विकास मिश्र-
आज 13 दिसंबर है और आज न्यूज 24 चैनल 16 साल का हो गया। मैं भी इस चैनल की लांचिंग टीम का हिस्सा बना था। इस चैनल की शुरुआत किसी क्रांति से कम नहीं थी। अजीत अंजुम सर मैनेजिंग एडिटर थे। टीआरपी मास्टर कहे जाने वाले आजतक के वर्तमान न्यूज डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद यहां भी न्यूज डायरेक्टर बनकर आए थे।
एंकर्स की टीम भी सुन लीजिए। वो नाम जो इस वक्त दुनिया भर में छाए हुए हैं- सईद अंसारी, श्वेता सिंह, अंजना ओम कश्यप, चित्रा त्रिपाठी, नेहा बाथम, अखिलेश आनंद और कविता चौहान। ये सभी इसकी शुरुआती टीम के हिस्सा थे। चर्चित एंकर रुबिका लियाकत को भी न्यूज 24 ने ही नई पहचान दी और रूबिका ने अंजना की स्टाइल को यहीं से पकड़ा। आज इस चैनल से जुड़ी 16 साल पुरानी यादें सरगोशी कर रही हैं।
जिस हिसाब से तैयारी चल रही थी, ऐसे में लग रहा था कि 14 जनवरी 2008 यानी मकर संक्रांति से पहले चैनल लॉंच नहीं हो पाएगा। दिसंबर बीत रहा था। आगे पूरा महीना खलमास का था। एक दिन अनुराधा जी ने कहा कि 13 दिसंबर को चैनल लॉंच कर दिया जाए। फौरन तैयारी शुरू हो गई। चैनल लाॉंच हो गया।
न्यूज 24 का पहला बुलेटिन तैयार किया था शादाब मुज्तबा ने। पहला एंकर जो पढ़ा गया, उसे शादाब ने लिखा था। पहली लाइन सईद अंसारी ने पढ़ी थी। पैनल पर अब्यज खान और अखलाक थे। बाद में इस संयोग को लेकर न्यूज 24 में खूब ठहाके लगते थे। सईद और श्वेता एक स्टूडियो में थे, दूसरे में थीं अंजना कश्यप…। न्यूज रूम दिखा रही थीं अपर्णा काला। बाहर अनुराधा मैडम और अजीत सर के पास थी चित्रा। चित्रा बिल्कुल नई थी, लेकिन ऊर्जा से भरी हुई। गड़बड़ ये हो गई कि गलती से लाइव में उसने अजीत सर को मैनेजिंग एडिटर की जगह मैनेजिंग डायरेक्टर कह दिया। अजीत सर का गुस्सा उनके चेहरे पर तो आ गया था, लेकिन उन्होंने संभाल लिया।
मेरा एक स्पेशल शो तैयार था, दूसरे के लिए जूझ रहे थे। सिस्टम सपोर्ट नहीं कर रहा था, सर्वर बार बार बैठ रहा था। शो 7.30 बजे जाना था। 38 घंटे लगातार दफ्तर में ही बने रहे। एक पल के लिए भी सो नहीं पाए। मेरे साथ शंभू जी, एडिटर श्रीधर भी नहीं सोए। अजीत सर और सुप्रिय जी बार बार कह रहे थे, छोड़ दो कुछ और चला लेंगे, मैंने भी जिद पकड़ ली थी कि हर हाल में शो जाएगा.. और शो गया भी..। दरअसल गुजरात में चुनाव था। कार्तिकेय शर्मा और राहुल महाजन ने अलग अलग जगह से रिपोर्टिंग की थी। उनको एक शो में पिरोना था। सर्वर बैठने की वजह से ये काम बहुत मुश्किल था, लेकिन हो गया। करीब 40 घंटे बाद दफ्तर से घर पहुंचा था, श्रीमती जी ने किसी विजेता सम्राट की तरह घर में स्वागत किया था। वो पल मैं कभी भूल नहीं सकता।
न्यूज़ 24 में ज्यादातर साथी आजतक से ही आये थे। मनीष कुमार, राकेश कायस्थ, शादाब मुज्तबा, मुकुल मिश्रा, आरसी शुक्ला, विनती झा, संतोष तिवारी, कार्तिकेय शर्मा। सब बस सुप्रिय के नाम पर आ गए थे। एक तरह से न्यूज 24 परिवार बन गया था। चैनल का माहौल भी पारिवारिक ही बन गया था।
अजीत सर हेड थे, उनके बारे में पहले सुना था कि बहुत गुस्से वाले हैं। देख भी लिया था उनका गुस्सा। ऐसा संयोग हुआ कि मेरे कई प्रोग्राम से वे प्रभावित हुए और मैं उनके बहुत करीब हो गया। यहां तक कि जो बातें वो किसी से नहीं करते थे, वो उन्होंने मुझसे शेयर कीं। इस ताकीद के साथ कि तुम कहीं भी कुछ भी बोल देते हो, लेकिन ये बातें हमारे-तुम्हारे बीच रहेंगी। कई बार उन्होंने धर्मसंकट की भी स्थिति खड़ी की तो कई बार मैंने उन्हें धर्मसंकट से उबारा।
शुरुआती दौर में ही अजीत जी जब ‘कड़कनाथ’ बने तो एक वरिष्ठ साथी को पसंद नहीं आया। उन्होंने अनुराधा जी और राजीव जी को उनके खिलाफ मेल कर दिया, अनाम के रूप में। अनुराधा जी ने वो मेल अजीत जी को ही फॉरवर्ड कर दिया। किसने मेल किया, ये पता लगाने के लिए जांच का जिम्मा अजीत सर ने उन्हें ही सौंप दिया, जिन्होंने ये मेल की थी। बाद में खुलासा हो गया कि मेल आखिर किया किसने था। यानी दुश्मन आस्तीन में ही था।
चैनल जब शुरू हुआ था तो एंकर नंबर एक थे सईद अंसारी। श्वेता पहले उनके साथ काम कर चुकी थीं सहारा में। अंजना लगभग नई थीं। चित्रा और नेहा तो बिल्कुल नई। चित्रा बहुत प्रतिभावान थी। गोरखपुर से थी, मुझसे बढ़िया रिश्ता हो गया। हमारी सर्किल के एक साथी की तब तक शादी नहीं हुई थी। स्मार्ट थे, हैंडसम थे, ब्राह्मण थे। हम लोग शाम को चाय पीने अक्सर नीचे जाया करते थे। बात चली उनकी शादी की, उसमें बात चली चित्रा की। बात हंसी मजाक से शुरू हुई। मैंने कहा कि अगर आप सीरियस हैं तो चित्रा से मैं शादी की बात चला सकता हूं। झंडी हरी हो गई। मैंने सोचा कि सही समय से बात कर लूंगा। जोड़ी बिल्कुल सही थी।
इस बात के तीन दिन नहीं बीते थे। एक रोज अतुल अग्रवाल आ गया दफ्तर में। हम लोग चैनल 7 में पहले भी काम कर चुके थे। तबसे अतुल मेरा बहुत सम्मान करता था। तब वो लाइव इंडिया में था। आते ही बोला-भइया नमस्ते। मैंने पूछा- तुम भी ज्वाइन कर रहे हो क्या। अतुल बोला-नहीं सर, यहां आपकी बहू ने ज्वाइन किया है, बस उसी को ले जाने आया हूं। मैं ठिठका कि कौन बहू..? उसने कहा- चित्रा त्रिपाठी। मेरी योजना पर तो पानी फिर गया था। मैंने उसे बधाई दी। कुछ ही दिनों बाद वो भी चैनल में ही आ गया। बाद में अतुल की चित्रा से तो कविता की अखिलेश आनंद से शादी भी हुई।
चैनल तो लॉंच हो गया। चला भी दनदनाते हुए। दिन बीते, हफ्ते बीते, महीने बीते, लेकिन पार्टी नहीं हुई थी। हम लोगों ने अनुराधा मैडम से पार्टी की डिमांड रखी। आखिरकार पार्टी तय हुई। पार्टी की तारीख थी- 13 सितंबर 2008। शानदार आयोजन था, इससे पहले कि पार्टी रंग पकड़ती, दिल्ली में आतंकी धमाका हो गया। सीरियल ब्लास्ट। कुछ साथियों को फौरन वहां से दफ्तर जाना पड़ गया। दिक्कत उनके लिए थी, जिनकी नाइट शिफ्ट थी और वे छुट्टी पर थे उस रोज। शराब के चार पैग लगा चुके थे, उन्हें फिर से दफ्तर जाना पड़ा। मेरा मामला प्रोग्रामिंग से जुड़ा था, तो मुझे अगले दिन जल्दी जाना था, रात की दिक्कत नहीं थी। तो पहली बार न्यूज 24 के साथियों के बीच मधुशाला का सस्वर पाठ किया। पीछे अनुराधा जी भी बैठीं थीं, मुझे नहीं पता था कि वो पीछे ही हैं, लेकिन उन्होंने पूरा सुना और जमकर तारीफ की। मैं थोड़ा शरमा भी गया। ब्यूरो के सारे साथियों से वहीं मुलाकात हुई। क्या टीम थी। मुंबई में हेमंत शर्मा, पटना में अमिताभ ओझा, मध्य प्रदेश में प्रवीण दुबे, लखनऊ में राजकुमार सिंह और मानस श्रीवास्तव।
समय बीता। अजीत जी के लिए एक प्रोग्राम तय हुआ। दरअसल अजीत जी लाइव पर नेताओं की जबरदस्त ठुकाई करते थे। उसी दौरान अर्णव गोस्वामी का प्रोग्राम टाइम्स नाऊ पर सुपरहिट हो रहा था, अजीत जी उस शो के फैन थे। फिर योजना बनी कि अजीत जी के लिए भी वैसा प्रोग्राम लॉंच किया जाए। प्रोग्राम के नाम पर विचार हुआ। कई नाम आए। ‘आजा लड़ ले’ नाम भी आया। आखिर में नाम फाइनल हुआ- दो टूक। लेकिन इसी बीच कुछ गड़बड़ हुई, अजीत सर ने इस्तीफा दे दिया। ये प्रोग्राम मिल गया अंजना ओम कश्यप को। इस प्रोग्राम को अंजना एक नए मुकाम तक ले गईं। इसी के दम पर एबीपी में उन्हें टॉक शो मिला और अब आजतक का हल्ला बोल, दो टूक का ही एक्सटेंशन है।
न्यूज 24 में मैं साढ़े तीन साल रहा। अजीत जी भी चले गए थे, सुप्रिय भी इस्तीफा दे गए थे। उसके बाद मैंने चैनल बदला। ये साढ़े तीन साल अद्भुत रहे। अगर मैं लिखने पर आऊं तो इन अनुभवों पर ही एक पूरी किताब बन जाएगी। आजतक में रहते हुए मैं अक्सर लोगों से कहता रहा कि मैं न्यूज 24 को अभी भी अपना आनुषंगिक अंग समझता हूं। एक वक्त था कि सारे चैनल और 11 प्रदेशों की पुलिस हनीप्रीत की तलाश में थी। हनीप्रीत मिली तो आजतक और न्यूज 24 को एक साथ। इंटरव्यू भी एक साथ प्रसारित हुआ। मैंने फेसबुक पर पोस्ट किया कि सबसे तेज आजतक। किसी साथी ने कहा कि नहीं, न्यूज 24 पर भी साथ ही आया है। मैंने कहा- न्यूज 24 भी हमारा ही है।
ये तो सब जानते हैं कि न्यूज 24 राजीव शुक्ला जी का ही चैनल है, लेकिन उन्होंने हमेशा अपने चैनल से दूरी बनाए रखी। लाइव पर भी वे कम ही बैठते थे। ऐसे अद्भुत व्यक्तित्व कि किसी भी बड़ी हस्ती को लेकर न्यूज 24 आते थे, लेकिन उसे अलग छोड़कर हम लोगों से बातचीत में मशगूल हो जाते थे। यही नहीं उनकी बेटी का जन्मदिन था। पार्टी में राजनीति, क्रिकेट, फैशन और फिल्म की बड़ी हस्तियां आई थीं, लेकिन वे हम लोगों के बीच ही बैठे रहे, साथियों से कहते रहे कि ये खाओ, बहुत बढ़िया बना है। मैंने कहा कि सर आप जाइए मेहमानों के पास। वे बोले- कोई बात नहीं, मुझे जहां बैठना पसंद है, वहीं बैठा हूं।
न्यूज़ 24 में आजतक से जो लोग गए थे। बाद में सुप्रिय प्रसाद के आजतक ज्वाइन करने के बाद एक-एक करके सभी आजतक आ गए। मनीष जी, शादाब, श्वेता, सईद अंसारी, अंजना, नेहा बाथम, चित्रा त्रिपाठी, मुकुल मिश्रा, मैं, आरसी शुक्ला, अखलाक…करीब करीब सभी। मैं जहां भी रहा, जब भी किसी का बायोडाटा न्यूज 24 से आया, मैंने कहा कि आंख मूंदकर रख लीजिए। प्रिंट में दैनिक जागरण और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में न्यूज 24 सर्वश्रेष्ठ नर्सरी हैं। यहां जो काम कर लिया, वो हर जगह काम कर सकता है। न्यूज 24 से मैं अप्रैल 2011 में गया था, लेकिन आज भी कहीं न कहीं लगता है कि न्यूज 24 अपना ही चैनल है। यहां अनुराधा जी और राजीव जी का बहुत प्यार मुझे मिला। यहीं पर मुझे कई शानदार शो बनाने का मौका मिला। मैंने लता मंगेशकर पर एक शो बनाया था, उससे व्यक्तिगत रूप से लता दीदी का आशीर्वाद मिला। उनसे फोन पर आगे चलकर कई बार बात भी हुई। चैनल से भले ही मैं अलग हो गया, लेकिन अनुराधा मैम का स्नेह मुझे हमेशा मिलता रहा। जब भी उनसे मुलाकात हुई, उन्होंने कहा कि कभी आकर मिलो। कुछ महीनों पहले मैं उनसे मिला भी था। घंटे भर तक गप चली थी।
एक शो की सीडी मैंने तैयार की थी, उसकी एंकरिंग रुबिका लियाकत ने की थी, लेकिन इसी बीच मैं चैनल छोड़कर चला गया था। अजीत सर की वापसी हुई। उन्होंने वो शो ऑन एयर किया, बिना किसी अपग्रेड के। वही एंकर, वही स्क्रिप्ट और वही शो। ये मेरे लिए किसी तोहफे से कम नहीं था।
न्यूज़ 24 से जुड़ाव का जो मोड़ था, वो वहीं ठहरा हुआ है। सभी साथियों से वैसा ही रिश्ता है। चाहे अजीत अंजुम सर हों, सुप्रिय प्रसाद हों, राहुल महाजन हों या फिर आजतक में लौटे सभी साथी। जिन साथियों ने न्यूज 24 में साथ काम किया था, वे कहीं न कहीं किसी न किसी चैनल में बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। सईद अंसारी, अंजना, श्वेता, चित्रा, रूबिका, नेहा, अखिलेश आनंद इंडस्ट्री के सुपरस्टार एंकर हैं। डेस्क पर काम कर चुके कई साथी इंडस्ट्री इंडस्ट्री में धूम मचा रहे हैं। इन सभी को न्यूज 24 का आभारी होना चाहिए। आज भी न्यूज 24 चैनल शान से चल रहा है। हर तरह की खबरें यहां चल रही हैं। जो लोग यहां काम कर रहे हैं, उनको मेरी बधाई। पोस्ट जरा लंबी हो गई है। बहरहाल चैनल की 16वीं सालगिरह पर वहां काम कर रहे सभी साथियों और अनुराधा मैडम को बहुत बहुत बधाई।
Kripal Singh
December 14, 2023 at 9:04 pm
न्यूज़ 24 एक शानदार हिंदी न्यूज़ चेंनल नही परिवार है। मैं भी 11 साल से ज्यादा उस परिवार का हिस्सा रहा।