Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

तीन पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा और नईदुनिया ब्यूरो का पक्षपात

इंदौर से 20 किमी दूर महू ब्यूरो महू ब्यूरो के तहत आने वाले पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की अनुपस्थिति को मुद्दा बनाकर पत्रिका ने कई खबरें छापी। खबरों से तिलमिलाए डॉक्टरों ने पीथमपुर थाने पर तीन पत्रकारों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाना चाही और पुलिस ने आवेदन ले लिया। इसमें बंसल टीवी के स्ट्रिंगर कामिल मेहर, स्वदेश अखबार के ब्यूरो सुनील ठौसरे और नईदुनिया सहित 14 अखबारों के प्रतिनिधि राकेश खंडेलवाल का नाम शामिल था। इसमें पुलिस ने जांच शुरू कर दी।

<p>इंदौर से 20 किमी दूर महू ब्यूरो महू ब्यूरो के तहत आने वाले पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की अनुपस्थिति को मुद्दा बनाकर पत्रिका ने कई खबरें छापी। खबरों से तिलमिलाए डॉक्टरों ने पीथमपुर थाने पर तीन पत्रकारों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाना चाही और पुलिस ने आवेदन ले लिया। इसमें बंसल टीवी के स्ट्रिंगर कामिल मेहर, स्वदेश अखबार के ब्यूरो सुनील ठौसरे और नईदुनिया सहित 14 अखबारों के प्रतिनिधि राकेश खंडेलवाल का नाम शामिल था। इसमें पुलिस ने जांच शुरू कर दी।</p>

इंदौर से 20 किमी दूर महू ब्यूरो महू ब्यूरो के तहत आने वाले पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की अनुपस्थिति को मुद्दा बनाकर पत्रिका ने कई खबरें छापी। खबरों से तिलमिलाए डॉक्टरों ने पीथमपुर थाने पर तीन पत्रकारों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाना चाही और पुलिस ने आवेदन ले लिया। इसमें बंसल टीवी के स्ट्रिंगर कामिल मेहर, स्वदेश अखबार के ब्यूरो सुनील ठौसरे और नईदुनिया सहित 14 अखबारों के प्रतिनिधि राकेश खंडेलवाल का नाम शामिल था। इसमें पुलिस ने जांच शुरू कर दी।

पत्रकार संघ पीथमपुर ने इस मामले में राज्यपाल के नाम से ज्ञापन दिया और पुलिस में डॉक्टरों के खिलाफ आवेदन भी दे दिया। नईदुनिया के महू ब्यूरो चीफ आदित्यसिंह ने इस खबर को लिखा और इसमें पत्रिका के पीथमपुर ब्यूरो हरीश कुमार का नाम भी लिख दिया और राकेश खंडेलवाल का नाम हटा दिया जबकि हरीश कुमार का नाम किसी भी आवेदन में नहीं है। इस बात की पुष्टि पीथमपुर सीएसपी विक्रमसिंह से भी की गई है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अब आदित्यसिंह की खबर के बारे में जैसे ही सूचना इंदौर के रीजनल संपादक को मिली तो उन्होंने आदित्यसिंह को जमकर घुट्टी पिला दी। हालांकि अभी कार्रवाई पेंडिग है।  इसके पहले भी आदित्य सिंह ने धार जिले के शिक्षा विभाग के डीपीसी (जिला स्रोत समन्वयक) का नाम छापा था, लेकिन खबर महू यानि इंदौर की थी। डीपीसी को जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) बना दिया था जो डीपीसी से काफी बड़ा पद है।  नईदुनिया जैसे प्रतिष्ठित अखबार के महू ब्यूरो को इस बात की भी जानकारी नहीं है कि  मप्र सरकार द्वारा घोषित नई योजना ट्रिपल एसएम का नाम  समग्र सामाजिक सुरक्षा योजना है, क्योंकि कुछ दिन पहले ही ज्ञापन को चार कालम की खबर बनाया और इस योजना का नाम एसएसएसआईडी लिख दिया था। इस बात का कोई जिक्र नहीं किया कि इसका नाम समग्र सामाजिक सुरक्षा योजना है। इन स्थितियों के चलते नईदुनिया का भगवान ही मालिक है।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement