने वालों में अकेले ब्रज क्षेत्र से ही 12 किसान बताए गए हैं। मंगलवार को फिर फैजाबाद के रुदौली तहसील के मुरादाबाद गांव में एक किसान की सदमे से मौत हो गई। प्रदेश में मौतों पर सरकारी मुआवजे का शर्मनाक तमाशा चल रहा है। सरकार की खूब अंधी कट रही है। फैजाबाद में मुआवजे के नाम पर बर्बाद फसल के लिए महज सौ-दो सौ रुपए के चेक बांट दिए गए। ऐसी भी सूचनाएं मिल रही हैं कि जिंदा किसान मुआवजे के लिए तरस रहे हैं और जिनको मरे हुए वर्षों हो चुके, उन्हें राहत के चेक जारी कर दिए जा रहे हैं। 

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दूसरी तरफ आज सुबह 6 बजे दुद्धी (सोनभद्र) के अमवार क्षेत्र में निर्माणाधीन कनहर परियोजना स्थल पर काम रुकवाने पहुंचे ग्रामीणों पर पुलिस ने गोलियां बरसा दीं। अमवार गांव में कन्हार नदी पर डैम का निर्माण चल रहा है। डैम के कारण कई गांव डूब में आ रहे हैं। इस डैम का छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती गांवों के ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। मंगलवार सुबह ग्रामीण करीब 4000 की संख्या में विरोध करने पहुंचे थे। ग्रामीणों को काबू में लाने के लिए पुलिस ने पहले लाठी चार्ज किया। फिर फायरिंग। 11 ग्रामीणों के घायल होने की सूचना है। पुलिस फायरिंग में रामानुजगंज के अकालु पांडु के सीने में गोली लगी है, उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के मुताबिक एक किसान की मौत हो चुकी है। पार्टी ने अपना एक जांच दल घटनास्थल पर भेजने का फैसला किया है। पार्टी के राज्य सचिव रामजी राय ने कहा है कि प्रथम दृष्ट्या फायरिंग की घटना के लिए प्रदेश की सपा सरकार जिम्मेदार है। डूब क्षेत्र से प्रभावित होने वाले किसान लंबे समय से अपनी मांगों के लिए शांतिपूर्ण धरना चला रहे थे। प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ने किसानों की समस्या पर ध्यान देने के बजाय दमन का रास्ता अपनाया है। 

आईएएस सूर्यप्रताप सिंह अपने फेसबुक वॉल पर लिखते हैं – अन्नदाता की मौत, जिलाधिकारी का आत्मसमर्पण,और विषयवस्तु की असामयिकता : मोहिनीपुरवा, काकोरी में ‘लक्ष्मी’ कंगाल हो गयी और बरबाद फसल देखकर फफक फफक कर रो पड़ी। उसकी पूरे साल की आशा एक छन में निराशा में बदल गयी। 56 और किसानों ने रविवार को जान दी, ‘बदलू’ की अर्थी; जीवन’ झूल गया फंदे पर; ‘अमर’ सिंह अब अमर नहीं रहा और ‘जय’ सिंह जीवन से पराजित हो गया और ‘वे’ कहते हैं ‘अभी यह सिद्ध नहीं हुआ कि किसानों की आत्महत्या फसल बरबादी से हो रही है। अरे भाई , पहले तो इतने किसान अचानक आत्महत्या नहीं करते थे, क्या उन्हें आपको द्रवित करने के लिए ये करना पड़ रहा है। सरकार की सोच – किसानो का मरने का सिलसिला तो चलता ही रहेगा तथा मुआवजा भी जब बंटेगा,बंटता ही रहेगा, कंहा भागा जा रहा है किसान और कंहा भागा जा रहा है मुआवजा। जर्मनी में 13 से 17 अप्रैल 2015 को इंजीनियरिंग मेले में उत्तर प्रदेश के पूरे अमले को जाने का शायद सही समय नहीं है, जब कि उत्तर प्रदेश में किसानों की फसल बरबादी के कारण कल से ही ‘आपात काल ‘ लागू हुआ है तथा मुआवजा बंटने में अनियमितताएं तथा शिथिलता पर रोज चर्चा हो रही है। अन्नदाता की जान पर ग्लैमर का तड़का भारी है।’

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किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार मुआवजे की राशि बढ़ाकर वाहवाही लूट रही है, राज्य सरकार भी दोगुने मुआवजे का ऐलान कर सीना तानकर घूम रही है, लेकिन हम क्यों पिस रहे हैं। मुआवजे पर ऐसे मजाक से तो अच्छा है कि सरकार हमें मर जाने दे। ब्रज के नाराज किसानों ने जहां यमुना एक्सप्रेस वे पर जाम लगाया, वहीं 750-750 रुपये मुआवजे वाले चेक के साथ बांदा में किसानों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। एटा के जलेसर क्षेत्र में भी मुआवजे की मांग को लेकर ग्रामीणों ने आगरा मार्ग पर गांव नगला छोकर एवं नगला सती पर जाम लगा दिया। फैजाबाद में जिन चार किसानों की बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान से मौत हुई है। उनमें सिर्फ मिल्कीपुर तहसील के घुरहेटा निवासी शिवकुमार सिंह के परिजनों को एक लाख रुपये की सहायता राशि रेडक्रास सोसायटी से मिली।

इस बीच भड़ास4मीडिया को लगातार यूपी के किसानों के गंभीर हालात की सूचनाएं मिल रही हैं। डैम प्रदर्शनकारियों पर आज एक इस तरह की भी सूचना ई-मेल से मिली –  

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Firing in Sonbhadra

Police firing in Kanhar anti dam proterstors early morning today. against illegal land acquisition by UP Govt. Firing done on the day of Ambedkar Jyanti. Police firing on anti land acquisition protesters at Kanhar dam early morning today. One tribal leader Akku kharwar from Sundari village,  Around 8 people have been grivieously injured in the firing and lathi charge by the police. Thousands of men and women are assembled at the site to intensify the protest against on Ambedkar jyanti.

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The protesters were carrying the photo of Baba Saheb to mark the day as ” Save the Constitution Day”. Akhilesh Govt fired arbitrarily on the protesters among whom women are in the forefront. Most of the women have injured. The firing is being done by the Inspector of Amwar police station Duddhi Tehsil, Sonbhdara, UP. Condemn this criminal Act and join in the struggle of the people who are fighting against the illegal land acquistion and constructing illegal Dam on kanhar river.

Roma

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Dy Gen Sec

All India Union of Forest Working People.

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