इंडिया न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ दीपक चौरसिया मीडिया जगत का एक ऐसा नाम है जिसको राजनीतिक ख़बरें ब्रेक करने में महारत हासिल है। इंडिया न्यूज़ के प्राईम टाईम में दीपक दो शो को होस्ट करते हैं। ‘टु नाईट विद दीपक चौरसिया’ और ‘अंदर की बात।’ जनमानस में दीपक की छवि राजनीतिक ख़बरों के मास्टर की ही रही है। दीपक चौरसिया किसी शो को होस्ट करते है और खासकर ऐसे शो जो देश- दुनिया के राजनीतिक मुद्दों से जुड़े हों तो शो को टीआरपी मिलना तय है। दीपक खबरों में वेरायटी देखते हैं और अपने ख़ास अंदाज़ में राजनेताओ की चुटकी भी लेते हैं। वे हंसी-मज़ाक और चुटकुलो के जरिये गंभीर डिबेट को सरल और सहज बना देते हैं ताकि व्यक्तिगत सम्बन्धो पर इसका असर ना पड़े।
दीपक की यही ख़ास कला उनकी यूएसपी है। श्रोता मंत्रमुग्ध होकर दीपक की एंकरिंग देखते थे। किन्तु इंडिया न्यूज़ पर दीपक द्वारा होस्ट किये जा रहे प्राईम टाईम शो में वो गंभीरता, संवेदनशीलता, गहनता और बौद्धिक ऊंचाईयां दिखाई नहीं देतीं जो आजतक, एबीपी न्यूज़, डीडी की रिपोर्टिंग और एंकरिंग में दिखाई पड़ती थीं। दीपक चौरसिया मध्यप्रदेश से ताल्लुक रखते है। अख़बार पढ़ने का बचपन से ही शौक था। दीपक ने खबरों को परखने, समझने की तालीम यहीं से सीखी। मां-बाप चाहते थे कि दीपक डॉक्टर बनें। छात्रसंघ चुनावो के जरिये दीपक को राजनीति को नज़दीक से देखने का अवसर मिला। विश्वविद्यालय स्तर की वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में दीपक अव्वल रहते थे। वादविवाद प्रतियोगिता का विषय कितना भी जटिल या असामान्य हो दीपक सरल भाषा में उसको दर्शको तक पहुंचाने में कामयाब होते थे।
इसी लगन ने दीपक को टीवी पत्रकारिता में अर्श तक पहुंचा दिया। आईआईएमसी से पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा करने वाले दीपक ने पत्रकारिता की शुरूआत मध्यप्रदेश से प्रकाशित दोपहर के हिंदी अखबार से की थी। दोपहर के अखबार के लिए दिल्ली से ख़बर भेजने के चलते दीपक को राजनीतिक ख़बरें ब्रेक करने मौका मिला। कल के अखबार में मेन लीड बनने वाली राजनीतिक स्टोरी दीपक दोपहर में ही ब्रेक कर देते थे। राजनीतिक खबरों के चलते दीपक की प्रमुख राजनेताओ से नजदीकी बढ़ी। जिसका फायदा दीपक को पत्रकारिता में परदे के पीछे की राजनीतिक गतिविधि समझने में हुआ। राजनीतिक खबरों को ब्रेक करने में महारती चौरसिया ने आज तक के जरिये टीवी पत्रकारिता में कदम रखा और एसपी साहब के टीम का हिस्सा बने।
राजनीति से जुड़ी कई बड़ी खबरें दीपक चौरसिया ने ब्रेक की हैं। आज तक पर रहते हुए बड़े-बड़े राजनेताओ के इंटरव्यू लिए हैं। एबीपी न्यूज़ (पहले स्टार न्यूज़) में उनके कौन बनेगा मुख्यमंत्री? कौन बनेगा प्रधानमंत्री? जैसे चुनावी शो हिट हुए। इसके अलावा भी उन्होंने कई बेहतर शो किये। दीपक चौरिसया द्वारा नौटंकी फेम राखी सावंत का लिया गया इंटरव्यू काफी चर्चित रहा। दीपक पर यह आरोप भी लगे की उन्होंने सामाजिक सरोकार से जुड़ी पत्रकारिता कभी नहीं की। देश के सामाजिक मुद्दो को गंभीरता से उठाया नहीं। जबकि खुद दीपक दलित समाज से ताल्लुक रखते हैं। दीपक ने कभी भी राजनीतिक खबरों की दुनिया से बाहर निकलकर पत्रकारिता नहीं की।
‘आप’ के नेताओ के स्टिंग ऑपरेशन के बाद दीपक पर संगीन आरोप लगे की वो ‘सुपारी पत्रकारिता’ करते हैं। अपने फुहड़पन के कारण कई बार उनको मुंह की खानी पड़ी। आसाराम बापू की प्रवक्ता ने चौरसिया को लाइव शो में डिबेट के दौरान कहा था ‘…आप पत्रकार नहीं दलाल हो……।’ एक इंटरव्यू के दौरान सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस काटजू ने दीपक को फटकार लगाईं थी। ‘गेट आउट!!….. आपको ठीक से बिहेव करना नहीं आता बकवास बंद करो…..’ बोलकर जस्टिस काटजू ने इंटरव्यू छोड़ दिया था।
अर्श से फर्श तक का सफर करने के बावजूद दीपक चौरसिया द्वारा होस्ट किये गए प्राईम टाईम शो को देखकर लगता है शायद यह आजतक, एबीपी न्यूज़ और डीडी न्यूज़ वाले दीपक चौरसिया नहीं है जो राजनीतिक खबरों के मास्टर कहे जाते थे।
सुजीत ठमके
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पुणे- 411002
अमित
June 22, 2014 at 6:32 pm
जो भी हो, सबसे खराब और उथली बहस होती हैं ABP पर. anchors को छोड़िये, एडिटर्स का एनालिसिस भी बहुत निचले स्तर का होता है. उनको डिबेट करने का कोई बहाना चाहिए, बस शुरू हो जाते हैं. क्यूँ न हो, आखिर डिबेट ही तो सबसे सस्ती पत्रकारिता है जिसमे कोई खर्चा नहीं होता, बस बेवक़ूफ़ एंकर बैठा दी और लड़वाने लगे ३-४ तथाकथित विद्वानों को.
इस देश में पुलिस reforms की ही तरेह मीडिया reforms की भी सख्त ज़रूरत है ताकि जनता पर ख़बरों के रूप में निकम्मापन और नकारापन थोपा न जा सके.
rajendra prasad thak
July 4, 2014 at 1:03 pm
भारत की मुलनिवासी कौम जागो अति दलित वर्ग,अति पिछङा वर्ग जागो नाई, लोहार,धोबी,कहार,मुसहर,पासी,पाल,मौर्या,धैकार,बरई,बारी,माली,सोईरी,सोखा,भुज,बहेलिया,केवट,खटीक,माझी,निशाद,सोनी,आदिवासी,भर,नोनिया,वनचरिया,बघेल,भिखमॅगा,जोगी,हरजोतवा,कसाई,करिंदा,सभी भारत के मुलनिवासी कौम है।और इन जातियो को दर्विण कहा जाता था।जो काले और गोरे की लङाई से जाना जाता है। भारत मे हिॅदू कहा से आये इसे जानने के लिये,वोलगा टु गॅगा,तुंम्हारी क्षय,पीङा दलित समाज की गवाह है।जब एक तरफ साॅई की पुजा को लेकर ठोगी साधू समाज हिॅदू समाज को दो भाग करने पर अमादा नजर आ रहे है।तो भारत की मुलनिवासी कौम एकजुट होकर पुनःभारत मे दर्विण राज के लिए लङना चाहिए।ताकि भारत को बटने से रोका जा सके ।इतिहास गवाह है कि महाराजा पद्म नॅद ने भरत को अख्रॅणङ भारत का निर्माण किया था। इसी तरह भारत को लोगो ने विभाजित कर दिया जबकि महाराजा पद्म नॅद जाति का नाई था।जबकि महाराजा पद्म नॅद के समय मे हिॅद कुस पर्वत से लेकर रॅगुन तक और चीन जापान भारत का अॅग था। आज फिर भारत मे बाटने की बहुत बङी साजिस रची जा रही है।पाखॅङ के पुजारी मानव को लङाने की साजिस रच रहे है।मानवता सबसे बङा धर्म है,मानवता सबसे बङा सनातन है।पहले मानव आया तब धर्म आया इसलिए मानव को तरजह दिया जाना चाहिए।पुजा के नाम पर मानव को बाटने का जहर घोला गया तो भारत की मुल निवासी कौम चुप नही रहेगी। आर.पी.ठाकुर महासचिव महामुक्ती सॅघ भारत(टाईपिग मे कुछ गलती है माफ करना)