Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

नंबर वन बनने के बाद दबाकर पैसा फूंक रहा है अंबानी का चैनल!

न्यूज चैनलों से कंटेंट गायब होने का असर ये है कि अब कोई भी चैनल अरबों रुपये का लैंडिंग पेज खरीदकर नंबर वन बन जाता है. नंबर वन बनते ही नंबर वन का धुआंधार विज्ञापन करना शुरू कर देता है. बड़े बड़े अंग्रेजी अखबारों में. ट्वीटर पर ट्रेंडिंग. फेसबुक पर स्पांसर्ड.

ये सब इसलिए किया जाता है कि मार्केट जान जाए कि हम नंबर वन हैं और फिर नंबर वन के रेट पर विज्ञापनों की बुकिंग शुरू होती है. इस खेल में सबसे ज्यादा कमाई अगर किसी को है तो वे है डीटीएच वाले.

Advertisement. Scroll to continue reading.

बहुत लोगों को पता न होगा कि लैंडिंग पेज क्या बला है. जिन जिन डीटीएच पर न्यूज चैनल दिखते हैं, उऩ डीटीएच को ज्यों ही दर्शक आन करता है रिमोट से, सबसे पहले वो चैनल दिखेगा, जिसने लैंडिंग पेज खरीदा होगा. मतलब आप का मन अगर चैनल को नहीं देखने का है तो चैनल बदलते बदलते भी आप कुछ सेकेंड या मिनट वो चैनल देख लेते हैं और कंटेंट मजेदार हुआ तो रुककर देखने लगते हैं. तो चैनल आन करते ही किसी खास चैनल का सबसे पहले दिखना ही लैंडिंग पेज कहलाता है.

याद होगा अर्नब गोस्वामी के आर भारत चैनल का. जब ये चैनल लांच हुआ तो इसने लैंडिंग पेज पर जबरदस्त खर्च किया. कोई भी डीटीएच हो, चैनल खोलो और अर्नब का चैनल दिखना शुरू.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इसी खेल को इंडिया टीवी ने भी कुछ समय तक करके अभी हाल फिलहाल नंबर वन की कुर्सी हासिल की. अब ताजा नंबर वन अंबानी का न्यूज18इंडिया चैनल है. इस चैनल ने भी नंबर वन का तमगा हासिल कर लिया है. लैंडिंग पेज का जादू यहां भी चल गया. नंबर वन बनते ही चैनल ने धुआंधार प्रचार अभियान चलाया. इसके लिए खूब पैसे खर्च किए. ट्विटर पर ट्रेंडिंग से लेकर फेसबुक स्पांसर्ड कंटेंट व अखबारों में विज्ञापन.

न्यूज18 इंडिया को संचालित करने वाली कंपनी के अभी जो तिमाही के रिजल्ट आए हैं, उसमें पहले के तिमाही के मुकाबले मार्केटिंग, प्रमोशन और डिस्ट्रीब्यूशन पर भयानक खर्च दिखाया गया है. सोचिए, एक न्यूज चैनल को नंबर वन बनने के लिए क्या क्या करना पड़ता है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

सबसे मजेदार ये है कि जो भी चैनल नंबर वन बनता है, वह सबसे पहले आजतक चैनल को टारगेट करता है. वो जोर जोर से बताता है कि आजतक अब नंबर वन नहीं रहा, नए नंबर वन हम हैं. इससे पता चलता है कि सबकी लड़ाई आजतक से ही है. आजतक लैंडिंग पेज आदि पर खर्च नहींं करता, इसलिए वो नंबर के खेल में पीछे रहता है. पर आजतक पर दबाव तो है ही. लेकिन आजतक वाले इस बात से संतोष कर लेते हैं कि नंबर वन कोई बने, लड़ते सब अपन से ही हैं.

दरअसल न्यूज चैनल का मतलब आजतक होता है, टीआरपी में नंबर वन का मतलब आजतक होता है. ये आजतक इतने समय तक नंबर वन रहा है कि अब ये नंबर वन न भी रहता है तो इसका भूत सबको परेशान करता रहता है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

अंबानी के चैनल के नंबर वन बनने के बाद धुआंधार विज्ञापन अभियान की झलकियां देखें, साथ ही इस तिमाही खर्च का ब्योरा-


इंडिया टीवी जब पिछले दिनों कई हफ्ते तक नंबर वन बना तो अखबारों में बाकायदा एडवरटोरियल प्रकाशित कर गुणगान किया गया कि चैनल में की स्ट्रेंथ क्या है, चैनल का कंटेंट खास क्या है और कौन चेहरे इसे नंबर वन बनाए हैं… जाहिर है, रजत शर्मा के दो शो सर्वाधिक टीआरपी लाते हैं. इसका जिक्र इस एडवरटोरियल में भी है. पर सोचिए कि अंबानी के चैनल में ऐसा क्या खास कंटेंट पैदा हो गया कि नंबर वन हो गया. जवाब होगा, कुछ नहीं. केवल मार्केटिंग गिमिक और डिस्ट्रीब्यूशन के खेल व लैंडिंग पेज के खर्चीले प्रयोग से ये चैनल नंबर वन हुआ. अब जब नंबर वन हो गया है तो चैनल के चेहरों को तो क्रेडिट देना ही पड़ेगा न कि इनके कारण नंबर वन हुआ है चैनल.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement