Saurabh N Sharma : अभी अभी पता चला है कि मेरे पुराने वरिष्ठ साथी ओंकार सिंह जी का गैंगरिन की वजह से एक पैर काट दिया गया। फिलहाल वह गाजियाबाद में अपने भतीजे के पास हैं। यह एक दुखद घटना है। ओंकार जी ने संभवत: अपने करियर की शुरूआत बरेली अमर उजाला से की थी और तब मेरी वहीं उनके साथी पत्रकार अमिताभ सक्सेना (जो अब इस दुनिया में नहीं है) जी के साथ मुलाकात हुई थी।
उन दिनों मैं आज अखबार को अपनी सेवाएं देते हुए पत्रकारिता की एबीसीडी सीख रहा था। उसके बाद मुलाकातों का दौर चलता रहा। मैने उनसे काफी कुछ सीखा-समझा। बाद में उन्होंने दैनिक जागरण अलीगढ, मेरठ और देहरादून को भी अपनी सेवाएं प्रदान की। अब इस घटना को सुनकर मैं बुरी तरह हिल चुका हूं। सोचता हूं वक्त कैसे करवट बदलता है। मुसीबतों का पहाड कब किस पर टूट पडे किसी को नहीं पता। मैं उन्हें देखने जाना चाहता हूं, लेकिन क्या करूं मजबूर हूं, इन दिनों खुद ही बीमार हूं।
दैनिक जागरण, मेरठ में कार्यरत पत्रकार सौरभ शर्मा के फेसबुक वॉल से.