पीयूष चोपड़ा के साथ जो हुआ वो टीवी रिएलिटी शो में भाग ले कर बड़ा कैरियर बनाने का सपना देखने वालों के लिए सबक है। पीयूष ज़ी सिने स्टार्स 2007 के विजेता हैं। उनका कहना है कि सात साल के लम्बे इन्तज़ार के बाद भी उन्हे वो नहीं मिला जिसका वादा उनसे किया गया था। ज़ी सिने स्टार्स का विजेता होने के नाते उन्हे एक फिल्म में रोल दिए जाने का वादा किया गया था जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है। ज़ी द्वारा शुरू किए जा रहे ज़ी सिनेस्टार्स की खोज के नए सीज़न की ख़बरो को देख के पीयूष को अपने छले जाने का एहसास हुआ। शो के प्रतिभागियों को सच्चाई का एहसास कराने के लिए पीयूष ने शो के निर्माताओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है।
नीमच (मप्र) के रहने वाले पीयूष 2007 में ज़ी सिनेस्टार्स के विजेता बने थे। पुरस्कार के रूप में उन्हे ‘प्यार है तो कह दो यस’ फिल्म में काम मिला था। लेकिन मुहुर्त शॉट के कुछ समय बाद ही फिल्म को बंद कर दिया गया। पीयूष चाहते हैं कि सरकार ऐसे टैलेंट और रिएलिटी शो पर नज़र रखे जो आम आदमी को बड़े-बड़े सपने दिखा कर शो में भाग लेने के लिए बुलाते हैं। उनके अनुसार ऐसे रिएलिटी शो से टीवी चैनल बहुत पैसा कमाते हैं। टीवी चैनलों को उनके वादों को पूरा करने के लिए बाध्य किया जाना चाहिए।
उधर ज़ी टीवी के विज़नेस हेड प्रदीप हेजमादी ने कहा है कि उन्हे पीयूष की शिकायत पर पुलिस की तरफ से जांच के लिए कोई नोटिस नहीं मिला है। उन्होने कहा कि 22 जनवरी, 2007 को 32 शॉर्टलिस्टेड प्रतिभागियों के साथ करार हुआ था जिनमें एक पीयूष भी थे। करार 2012 में समाप्त हो गया। करीब डेढ़ साल तक चली पीयूष की परफॉरमेंस के दौरान करार के अनुसार तयशुदा राशी का भुगतान उन्हे किया गया। हेजमादी ने कहा कि किसी का कैरियर बनाने की जिम्मेदारी चैनल की नहीं है।