गिरीश मालवीय-
एक छोटी सी अपील है….. कई दिन से देख रहा हूं कि सोशल मीडिया पर दो मामलों की बहुत चर्चा है …..पहला है उत्तर प्रदेश की एक महिला एसडीएम ज्योति मोर्या का मामला और दूसरा मामला है पाकिस्तान से भाग कर आई चार बच्चों की मां सीमा हैदर, और राजस्थान के सचिन की लव स्टोरी का।
पत्रकारिता के अपने कई सालो के अनुभव से आपको यह बता रहा हूं कि ये दोनो मामले बनावटी है इसे जानबूझकर हमारी असली समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है।
ज्योति मोर्या की निजी जिंदगी है, उनकी पर्सनल लाईफ को उछालने का ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर और मीडिया में डिस्कस करे जाने का कोई तुक नहीं है।
सिर्फ इसलिए कि एक ज्योति जी एक सरकारी अधिकारी है हमे उनके पर्सनल मैटर में बोलने का अधिकार नहीं मिल जाता है इसमें पत्नी को पढ़ाने वाले पति का एंगल इसलिए ही डाला गया है ताकि मामले को वायरल कराया जा सके और सोशल मीडिया के बड़े बड़े धुरंधर भी इस झांसे में आए है।
दूसरा मामला तो जबरदस्त ढंग से बनावटी है जिसकी पुष्टि सीमा हैदर की रील से हो जाती है, जो वायरल हो रही है साफ़ दिख रहा है कि कोई न कोई तगड़ा बैकअप उनके पीछे काम कर रहा।
आप खुद ही सोचिए कि कोई मध्य वय की महिला पाकिस्तान से भाग कर आए तो सब से पहले तो वो खुद ही सबसे छुपने का प्रयास करेगी कि उसे जासूस न समझ लिया जाए या कि खुद आगे रहकर अपना इतना प्रचार प्रसार करेगी ?
ये एक तरह का ट्रैप है जिसे ध्यान भटकाने के लिए डिजाइन किया गया है। अब सवाल उठता है तो ऐसे माहौल में हम लोगों को क्या करना चाहिए?
ऐसे में हम लोगो को ऐसे मुद्दे उठाने चाहिए जो आपकी हमारी जिंदगी से जुड़े हुऐ हो जिनसे हमे रोज ही दो चार होना पड़ रहा हो। हम सब देख रहे हैं कि हमे सबसे ज्यादा कॉल आते है लोन देने वालों के।
बस किसी भी तरह से वे चाहते है कि आप उनसे छोटा या बड़ा किसी भी तरह का लोन ले ले, चूंकि वे कागज़ी कार्यवाही न के बराबर करवाते हैं इसलिए बहुत से लोग उनके चाले में आ जाते है और लोन ले बैठते है और फिर शुरु होता है अंतहीन ब्याज का सिलसिला जो अंत में किसी न किसी दुभाग्यपूर्ण घटना का सबब बनता है।
आज दो खबरे सामने आई है। बेंगलुरु के एक युवा छात्र तेजस ने ऐसी ही लोन शार्क एप की वसूली से तंग आकर आत्महत्या की है और दूसरी दिल दहला देने वाली घटना भोपाल की है जहां एक हंसता खेलता हुआ परिवार ऐसे ही आसान ऑनलाइन लोन के जाल में उलझ कर मौत के घाट उतर गया है भोपाल के रातीबड़ की शिव विहार कॉलोनी में रहने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा ने अपनी पत्नी रितु, और बेटे ऋतुराज और ऋषिराज समेत सुसाइड कर लिया है।
यह कोई पहली दूसरी घटना नही है पिछले कुछ सालो से ऐसे मामले हर शहर हर कस्बे और गांव में बढ़ते ही जा रहे है… इसे किसी न किसी तरह से रोकना ही होगा…
सोशल मीडिया के माध्यम से आप इन घटनाओं पर लिख कर वीडियो बनाकर, रील बना कर ज्यादा से उठाए ताकि हमारी सरकार जो कुंभकर्ण की नींद सो रही वो जागे और इन्हे रोके…….
वे मित्र जो यू ट्यूब पर सक्रिय है या ट्विटर पर है इंस्टा रील बनाते हैं वे भी इस विषय पर अपने प्रयासों से लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करें….. और इन लोन शार्क के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद करें …….. और सरकार को इन आसान लोन देने वाली संस्थाओं के विरुद्ध कानून बनाने के लिए प्रेरित करें …….
ये होगा सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल।